भगवान के नाम का चंदा चोरी जमीन दलाली नफ़रत, हिंसा उन्माद भाजपाइयों का आसुरी चरित्र है

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रायपुर/04 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भगवान राम के अस्तित्व को, रामसेतु के अस्तित्व को पहली बार अटल सरकार ने नकारा और आखरी बार हाल ही में दिसंबर 2022 में देश के उच्च सदन राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने, अब चुनावी लाभ के लिए छत्तीसगढ़ के भाजपाई झूठ बोल रहे हैं। ऐतिहासिक तथ्य की कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार ने 1993 में नासा के माध्यम से स्पेस टेक्नोलॉजी की मदद से तमिलनाडु के पंपम द्वीप (रामेश्वरम) से श्रीलंका की मन्नारद्वीप के बीच की श्रृंखला का पुरातात्विक और धार्मिक मान्यता को रेखांकित किया। कांग्रेस की सरकार ने यह स्थापित करवाया कि रामेश्वरम से लंका तक स्थित ढांचा श्रीराम सेतु का अस्तित्व है। इतिहास गवाह है कि श्रीराम के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ने ही रामसेतु के अस्तित्व को नकारा है। सबसे पहले भाजपा की अटल बिहारी की सरकार ने ही सेतु समुद्रम परियोजना को तोड़ने मंजूरी दी और श्री राम सेतु को तोड़ने के लिए 2004 में 3500 करोड रुपए का बजट प्रावधान किया था। अटल सरकार में जहाजरानी मंत्री रही टी.आर. बालू ने भी श्रीराम सेतु को नकारा था, हलफनामा दिया था। विगत शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने संसद में भाजपा सांसद कार्तिकेय शर्मा के एक प्रश्न के जवाब में भगवान श्री रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया है उन्होंने कहा कि कुछ पत्थरों के अवशेष मिले हैं. लेकिन कह नहीं सकते कि वह राम सेतु है। दरअसल भाजपा का मूल चरित्र ही धर्म विरोधी है। धर्म को अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये उपयोग करती है।


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