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  • छत्तीसगढ़ में होगी भारी बारिश, रायपुर, बस्तर, बिलासपुर सहित कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    छत्तीसगढ़ में होगी भारी बारिश, रायपुर, बस्तर, बिलासपुर सहित कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी

    रायपुर. छत्तीसगढ़ में मानसून की एक्टिविटी 26 जून से बढ़ सकती है. पिछले 2 दिनों में प्रदेश में हो रही बारिश में ब्रेक लग गया. इस वजह से राजधानी रायपुर में तेज धूप और उमस ने लोगों को परेशान कर दिया. मौसम विभाग ने बुधवार प्रदेश में बारिश की गतिविधि बढ़ने के साथ कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है. आज बस्तर, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के कई जिलों में मध्य से लेकर भारी बारिश के येलो अलर्ट जारी किया गया है. 29 जून तक प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो सकती है. इससे आने वाले कुछ दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है.

    मंगलवार को सक्ती जिले में सबसे ज्यादा 50 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया है. वहीं बसना में 20 मिलीमीटर, सरायपाली में 30 मिलीमीटर और भैरमगढ़ में 40 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है.

    इन जिलों के लिए जारी किया गया येलो अलर्ट
    छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरीके से एक्टिव हो चुका है. मौसम विभाग ने बुधवार को नारायणपुर, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, सुकमा, बलरामपुर, जांजगीर, जशपुर, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर, कोरबा, मुंगेली, कवर्धा, बिलालपुर, पेंड्रा, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी, रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और बलौदाबाजर जिले में भारी बारिश की संभावना जताई है. इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. कुछ जगहों पर बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है.

    वहीं छत्तीसगढ़ के पेंड्रा इलाके में मानसून की दस्तक के साथ भेड़ों का दल पहुंच गया है. गुजरात और राजस्थान से लोग भेड़ चराने छत्तीसगढ़ के जंगलों में आते हैं. हजारों की संख्या में एक साथ भेड़ों के जंगलों में पहुंचने से नुकसान भी होता है.

    मंगलवार को कुछ ऐसा रहा जिलों का तापमान
    मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान राजनांदगांव में 39.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. सबसे कम तापमान नारायणपुर में 21.8 डिग्री रहा. तो वहीं रायपुर में दिन का तापमान 37.6 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3 से 4 डिग्री ज्यादा था. तो वहीं बिलासपुर में 36 डिग्री, अंबिकापुर में 34.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. मंगलवार को बारिश नहीं होने के कारण प्रदेश के कई जिलों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से लेकर 25 जून के बीच प्रदेश में 81.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. अब तक प्रदेश के 10 जिलों में सामान्य बारिश हुई है तो वहीं 4 जिले ऐसे हैं जहां बारिश कम हुई है.

    मानसून की एक्टिविटी 26 जून से बढ़ सकती है. पिछले 2 दिनों में प्रदेश में हो रही बारिश में ब्रेक लग गया. इस वजह से राजधानी रायपुर में तेज धूप और उमस ने लोगों को परेशान कर दिया. मौसम विभाग ने बुधवार प्रदेश में बारिश की गतिविधि बढ़ने के साथ कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है. आज बस्तर, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के कई जिलों में मध्य से लेकर भारी बारिश के येलो अलर्ट जारी किया गया है. 29 जून तक प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो सकती है. इससे आने वाले कुछ दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट आ सकती है.

    मंगलवार को सक्ती जिले में सबसे ज्यादा 50 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया है. वहीं बसना में 20 मिलीमीटर, सरायपाली में 30 मिलीमीटर और भैरमगढ़ में 40 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है.

    इन जिलों के लिए जारी किया गया येलो अलर्ट
    छत्तीसगढ़ में मानसून पूरी तरीके से एक्टिव हो चुका है. मौसम विभाग ने बुधवार को नारायणपुर, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, सुकमा, बलरामपुर, जांजगीर, जशपुर, कोरिया, सरगुजा, सूरजपुर, कोरबा, मुंगेली, कवर्धा, बिलालपुर, पेंड्रा, राजनांदगांव, गरियाबंद, धमतरी, रायपुर, दुर्ग, महासमुंद और बलौदाबाजर जिले में भारी बारिश की संभावना जताई है. इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. कुछ जगहों पर बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है.

    वहीं छत्तीसगढ़ के पेंड्रा इलाके में मानसून की दस्तक के साथ भेड़ों का दल पहुंच गया है. गुजरात और राजस्थान से लोग भेड़ चराने छत्तीसगढ़ के जंगलों में आते हैं. हजारों की संख्या में एक साथ भेड़ों के जंगलों में पहुंचने से नुकसान भी होता है.

    मंगलवार को कुछ ऐसा रहा जिलों का तापमान
    मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान राजनांदगांव में 39.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. सबसे कम तापमान नारायणपुर में 21.8 डिग्री रहा. तो वहीं रायपुर में दिन का तापमान 37.6 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3 से 4 डिग्री ज्यादा था. तो वहीं बिलासपुर में 36 डिग्री, अंबिकापुर में 34.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया. मंगलवार को बारिश नहीं होने के कारण प्रदेश के कई जिलों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहा. मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से लेकर 25 जून के बीच प्रदेश में 81.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. अब तक प्रदेश के 10 जिलों में सामान्य बारिश हुई है तो वहीं 4 जिले ऐसे हैं जहां बारिश कम हुई है.

  • बस्तर,कोंडागांव,कांकेर में आज से सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान

    बस्तर,कोंडागांव,कांकेर में आज से सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान

    रायपुर 1 दिसंबर 2022/

    एवं कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु बस्तर संभाग के तीन जिले बस्तर,कांकेर, कोंडागांव में 1 दिसंबर से ‘सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान’ चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत समुदाय में हर एक मरीज की स्क्रीनिंग एवं उपचार किया जाएगा। अभियान के दौरान मितानिन के द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। अभियान की सार्थकता के लिए वृहद पैमाने पर तैयारी की जा रही है।

    इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया: “सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के बारे में स्वास्थ्य सचिव द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिले की तैयारियों पर चर्चा की गयी। वर्ष-2023 तक प्रदेश को टीबी और कुष्ठ मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से यह सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, मितानिन, कुष्ठ मित्र एवं टीबी मितान के सहयोग से, संभावित कुष्ठ मरीजों और टीबी रोगियों की खोज की जाएगी और लोगो को जागरूक किया जाएगा। इसी क्रम में ‘सघन टीबी एवं कुष्ठ रोगी खोज अभियान’ दो चरणों में पूर्ण किया जाएगा। प्रथम चरण में 1 से 21 दिसंबर तक घर-घर भ्रमण कर टीबी एवं कुष्ठ रोग के लक्षण के आधार पर संभावित मरीजों की पहचान की जाएगी। वहीं द्वितीय चरण में 2 से 17 जनवरी तक सभी निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम, प्राइवेट प्रैक्टिशनरों व केमिस्टों द्वारा चिन्हांकित टीबी व कुष्ठ रोग के संभावित मरीजों की दैनिक सूची लेकर इसे टीबी व कुष्ठ रोग के पोर्टल में दर्ज किया जाएगा। अगर किसी मरीज को जांच की आवश्यकता हुई तो निःशुल्क जांच के लिए सैंपल एकत्र किया जाएगा।

    टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.सी.आर.मैत्री ने बताया: “सघन टीबी एवं कुष्ठ खोज अभियान के दौरान प्रत्येक घर जाकर सभी व्यक्तियों में लक्षणों का पता लगाया जाएगा। टीबी रोग के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इसे तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति के खाँसने या छीकने से, टीबी के कीटाणु श्वसन के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करके उसे संक्रमित करता है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे प्रमुख फेफड़ों की टीबी ही है लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है।

    संभावित कुष्ठ के लक्षणः
    चमड़ी पर दाग, चकत्ते जिसमे सुन्नपन हो। घाव जो भर न रहे हों, चमड़ी पर तेलिया तामिया चमक हो। चमड़ी पर (खासकर चेहरे पर), भौहों के ऊपर, ठुढी पर या कानो मे गठानें, सूजन या मोटापन हो। तंत्रिकाओं में मोटापन। सूजन हो। दबाने से दर्द होता हो। हाथ पैरो में झुनझुनी या सुन्नपन हो।