रायपुर/03 नवंबर 2023। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा का असल चेहरा और एक सूत्रीय एजेंडा उजागर हो गया है। जन सरोकार नहीं अडानी का मुनाफे पर ही भाजपा का पूरा फोकस है। प्रधानमंत्री मोदी बस्तर आकर झूठ बोले की एनएमडीसी का नगरनार प्लांट नहीं बेचा जायेगा। हकीकत यह है कि केंद्र सरकार के दीपम की सरकारी वेबसाइट पर विनिवेशीकरण के लिये सेल लगाकर बेचे जाने वाले सरकारी कंपनियों की सूची में एनएमडीसी नगरनार प्लांट आज भी शामिल है। छत्तीसगढ़ के संसाधन, छत्तीसगढ़ के माइंस, छत्तीसगढ़ के सीमेंट उद्योग, स्टील प्लांट, पॉवर प्लांट पर अडानी का एकाधिकार स्थापित करने के लिए भाजपाई छत्तीसगढ़ में सत्ता हथियाना चाहते हैं। भूपेश सरकार की पहली प्राथमिकता “सामाजिक न्याय“ के साथ ही छत्तीसगढ़िया जनता की समृद्धि है। भूपेश सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है, मोदी सरकार ने अपने चंद पूंजीपति मित्रों का। भूपेश सरकार ने 1 लाख 75 हजार करोड़ की राहत और सब्सिडी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग वर्गों के हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे तौर पर डालने का काम किया है। मोदी सरकार ने हर तरह की राहत और रबड़ी केवल चंद पूंजीपति मित्रों को दिया है।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 15 साल रमन सिंह के कुशासन में छत्तीसगढ़ मोदी के पूंजीपति मित्रों का चारागाह बनाकर रखा गया था। जब छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की सरकार थी, खासतौर पर 2014 से 2018 जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकारें थी, उस दौरान छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया जनता पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुए। जल-जंगल-जमीन छीनी गई। छत्तीसगढ़ के खनिज संपदा अडानी को सौंप दिया गया। इसी दौरान 2016-17 में बैलाडीला के नंदराज पर्वत की लौह अयस्क माइंस अडानी को दे दिए जिसके लिए रमन सरकार ने फर्जी ग्राम सभा के प्रस्ताव तैयार करवाए और बस्तर के धार्मिक महत्व के स्थल को भी खनन के लिए अडानी को दे दिया। भूपेश सरकार ने आते हैं उस ओएमयू को रद्द कर दिया, लेकिन अंतिम आदेश आज तक मोदी सरकार में लंबित है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी इसलिए सत्ता हथियाना चाहती है ताकि नंदराज पर्वत फिर से अडानी को सौंपा जा सके। भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ केवल संसाधनों के दोहन के लिए आवश्यक है। भाजपाई अडानी के व्यावसायिक लाभ के लिए छत्तीसगढ़ में सत्ता हथियाने बेचैन हैं।प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन राज में छत्तीसगढ़ के 90 हजार एकड़ से अधिक जमीन दबावपूर्वक छीनकर पूंजीपतियो के हवाले किया गया। कभी प्लांट लगाने, कभी रतनजोत तो औषधि खेती के नाम पर ज़मीन हड़पने का काम रमन सरकार ने किया। भूपेश सरकार ने न केवल लोहंडीगुड़ा में रमन सरकार द्वारा छिनी गई आदिवासियों की जमीन निःशुल्क वापस किया, बल्कि 5 लाख़ 18 हज़ार से अधिक वन अधिकार पट्टे बांटे हैं। रमन सरकार के दौरान लाखों की संख्या में पट्टे के आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। मोदी के मित्र अडानी के हित में बाधक बनने वाले हजारों की संख्या में आदिवासियों को 1379 फर्जी प्रकरण बनाकर जेल में बंद किया गया था, जिनकी भूपेश सरकार में रिहाई हुई।प्रदेश कांग्रेस कमेटी की वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार किसानों की समृद्धि के लिए, आदिवासियों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए, युवाओं को रोजगार देने के लिए, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं संचालित कर रही है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को शिथिल कर अपने पूंजीपति मित्रों के लाभ में प्रावधान कर रहे हैं। देश के भीतर कमर्शियल माइनिंग की अनुमति मोदी सरकार ने दी है। कोल इंडिया लिमिटेड और एसईसीएल की खदानें अपने पूंजीपति मित्र अडानी को सौंप रहे हैं। एनएमडीसी के नगरनार संयंत्र को बेचने का षड्यंत्र केंद्र की मोदी सरकार ने रचा है, जानबूझकर ऐसी शर्तें लगाए की राज्य सरकार को प्रक्रिया से बाहर रखा जा सके। रायगढ़ के पेलमा खदान की भूमि अधिग्रहण केंद्र सरकार की नवरत्न कंपनी एसईसीएल ने किया, लेकिन खनन का अधिकार मोदी सरकार के दबाव में 20 साल के लिए अडानी को दे दिया गया। परसा कोल ब्लॉक सहित 5 कोल ब्लॉक रद्द करने का विधानसभा का प्रस्ताव भूपेश सरकार ने 27 जुलाई 2022 को केंद्र को भेजा है, लेकिन उस पर भी केंद्र की मोदी सरकार अब तक मौन है। स्पष्ट है कि भाजपा अडानी के व्यावसायिक हित के लिए छत्तीसगढ़ की सत्ता को हथियाना चाहती है तो वहीं कांग्रेस का संघर्ष छत्तीसगढ़ के किसान, मजदूर, आदिवासी, महिला, युवा और आम जनता की समृद्धि के साथ ही छत्तीसगढ़ के पुरखों के सपनों को साकार करने के लिए सेवा का अवसर चाहती है।
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