क्‍या नेहरू की वजह से पाकिस्‍तान के हाथ में चला गया आधा कश्‍मीर

0

नई दिल्‍ली,14 नवंबर 2022 /
कश्‍मीर मुद्दे पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर चर्चा गरम है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने उन्‍हें दोबारा कठघरे में खड़ा किया है। रिजीजू के मुताबिक, नेहरू गलत आर्टिकल का हवाला देकर संयुक्‍त राष्‍ट्र की शरण में गए। इसने पाकिस्‍तान को बेवजह इसमें पार्टी बना दिया।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) और कश्‍मीर विवाद को अक्‍सर जोड़कर देखा जाता है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) तो आए दिन नेहरू को इसके लिए कठघरे में खड़ा करती है। उसने फिर एक बार ऐसा किया है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू (Kiren Rijiju) ने कश्‍मीर मुद्दे को लेकर नेहरू पर हमला बोला है। उन्‍होंने दावा किया कि पाकिस्‍तान के हमले के बाद नेहरू ने गलत आर्टिकल के तहत संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) का दरवाजा खटखटाया। इसने पाकिस्‍तान को आक्रांता के बजाय इसमें पार्टी बना दिया। जाने-माने इतिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार ने भी हमारे सहयोगी चैनल ‘टाइम्‍स नाउ नवभारत’ के साथ बातचीत में आजादी के बाद कश्‍मीर मसले पर नेहरू की गलत नीतियों को उजागर किया। उनके मुताबिक, नेहरू के कारण पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाला कश्‍मीर (PoK) बन गया। आइए, यहां केंद्रीय मंत्री और इतिहासकार कपिल कुमार ने जो कहा है, उसके आईने में कश्‍मीर मुद्दे को लेकर नेहरू की भूमिका समझने की कोशिश करते हैं।
रिजीजू ने बिना किसी लाग-लपेट के देश के पहले प्रधानमंत्री को कश्‍मीर मुद्दे को उलझाने के लिए कसूरवार ठहराया। उन्‍होंने दावा किया कि कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान के हमले के बाद नेहरू गलत आर्टिकल के तहत संयुक्‍त राष्‍ट्र की चौखट पर चले गए। इसने पाकिस्‍तान को आक्रांता की जगह इस मुद्दे में पार्टी बना दिया।
नेहरू पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप
कानून मंत्री ने नेहरू को देश को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। रिजीजू बोले – नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र के जनमत संग्रह के ‘मिथक’ को कायम रखा। साथ ही संविधान के विभाजनकारी अनुच्छेद 370 का निर्माण किया। यही नहीं, नेहरू ने महाराजा हरि सिंह की भारत में विलय की याचिका को एक बार नहीं, तीन बार खारिज किया। रिजीजू ने यह हमला उस दिन किया जब सोमवार को नेहरू की जयंती थी। रिजीजू के मुताबिक, समय आ गया है जब इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के सभी प्रयासों का खंडन होना चाहिए। जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के लोगों को सच से रूबरू करना चाहिए।

इतिहासकार प्रो अनिल कुमार ने भी नीत‍ियों को बताया गलत
कानून मंत्री ने जो बातें कहीं करीब-करीब वही चीजें इतिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार ने भी बोलीं। हमारे सहयोगी चैनल के साथ चर्चा में शामिल हुए कुमार ने कहा कि इसे गलती कहना भी गलत है। गलती तो वो होती है जो अनजाने में की जाती है। नेहरू ने ही आजादी के बाद लॉर्ड माउंटबैटन को भारत का गवर्नर जनरल बनाया था। उन्‍होंने कहा कि कुछ चीजें युवाओं को नहीं बताई जाती हैं। इन्‍हें जानना जरूरी है। पहली बात यह है कि जो 562-563 रियासतें थीं वो सभी भारत का हिस्‍सा थीं। ये कोई स्‍वतंत्र राज्‍य नहीं थे। ब्रिटिश काल में इन्‍हें इंडियन प्रिंसली स्‍टेट कहा जाता था। दूसरे इंडियन प्रोविंस थे। अंग्रेजों ने भारत को दो टुकड़ों में नहीं 564 टुकड़ों में बांटा था। इन सबको स्‍वतंत्र देश बताकर वो इन्‍हें आजाद कर गए थे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें