दुर्ग शहरी व ग्रामीण सीट जितने में नातू और बेलचंदन की बड़ी भूमिका

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दुर्ग। 04 दिसम्बर, 2023/  भाजपा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि संगठन और कार्यकर्ताओं की ताकत सर्वोपरि है। चुनाव के 6 महीना पहले तक अपराजेय माना जा रहा कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया। छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहरी व ग्रामीण सीट पर अब भाजपा के विधायक होंगे ।दुर्ग ग्रामीण सीट पर ललित चंद्राकर को प्रत्याशी बनाए जाने के उपरांत सहकारी नेता प्रितपाल बेलचंदन को चुनाव संचालक बनाया गया। प्रितपाल बेलचंदन संगठन के राजनीति में मंजे हुए नेता हैं । उन्हें चुनाव लड़ने व लड़वाने का गहरा अनुभव है। उनकी रणनीतियो ने प्रदेश के कद्दावर मंत्री ताम्रध्वज साहू को चारों खाने चित्त कर दिया, और नए चेहरे ललित चंद्राकर को ग्रामीण सीट पर विधायक निर्वाचित कर दिया। प्रीतपाल बेलचन्दन को चुनाव संचालक बनाए जाने के साथ ही भाजपा का कमल खिलना शुरू हो गया था। नतीजों ने इसे सच साबित कर दिया।
शहरी सीट पर भी भाजपा
के प्रत्याशी गजेंद्र यादव को विजय दिलाने में चुनाव संचालक विनायक नातू की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कांग्रेस के दो धाकड़ नेताओं को हराकर भाजपा के इन दोनों नए नवेले प्रत्याशियों ने जीत का नया इतिहास रच दिया है । क्षेत्र की जनता को उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ में नए मंत्रिमंडल के गठन में इन दोनो नए विधायकों को महती जिम्मेदारी दी जाएगी । कांग्रेस के दोनों पराजित नेता बरसों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधार स्तंभ में गिने जाते रहे हैं। इन दोनों नेताओं के पास चुनाव लड़ने का लम्बा अनुभव है। आर्थिक तौर पर भी दोनों कांग्रेसी नेता अपने विरोधियों से कहीं आगे थे । इसके बावजूद क्षेत्र की जनता ने गजेंद्र यादव और ललित चंद्राकर को अपना विधायक चुनकर यह स्पष्ट संदेश दे दिया है कि जनवादी राजनीति ही प्रदेश का भविष्य है।प्रितपाल बेलचंदन और विनायक नातू जैसे चुनाव संचालकों के चलते ही छत्तीसगढ़ में फिर भाजपा की सरकार आई है।  प्रीतपाल बेलचन्दन की अगुवाई में आमजनों के मन में चुनाव के लिए ऐसा नरेटिव सेट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी असली कार्ड है।तभी जनता ने भी मोदी की गारंटी को पूरा होने की गारंटी माना और यही गेम चेंजर प्लान बन गया। इस योजना को गेम चेंजर प्लान बनाने में प्रितपाल बेलचंदन और विनायक नातू जैसे नेताओं का बड़ा हाथ है। ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा के समक्ष धान एक बड़ा मुद्दा था।
दुर्ग ग्रामीण सीट के चुनाव संचालक प्रितपाल बेलचंदन मतदाताओं को समझने में सफल रहे की ₹31सौ के भाव से 21 क्विंटल धान की खरीदी और महिलाओं को प्रतिवर्ष ₹12000 भुगतान की घोषणा जनहित का सबसे बड़ा निर्णय है।
दोनों चुनाव संचालक ने कांग्रेस के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए महतारी वंदन के फॉर्म को घर-घर पहुंचवाया। भाजपा के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर आम लोगों के सामने रखा। सट्टेबाजी के आरोप को घर-घर लोगों तक पहुंचाया। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार के मसले परिवारों को आंदोलन किया। इस तरह बहुत सारे मुद्दों के चलते कांग्रेस पार्टी चौतरफा घिर गई ।
दुर्ग ग्रामीण व शहरी सीट पर भाजपा के चुनाव संचालक व रणनीतिकारों ने जनता से सीधे संवाद कर मुद्दों का चयन किया था। केंद्रीय नेतृत्व भी जीत के लिए ताकत झोंकी थी। कांग्रेसी नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर सवाल उठाते रहे, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व के साथ स्थानीय नेता भी अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित होकर प्रचंड बहुमत के लिए प्रचार में जुटा रहा   । भाजपा के शीर्ष नेताओं की चुनावी रणनीतियों को अमल में लाने में प्रीतपाल बेलचन्दन् और विनायक नातू कोई कोर कसर नहीं रखा। नतीजा आज सबके सामने है । भाजपा के दोनों ने प्रत्याशियों को जनता ने अपार जन समर्थन दिया और क्षेत्र के विकास की नई इबारत लिख दिया।


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