Category: इंटरनेशनल

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कजान में महात्मा गांधी पर प्रदर्शनी देखी

    प्रधानमंत्री मोदी ने कजान में महात्मा गांधी पर प्रदर्शनी देखी

    कजान। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी कजान यात्रा के दौरान मंगलवार को महात्मा गांधी पर आयोजित एक प्रदर्शनी देखी। मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस रूसी शहर में हैं।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कजान की अपनी यात्रा के अवसर पर महात्मा गांधी पर लगाई गई एक प्रदर्शनी देखी।

    प्रदर्शनी में अन्य चीजों के अलावा लियो टॉल्स्टॉय के साथ महात्मा गांधी के जुड़ाव पर भी प्रकाश डाला गया। यह प्रदर्शनी विशेष महत्व रखती है क्योंकि लियो टॉल्स्टॉय कई वर्षों तक कजान में रहे और अध्ययन किया।

  • बांग्लादेश हिंसा, 100 लोगों की हुई मौत

    बांग्लादेश हिंसा, 100 लोगों की हुई मौत

    बांग्लादेश

    पड़ोसी देश बांग्लादेश से एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए. यहां छात्र प्रदर्शनकारी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं की बीच भिड़ंत हुआ थी. प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया. सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की, पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पहली बार सरकार ने ये कदम उठाया है।

    बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों के इस आंदोलन में पहले भी हिंसा भड़क चुकी है और अब तक देश भर में कम से कम 200 लोगों की मौत हो चुकी है. विरोध-प्रदर्शनों का केंद्र राजधानी ढाका रहा है.रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ लाठी वगैरह लेकर पहुंची थी. ढाका के बीच स्थित शाहबाग चौराहे पर यह भीड़ जमा हुई तो पुलिस और आंदोलन कारियों के बीच जमकर संघर्ष हुआ. इसके अलावा कई स्थानों व प्रमुख शहरों में भी सड़क पर प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मियों में आमना-सामना हुआ. प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया. पुलिस के साथ-साथ इस झड़प में सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थक भी थे,जिनसे प्रदर्शनकारियों का आमना-सामना हुआ।

  • शर्मनाक पेरिस ओलंपिक में कमेंट्री के दौरान पाकिस्तान की क्यों हुई फजीहत? Video वायरल

    शर्मनाक पेरिस ओलंपिक में कमेंट्री के दौरान पाकिस्तान की क्यों हुई फजीहत? Video वायरल

    पेरिस।

    फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार 26 जुलाई को ओलंपिक 2024 का शुभारंभ हो चुका है. ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान को अपने एथलीट्स की संख्या को लेकर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. समारोह के दौरान एक कमेंटेटर ने पाकिस्तान के लिए ऐसी बात कह दी जिसे पाकिस्तानी देश के लिए शर्मनाक बता रहे हैं.

    ओलंपिक में पाकिस्तान की तरफ से 18 सदस्य ने हिस्सा ले रहे हैं जिसमें केवल 7 एथलीट शामिल हैं. पाकिस्तान के 7 एथलीट्स के साथ 11 अधिकारी ओलंपिक के लिए पेरिस पहुंचे हैं. ओपनिंग सेरेमनी के दौरान पाकिस्तान की 18 सदस्यीय टीम को देख एक कमेंटेटर ने कहा, ‘पाकिस्तान 24 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला देश है लेकिन ओलंपिक में केवल 7 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं.’

    उद्घाटन समारोह में पाकिस्तान पर कमेंट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और पाकिस्तानी इसे शर्म की बात बता रहे हैं. पाकिस्तान के पत्रकार बासित सुभानी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर इवेंट का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘शर्मनाक… इसका जिम्मेदार कौन है?’ पाकिस्तानी पत्रकार फरीद खान ने भी एक्स पर लिखा, ‘यह बेहद शर्मनाक है और बहुत दुखदायी भी. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?’

  • टी20 क्रिकेट में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, मलेशिया की इस गेंदबाज ने 7 बल्लेबाजों को आउट कर उड़ाया गर्दा

    टी20 क्रिकेट में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड, मलेशिया की इस गेंदबाज ने 7 बल्लेबाजों को आउट कर उड़ाया गर्दा

    नई दिल्ली। 

    क्रिकेट में आए दिन रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं। दिलचस्प आंकडे़ हमेशा लुभावने होते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है कि ये रिकॉर्ड नहीं टूट पाएगा लेकिन अगले ही पल क्या हो जाए कोई नहीं जानता। कई खिलाड़ी अपने प्रदर्शन को पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस को चौंका देते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड 17 साल की गेंदबाज ने बनाया है। इस इंडोनेशियाई किशोरी ने टी20 इंटरनेशनल में बिना कोई रन दिए 7 विकेट चटकाए (3.2-3-0-7), जो वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं टी20 फॉर्मेट में ये सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी हैं।

    दरअसल, अपना डेब्यू मैच खेल रही इंडोनेशिया की रोहमालिया रोहमालिया ने ये कारनामा कर दिखाया है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि इंडोनेशिया की रोहमालिया ने शून्य रन देकर 7 विकेट हासिल किए, जो सभी टी20 इंटरनेशनल में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का आंकड़ा है। ऐसा आज तक कोई नहीं कर सका है।

     बता दें कि, बाली में मंगोलिया के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज के पांचवें टी20 इंटरनेशनल में स्पिनर रोहमालिया ने 20 गेंदें फेंकी। ये सभी डॉट गेंदें रहीं। इस दौरान रोहमालिया ने सात बल्लेबाजों को शून्य पर आउट किया। अर्जेंटीना की एलिसन स्टॉक्स और नीदरलैंट की फ्रेडरिक ओवरडिज्क के बाद रोहमालिया महिला टी20 में 7 विकेट लेने वाली तीसरी गेंदबाज हैं।

  • भारत का सुरक्षा परिषद में स्‍थाई सदस्‍यता का दावा मजबूत, अमेरिका ने किया एलन मस्‍क का समर्थन, बोला- सुधार जरूरी

    भारत का सुरक्षा परिषद में स्‍थाई सदस्‍यता का दावा मजबूत, अमेरिका ने किया एलन मस्‍क का समर्थन, बोला- सुधार जरूरी

    वॉशिंगटन।
    संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्‍थाई सदस्‍यता हासिल करने में जुटे भारीत के दावे को और बल मिला है. टेस्‍टला चीफ एलन मस्‍क ने कुछ महीने पहले UNSC में भारत की स्‍थाई सदस्‍यता की वकालत की थी. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा था कि भारत का सुरक्षा परिषद का स्‍थाई सदस्‍य न होना बेतुका है. अब अमेरिका ने भी मस्‍क का समर्थन किया है. अमेरिका ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार की मांग का समर्थन किया है. साथ ही कहा कि वॉशिंगटन भी चाहता है कि यूएन में सुधार हो, ताकि वह 21वीं सदी की सही तस्‍वीर पेश कर सके.

    अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उपप्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित संयुक्त राष्ट्र संस्थानों में सुधार के लिए समर्थन की पेशकश की है. UNSC में भारत की स्थायी सीट की कमी के बारे में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान के बारे में पूछे जाने पर, वेदांत पटेल ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणी में पहले भी इस बारे में की है और सचिव ने भी इस बारे में बताया है. हम निश्चित रूप से सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र की अन्‍य संस्थाओं में सुधारों का समर्थन करते हैं, ताकि इसे 21वीं सदी की दुनिया, जिसमें हम रह रहे हैं, को प्रतिबिंबित किया जा सके. वे कदम क्या हैं, इसके बारे में बताने के लिए मेरे पास कोई विशेष जानकारी नहीं है. लेकिन, निश्चित रूप से हम इसे स्वीकार करते हैं. सुधार की आवश्यकता है, लेकिन मैं इसे अभी यहीं छोड़ दूंगा.’

    एलन मस्‍क ने क्‍या कहा था?
    इस साल जनवरी में एलन मस्क ने भारत को UNSC में स्थायी सीट न मिलने को ‘बेतुका’ बताया था. उन्होंने कहा था कि जिन देशों के पास जरूरत से ज्यादा ताकत है, वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. X पर एक पोस्ट में मस्क ने कहा, ‘कुछ बिंदु पर संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है. समस्या यह है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. भारत के पास सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्‍यता नहीं है, जबकि इंडिया पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है. यह बेतुका है. अफ़्रीका को भी सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए.’

    भारत लंबे समय से कर रहा मांग
    भारत लंबे समय से विकासशील दुनिया के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से देश की खोज को गति मिली है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) 15 सदस्य देशों से बनी है, जिसमें वीटो शक्ति वाले 5 स्थायी सदस्य और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं. यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.

  • UAE में कुदरत का कहर! एक दिन में हो गई साल भर की बारिश, बाढ़ में डूबा दुबई, समंदर बना रनवे,

    UAE में कुदरत का कहर! एक दिन में हो गई साल भर की बारिश, बाढ़ में डूबा दुबई, समंदर बना रनवे,

    दुबई।
    संयुक्त अरब अमीरात के विभिन्न हिस्सों में सोमवार देर से मूसलाधार बारिश हो रही है. यहां दुबई में मंगलवार को एक ही दिन में सालभर के बराबर बारिश हुई. इसके कारण पूरे शहर में भारी बाढ़ आ गई, जिससे सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं और घरों में पानी भर गया. हालात की गंभीरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस मूसलाधार बारिश के कारण दुबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का रनवे तक डूब गया, जिससे यह समुद्र जैसा दिखने लगा. इस कारण एयरपोर्ट पर लगभग आधे घंटे तक उड़ानों का संचालन रोकना पड़ा.

    दुबई एयरपोर्ट पर मंगलवार को महज 12 घंटों के अंदर लगभग 100 मिलीमीटर और 24 घंटों में कुल 160 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. यहां गौर करने वाली बात यह दुबई शहर में पूरे साल में लगभग 88.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है.

    सोशल मीडिया पर शेयर कई वीडियो में दुबई एयरपोर्ट का रनवे पूरी तरह जलमग्न दिख रहा है, जहां बड़े-बड़े विमान नावों की तरह दिख रहे थे, क्योंकि वे बाढ़ में डूबे रनवे पर चल रहे थे, जो समुद्र जैसा दिखता था.

    संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार की सुबह दुबई, अबू धाबी और शारजाह सहित देश के बड़े हिस्से के लिए मौसम की चेतावनी जारी की थी. दुबई पुलिस ने अचानक आई बाढ़ के कारण शहर की कुछ सड़कों से बचने के लिए सलाह भी जारी की. इस बीच, क्षेत्र के अन्य देशों में भी भारी बारिश और उसके बाद बाढ़ देखी गई. पड़ोसी देश ओमान में भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई.

    रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ितों में 10 छात्र भी शामिल हैं, जिनकी 14 अप्रैल को उस समय मौत हो गई थी, जब जिस वाहन में वे यात्रा कर रहे थे, वह बाढ़ वाले क्षेत्र को पार करने की कोशिश करते समय तेज धारा में बह गया था. इस बीच, बहरीन में, सोशल मीडिया पर वीडियो में बाढ़ वाली सड़कों पर फंसे हुए वाहन दिखाई दे रहे हैं

  • भारत से पंगा लेने का मिल गया स्वाद! अब घुटनों पर आया मालदीव, भारतीय शहरों में करने जा रहा यह काम

    भारत से पंगा लेने का मिल गया स्वाद! अब घुटनों पर आया मालदीव, भारतीय शहरों में करने जा रहा यह काम

    नई दिल्ली।
    चीन के बहकावे में आकर भारत से पंगा लेना मालदीव के लिए महंगा पड़ रहा है. नौबत यह आ गई है कि मालदीव में भारतीय टूरिस्टों के न पहुंचने से उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. यही वजह है कि अब मालदीव घुटनों पर आ गया है और पर्यटकों को लुभाने के लिए भारतीय शहरों में रोड शो करने की प्लानिंग कर रहा है. दरअसल, दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंधों के बीच मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है. यही वजह है कि मालदीव में एक प्रमुख पर्यटन निकाय ने घोषणा की है कि वे भारतीय पर्यटकों को वापस लुभाने के लिए भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेंगे.

    बता दें कि मालदीव को भारतीय टूरिस्टों की ओर से बहिष्कार अभियान का सामना तब करना पड़ा, जब इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से की थी, जिसके बाद मालदीव के मंत्रियों सहित कई अधिकारियों ने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. मालदीव की ओर से विवादित टिप्पणियों के बाद भारतीयों ने मालदीव का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था और लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करने लगे.

     8 अप्रैल को माले में भारतीय उच्चायुक्त के साथ चर्चा के बाद मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करने सहित यात्रा और पर्यटन सहयोग बढ़ाने की योजना की घोषणा की थी. मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स ने पर्यटन पहल को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया. पर्यटन निकाय ने एक बयान में कहा, ‘भारत के प्रमुख शहरों में एक व्यापक रोड शो शुरू करने और आगामी महीनों में मालदीव में प्रभावशाली लोगों और मीडिया परिचित यात्राओं को सुविधाजनक बनाने की योजना पर काम चल रहा है.’

    इतना ही नहीं, एसोसिएशन ने कहा कि मालदीव के पर्यटन के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है. उसने कहा कि वे मालदीव को एक प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत भर के प्रमुख ट्रैवल एसोसिएशन और इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं. दरअसल, मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत संग राजनयिक विवाद के बाद मालदीव में पर्यटन के लिए आने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है. 2023 में मालदीव का दौरा करने वाले 17 लाख से अधिक पर्यटकों में से अधिकांश भारतीय (2,09,198) थे, उसके बाद रूसी और चीनी थे. हालांकि, राजनयिक तनाव के बाद के हफ्तों में भारतीयों की संख्या पांचवें स्थान पर खिसक गई है.

  • आईफोन यूजर्स को बड़ा खतरा ! निशाने पर भारत सहित 91 देश, Apple ने जारी की चेतावनी

    आईफोन यूजर्स को बड़ा खतरा ! निशाने पर भारत सहित 91 देश, Apple ने जारी की चेतावनी

    नई दिल्ली।

    क्या आप भी एप्पल का iPhone या कोई अन्य डिवाइस यूज कर रहे हैं? अगर हां, तो अभी सावधान हो जाएं। कंपनी ने भारत समेत 91 देशों में मौजूद लाखों यूजर्स के लिए एक चेतावनी जारी की है जिसमें बताया गया है कि इस वक्त स्पाईवेयर का इस्तेमाल करके कई यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है। एप्पल का कहना है कि यूजर्स Mercenary Spyware अटैक का शिकार हो सकते हैं। इस बात की जानकारी कंपनी ने खुद मेल के जरिए दी है।

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वार्निंग मेल को गुरुवार भारतीय समयानुसार 12:30 बजे भेजा गया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये मेल कितने लोगों को मिला है। ईमेल में पेगासस स्पाईवेयर का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर लोगों को निशाना बनाने के लिए इसी तरह के टूल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    क्या है Mercenary Spyware अटैक?
    Mercenary Spyware अटैक रेगुलर Cybercriminal Activity और दूसरे मालवेयर अटैक से काफी ज्यादा एडवांस है, जो पहले कभी देखने को नहीं मिला। इस तरह का Spyware अटैक सेलेक्टेड यूजर्स को अपना निशाना बनाता है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इस तरह के हमले में करोड़ों रुपये का खर्च आता है। वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि एप्पल ने अपने ईमेल में बताया है कि ये स्पाई अटैक आईफोन यूजर्स के लिए बड़ा खतरा है।

    पहले भी जारी की थी चेतावनी
    एप्पल 2021 से अब तक 150 से ज्यादा देशों के यूजर्स के लिए कई बार ऐसी वॉर्निंग जारी कर चुका है। अक्टूबर 2023 में भी एप्पल ने भारतीय सांसदों को इस तरह के वॉर्निंग मेल भेजे थे जिसके बाद कई बड़े नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पर Apple की ओर से जारी इस ईमेल का स्क्रीन शॉट शेयर किया था। मेल में बताया गया था कि आपको सरकार (स्टेट स्पॉन्सर) द्वारा टारगेट किया जा रहा है। हालांकि इस मामले में जब भारत सरकार ने एप्पल से जवाब मांगा तो उसने मेल में जिस खतरे के बारे में बताया था, उसे लेकर कहा कि इसके लिए ‘स्पेसिफिक स्टेट स्पॉन्सर अटैकर्स’ जिम्मेदार नहीं हैं।

  • भारत के कदम से उड़ी चीन की नींद, ड्रैगन को उसी की चाल से मात देने का फुलप्रूफ प्‍लान, कई देशों में सैन्‍य दूत भेजने की तैयारी

    भारत के कदम से उड़ी चीन की नींद, ड्रैगन को उसी की चाल से मात देने का फुलप्रूफ प्‍लान, कई देशों में सैन्‍य दूत भेजने की तैयारी

    नई दिल्‍ली।
    भारत की हमेशा से ही हस्‍तक्षेप की नीति रही है. इसका मतलब यह हुआ कि भारत पड़ोसी या फिर अन्‍य मुल्‍कों के मामलों में हस्‍तक्षेप नहीं करता है और न ही किसी देश पर ‘हड़प नीति’ वाला फॉर्मूला थोपने की कोशिश करता है. हालांकि, पड़ोसी देश चीन की नीति इससे ठीक उलट है. पिछले दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर आपत्तिजनक रुख अपनाया था. इससे पहले ही बिना किसी पूर्व सूचना के हिन्‍द महासागर में उसके पोत और पनडुब्बियां विचरती रही हैं. अब भारत ने ऐसा कदम उठाया है, जिससे चीन के होश फाख्‍ता हो गए हैं. भारत एक साथ कई देशों में स्थित अपने दूतावासो में सैन्‍य दूत (Defence Attaché) नियुक्‍त करने की तैयारी कर रहा है. इन्‍हें विदेशी राजनयिकों की तरह ही छूट प्राप्‍त होंगे. भारत के इस कदम से चीन बेचैन हो उठा है.

    दरअसल, भारत पहली बार प्रमुख क्षेत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों का विस्तार करने की अपनी व्यापक नीति के अनुरूप इथियोपिया, मोजाम्बिक, आइवरी कोस्ट, फिलीपीन, आर्मीनिया और पोलैंड सहित कई देशों में रक्षा अताशे (सैन्‍य दूत) तैनात करेगा. सूत्रों ने बताया कि भारत अफ्रीकी देश जिबूती के लिए एक नया रक्षा अताशे भी नियुक्त कर रहा है, जो लाल सागर और अदन की खाड़ी के आसपास एक प्रमुख समुद्री प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है और सैन्य अड्डों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है. यह भी पता चला है कि भारत मॉस्को में अपने दूतावास और लंदन में उच्चायोग में सैन्य अधिकारियों की टीमों की संख्या को तर्कसंगत बनाने की योजना बना रहा है.

    भारत के 16 सैन्‍य दूत
    भारत ने अफ्रीका के साथ ही यूरोप के कुछ देशों में स्थित दूतावासों में सैन्‍य दूत तैनात करने का फैसला किया है. ऐसे 16 सैन्‍य प्रतिनिधियों की तैनाती का प्‍लान तैयार कर लिया गया है. ये सभी नौसेना, सेना और एयरफोर्स से जुड़े हैं. ये जल्‍दही संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावासों में अपना कार्यभार संभालेंगे. बता दें कि चीन पिछले कुछ वर्षों में अफ्रीका में अपना दबदबा मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. ऐसे में भारत ने भी सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण फैसला लिया है. भारत ने भी अफ्रीकी देशों के साथ अपने संबंधों को नया आयाम देने में जुटा है.

    सैन्‍य दूत कितना महत्‍वपूर्ण?
    रक्षा दूत सामरिक और रणनीतिक रूप से काफी अहम होते हैं. कोई भी देश रक्षा दूत को अपने दूतावासों में तैनात करता है. इन सैन्‍य प्रतिनिधियों को वही अधिकार प्राप्‍त होता है जो किसी देश के दूत को हासिल होता है. सैन्‍य प्रतिनिधियों को वही छूट और उन्‍मुक्तियां हासिल होती हैं. ये प्रतिनिध‍ि रक्षा संबंधी नीतियों पर खास ध्‍यान रखते हैं.

  • आतंकवादियों का गढ़ है ये देश, लेकिन भारत से ज्यादा मजबूत है करेंसी, 1000 रुपये ले जाते ही बन जाते हैं…

    आतंकवादियों का गढ़ है ये देश, लेकिन भारत से ज्यादा मजबूत है करेंसी, 1000 रुपये ले जाते ही बन जाते हैं…

    नई दिल्ली।
    भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के कई विकसित देशों की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ रही है और विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी मज़बूत स्थिति में है. लेकिन हमारी करेंसी एक ऐसे पड़ोसी देश से भी कमजोर है जिसे आतंकवाद की फैक्टरी माना जाता है. जी हां, इस देश में पिछले साल तालिबानी आतंकवादियों का कब्ज़ा हो गया और ये आतंकवादी ही सरकार भी चला रहे हैं. देखा जाए तो इस देश की आर्थिक स्थिती भी बहुत ख़राब है. हालांकि, इन सबके बावजूद इसकी करेंसी की वैल्यू भारतीय रुपये से काफी मजबूत है.

    यहां हम जिस देश की बात कर रहे हैं वह है अफगानिस्तान. इस देश से पिछले साल अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद यहां कई महीनों तक गृह युद्ध चला जिसके वजह से यहां की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई. हालांकि, इसके बाद भी आज के समय में डॉलर के मुकाबले में इसकी करेंसी का एक्सचेंज रेट भारतीय रुपये की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में है. ऐसा क्यों है? आइये जानते हैं…

    हमसे मजबूत है अफगानिस्तान की करेंसी
    अफगानिस्तान की करेंसी को अफगान अफगानी (Afghan Afghani) कहते हैं. अगर लेटेस्ट एक्सचेंज रेट को देखें तो लगभग 71.20 अफगान अफगानी में 1 डॉलर को ख़रीदा का सकता है, तो वहीं 1 डॉलर खरीदने में आपको 83.38 भारतीय रुपये खर्च करने पड़ेंगे. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अपने ऑल टाइम लो पर ट्रेड का रहा है, यानी इस समय डॉलर के बदले भारतीय करेंसी की एक्सचेंज रेट 83.38 रुपये है. यानी अगर आप 1000 रुपये अफगानिस्तान ले जाएंगे तो एक्सचेंज में आपको केवल 853.92 अफगानी करेंसी मिलेगी.यही नहीं, ब्लूमबर्ग एक रिपोर्ट में अफगानी करेंसी को दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली करेंसी बता चुकी है. अब आप सोच रहे होंगे कि तालिबानी सत्ता वाले जिस देश में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है, वहां की करेंसी रुपये से भी मजबूत कैसे हो सकती है? तो चलिए आपको इसका कारण बताते हैं.

    हवाला कारोबार बड़ी वजह
    अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गरीब देशों में से है. यहां अशिक्षा और बेरोजगारी चरम पर है. अफगानी करेंसी में तेजी का कारण यह है कि वहां अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तानी रुपया बैन है. आप वहां करेंसी की ऑनलाइन ट्रेडिंग भी नहीं कर सकते. दूसरी तरफ अफगानिस्तान में हवाला कारोबार खूब फल-फूल रहा है. मनी-एक्सचेंज जैसे काम भी हवाला से होते हैं. अफगानिस्तान में तस्करी के माध्यम से अमेरिकी डॉलर पहुंचते हैं और हवाला के जरिए इनका एक्सचेंज होता है. ये सब चीजें अफगानी करेंसी को डॉलर के मुकाबले मजबूती दे रही हैं.

    अमेरिका से भी मिलती है मदद
    अफगानी करेंसी में तेजी के पीछे एक कारण यूएन की मदद भी है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान को सहायता राशि देता है. तालिबानी राज के बाद से अब तक यूएन ने अफगानिस्तान को 5.8 अरब डॉलर की मदद दी है. यूएन के अनुसार इस साल अफगानिस्तान को 3.2 डॉलर की मदद की आवश्यकता है, जिसमें से 1.1 अरब डॉलर मिल चुके हैं. इसकी अलावा अफगानिस्तान में प्राकृतिक संसाधन भी काफी हैं. यहां लिथियम का बड़ा भंडार है, जिसकी वैल्यू करीब 3 लाख करोड़ डॉलर है.