राजस्व ग्राम बनने से अब आसानी से मिलेगा  ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ


रायपुर 09 मई, 2023/ वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किए गए गांव के निवासियों को अब शासकीय योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेंगा। धमतरी जिलें में 87 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सर्वेक्षण पूर्ण हो चुके गांवों में अभियान चलाकर अभिलेख तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। गौरतलब है कि पूरे राज्य मे 1043 वनग्राम का सर्वेक्षण जारी है, सर्वेक्षण कार्य में धमतरी जिला अग्रणी है।

कलेक्टर धमतरी  ऋतुराज रघुवंशी द्वारा गठित की गई टीम के माध्यम से 30 ग्रामों का राजस्व अभिलेख तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार 09 ग्रामों के अभिलेख को भुंईया पोर्टल मे अपलोड करने आयुक्त कार्यालय भेजा जा चुका है। 05 ग्रामों के अभिलेख भुईया पोर्टल में अपलोड किया जा चुका है और ग्रामीणों को नक्शा, खसरा और बी-1 का वितरण कराया जा चुका है। इस सप्ताह 09 ग्रामों का अभिलेख तैयार कर शासन को प्रेषित कर दी जावेगी। खरीफ मौसम के शुरू होने के पूर्व 57 ग्रामों का अभिलेख तैयार कर अपलोड करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, शेष 30 ग्रामों का अभिलेख तैयार करने कार्य प्रगति पर है।

उल्लेखनीय है कि असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण करने धमतरी जिले के कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय सर्वे दल का गठन किया गया। अलग अलग ग्रामों में लगभग 40-50 सदस्यीय सर्वे टीम बनाई गई। सर्वेक्षण हेतु कार्ययोजना तैयार कर सभी 87 ग्रामों का सर्वेक्षण किया गया। इन गांवो में अभियान चलाकर राजस्व अभिलेख तैयार किए जा रहे है। सर्वे करने टीम को प्रशिक्षित करने विषय विशेषज्ञ और जिला मास्टर ट्रेनर दीपचंद भारती, राजस्व निरीक्षक भू अभिलेख शाखा मौके पर जाकर प्रशिक्षण भी दिया गया।

आईआईटी रूड़की से तैयार होता है नक्शा

पहले राज्य में बंदोबस्त विभाग द्वारा नवीन ग्रामों का बंदोबस्त किया जाकर सर्वेक्षण कर राजस्व अभिलेख तैयार किया जाता था। एक ग्राम का बंदोबस्त करने में औसतन 3-4 वर्ष लगते थे। यह कार्य बेहद जटील ,तकनीकी कार्य है, जो राजस्व सर्वेक्षण कार्याे में दक्ष व पारंगत अनुभवी कर्मचारियों के द्वारा संपादित किया जाता है। सर्वे कार्य मे जरा सी चूक से बरसों तक संबंधित कृषक परेशान होते है। राजस्व सर्वेक्षण का कार्य जल्दबाजी मे करने से अभिलेंखों में शुद्धता नही रहती। इसे विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है। अब शासन द्वारा बंदोबस्त को खत्म कर दी गई है। राजस्व सर्वेक्षण अब सेटेलाईट इमेजिंग प्रणाली या ड्रोन से एरियल फोटोग्राफी कर किया जा रहा है। इससे सर्वे कार्य मे परिशुद्धता बनी रहती है और कम समय मे अधिक कार्य होता है।

सर्वेक्षण कार्य पांच चरणों मे संपादित होता है। ग्राम की अधिसूचना, आई आई टी रुड़की द्वारा गांव मे कोआर्डीनेट लेकर बाऊंडीफिकेशन हेतु सेटेलाइट से नक्शा उपलब्ध कराता है। उसका भौतिक सत्यापन कर विसंगतियों को दूर कर रूड़की भेजा जाता है। वहाँ से नक्शा मिलने पर ग्राम पंचायत मे प्रथम प्रकाशन कर दावा आपत्ति आहूत की जाती है। दावा आपत्ति के निराकरण कर पुनः रुढ़की भेजी जाती है। रूड़की से संशोधित नक्शा आते ही अंतिम प्रकाशन कर दावा आपत्ति मंगाकर उसका निराकरण किया जाता है।

भुंईया में अपलोड के बाद होगी ऑनलाईन प्रविष्टि

कलेक्टर के आदेश से इसके बाद भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 107, 108, 235, 236, 237, 242, 248 मे दिये गये नियमो व उपबंधो के तहत क्षेत्र नक्शा, खसरा, बी वन, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, मिशल अभिलेख, रीनंबरिंग सूची और अन्य सहायक क्षेत्र अभिलेख तैयार कर की जाती है। तैयार अभिलेंखों का त्रिस्तरीय जांच भू-अभिलेख शाखा मे की जाती है। परिष्कृत अभिलेख तैयार हो जाने के बाद सर्वेक्षण समाप्ति की अधिसूचना जारी करते हुये भुंईया साफ्टवेयर मे अपलोड कराने की कार्यवाही की जाती है। उसके बाद नवीन राजस्व ग्राम के संबंधित पटवारी द्वारा आनलाईन अभिलेख प्रविष्टि की जाती है।

 


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *