कैसा होता है शेरनी का दूध, क्या इसको पीकर मिलती है शेर जैसी ताकत? क्या कहता है साइंस

नई दिल्ली।
दूध पीने के कई फायदे हैं. आमतौर पर हम सभी दूध पीने के फायदों से वाकिफ हैं. शरीर को मजबूत बनाने के लिए लगातार दूध पीने की सलाह दी जाती है. लेकिन कुछ लोगों को परंपरागत तरीके पसंद नहीं आते हैं. कुछ लोग जब अपने ताकतवर होने की डींग हांकते हैं तो कहते हैं कि उन्होंने शेरनी का दूध पिया है. लेकिन क्या आप शेरनी के दूध से जुड़ी तमाम बातें जानते हैं. इस लेख में हम आपको शेरनी के दूध से जुड़ी भ्रांतियों और वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में बताएंगे.
पहली हकीकत तो यही है कि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक आधार या प्रमाण नहीं है कि शेरनी का दूध पीने से कोई व्यक्ति मजबूत या सुपरमैन सरीखा बन सकता है. ताकत हासिल करने के लिए शेरनी का दूध पीने का विचार संभवत: एक मिथक या एक सांस्कृतिक मान्यता है जो समय के साथ चली आ रही है. हालांकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि शेरनी का दूध पीने से कोई पोषण या स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है. वहीं यह जानना भी जरूरी है कि शेरनी सहित किसी भी जानवर का कच्चा या बिना पाश्चरीकृत किए हुए दूध का सेवन करना खतरनाक भी हो सकता है.
बहुत ज्यादा होती है फैट की मात्रा
वास्तव में किसी व्यक्ति के शेरनी के दूध का सेवन करने का उदाहरण मिलना बहुत मुश्किल है. शेर जंगली जानवर है और उऩके दूध का उत्पादन मानव उपभोग के लिए नहीं होता है. लेकिन शेरनी के दूध में वसा यानी फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है. शेरनी के दूध में संतृप्त (पामिटिक और स्टीयरिक) और मोनो अनसैचुरेटेड (पामिटिक और ओलिक) फैटी एसिड की उच्च सामग्री होती है.
पागल भी हो सकता है पीने वाला
कोरा वेबसाइट के मुताबिक कोई भी आदमी शेरनी का दूध पी सकता है, लेकिन उसके लिए शेर का जिगरा होना चाहिए. दूध पीने वाले के पेट की जठराग्नि (gastritis) कैसी है यह समझना होगा. क्योंकि शेरनी का दूध शरीर में काफी गर्मी पैदा करता है जो अगर नहीं पचा तो उसकी गर्मी दिमाग में चढ़ जाती है और व्यक्ति इससे पागल भी हो सकता है. लेकिन एक मान्यता यह है कि एक या आधा चम्मच लेने पर वह ताकत देगा, लेकिन उससे अधिक मात्रा नुकसानदायक है.
सोने के बर्तन में रखें दूध
शेरनी के दूध को लेकर एक मिथक यह भी प्रचलित है कि उसे रखने के लिए सोने का बर्तन चाहिए. किसी और मेटल के बर्तन में रखने पर वो फट जाएगा. यह कई राजाओं ने करके देखा है. हालांकि इस बात का भी कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि शेरनी के दूध को केवल सोने के बर्तन में रखना चाहिए. इन सब बातों से पर अगर कोई व्यक्ति अपनी ताकत और स्वास्थ्य में सुधार करना चाहता है तो उसको संतुलित और पौष्टिक भोजन, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली पर ध्यान देना चाहिए. इसके लिए किसी प्रोफेशनल की सलाह भी आपके लिए सहायक हो सकती है.
शावकों को भी जल्द ही दूध पिलाना बंद कर देती है शेरनी
जैसी कि पहले ही बताया है कि शेरनी का दूध पीने पर कोई भी शख्स उसे नहीं पचा पाने पर पागल हो सकता है. वहीं शावकों की पाचन शक्ति जन्म के समय ऐसी होती है कि वो शेरनी का दूध पचा पाते हैं. लेकिन जब शावकों के दांत निकल आते हैं और वो शिकार करने में सक्षम हो जाते हैं तो शेरनी उन्हें दूध पिलाना बंद कर देती है. छह से सात महीने की उम्र में शावक दूध पीना बंद कर देते हैं.