सोसायटीयों में खाद, बीज की किल्लत, 80 प्रतिशत सोसायटी में किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर

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रायपुर  ।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि खरीफ का सीजन आ चुका है, किसान बोने की तैयारी करके मानसून का इंतजार कर रहा है, लेकिन किसान विरोधी साय सरकार छत्तीसगढ़ के 80 प्रतिशत सोसायटीयों में खाद और बीज आवश्यक मात्रा में अब तक नही पहुंचा पाई है। वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट की अनुपलब्धता पर भी सवाल उठाते हुए वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता जैविक खेती की केवल बात करते हैं, इनका काम इनके दावे से उलट होता है। प्रदेश भर के किसी भी सोसायटी में ना वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध है, ना सुपर कंपोस्ट। जैविक खेती का विकल्प छत्तीसगढ़ के किसानों से साय सरकार ने छीन लिया है। छत्तीसगढ़ के किसान अब केवल रासायनिक खाद के भरोसे हैं। इनके कृत्य से प्रमाणित है की विष्णुदेव साय सरकार किसानों की समृद्धि, जैविक खेती और भूमि सुधार की विरोधी है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार ने गोठानों की व्यवस्था को बाधित करके जैविक खेती के विकल्प को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। छत्तीसगढ़ के किसान और गोपालक, गोठान समिति और महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से अपने ही गांव में अपने और आसपास के क्षेत्र के किसानों के लिए वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट बनाकर जैविक खेती के लिए एक विकल्प उपलब्ध कराने की व्यवस्था चला रहे थे। छत्तीसगढ़ की 27 लाख से अधिक महिलायें गौठानों में महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से काम कर रही थी, जिनके परिश्रम से इतनी बड़ी मात्रा में प्रदेश में जैविक खाद उत्पादित किया जा रहा था। 10 रूपए प्रति किलो की दर पर वर्मी कंपोस्ट और 6 रूपए प्रति किलो की दर पर सुपर कंपोस्ट केवल छत्तीसगढ़ में ही उपलब्ध था। यदि व्यवस्था में कही कोई खामी थी तो उस खामी को दूर किया जा सकता था। पूरी योजना को बंद करना किसान विरोधी निर्णय है। रियायती दर पर वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट की उपलब्धता को बाधित करके छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को ख़त्म करने का षड़यंत्र साय सरकार ने रचा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत रबी फसल के दौरान बेमौसम बारिश से हुए फसलों के नुकसान पर विष्णुदेव साय सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया था। बेमेतरा, कवर्धा, दुर्ग, मुंगेली और धमतरी सहित छत्तीसगढ़ के लाखों किसान आज तक मुआवजे की बाट जोह रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद एक बार फिर से किसानों को थक जा रहा है भूमिहीन कृषि श्रमिक न्याय योजना की राशि हड़प ली गई। किसान न्याय योजना के चौथी किश्त जिसका बजट प्रावधान पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने किया था, वह भी खा गए । भाजपा की सरकार आते ही नकली खाद, नकली बीज नकली कीटनाशक दवाओं की शिकायते आने लगी है। गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला बंद है। बिचौलियों और तस्करों को संरक्षण मिल रहा है निजी दुकानों के स्टॉक का सत्यापन और भौतिक निरीक्षण बंद है किसान त्रस्त हैं और भारतीय जनता पार्टी के नेता भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में मस्त हैं। 


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