रायपुर ।
नक्सल मामले में भारतीय जनता पार्टी की सरकार दिग्भ्रमित है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का बयान आया है कि उनकी सरकार नक्सलियों के लिये नई पुनर्वास नीति लाने जा रही है। सरकार को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि उसे करना क्या है? अभी तक सरकार ने 5 महिने में कोई नक्सल नीति नहीं बनाई है। पूर्ववर्ती सरकार की नीति जो पूरी तरह से सफल थी विश्वास, विकास, सुरक्षा की, नीति को भाजपा सरकार ने खारिज कर दिया है। पुरानी नीति खारिज करने के बाद अभी तक वर्तमान सरकार ने नक्सलवाद को लेकर अपनी कोई नीति घोषित नहीं किया है। सरकार पुनर्वास नीति लेकर आये उसके पहले नक्सल नीति तो घोषित किया जाये। जब नक्सल नीति घोषित करेंगे तब पुनर्वास नीति बनेगी यह उसका अंश है। अभी नक्सल नीति नहीं बनाई है और दावा कर रहे पुनर्वास नीति लेकर आयेंगे। ये अनिर्णय वाली स्थिति से इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा नक्सल मामले में मुख्यमंत्री का बयान कुछ आता है। गृहमंत्री कहते है नक्सलियों के घर में घुसकर मारेंगे। फिर गृहमंत्री का बयान आता है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे। गृहमंत्री समर्पित नक्सलियों से समर्पण किये हुये नक्सलियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात करते है। एक कदम आगे जाकर उनके साथ लाल भाजी खाने का न्योता स्वीकार करते है। जब गृहमंत्री नक्सलियों से बात कर रहे लाल भाजी खाने का न्योता स्वीकार कर रहे है। तब उन शहीद जवानों तथा बस्तर के लोगों के बारे में नहीं सोचते जो शहीद हुये है। आप लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने प्रेरित करिये, लेकिन महिमामंडन मत करें। आप गृहमंत्री है आपके आचरण से ऐसा मैसेज नही जाना चाहिये कि जो शहीद हुये उनका अपमान हो रहा है या सुरक्षा बलों का मनोबल टूट रहा है। गांव व वहां रहने वाले निवासियों का मनोबल टूट रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नक्सलवाद एक संवेदनशील मुद्दा है। सरकार इस मामले में गंभीर पहल करे और बताये कि नक्सलवाद को लेकर तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र को लेकर उसकी क्या योजना है? सरकार की इसके लिये क्या सामरिक, राजनैतिक और आर्थिक नीति, सामाजिक नीति है इसको स्पष्ट किया जाये।