जिला प्रशासन द्वारा रोका गया बाल विवाह

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जांजगीर-चांपा ।

महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से आज एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही कलेक्टर आकाश कुमार छिकारा के निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अनिता अग्रवाल एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी  गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व एवं पुलिस विभाग के सहयोग से ग्राम कोनारगढ़ विकासखंड पामगढ़ में बाल विवाह की  सूचना प्राप्त होने पर बालिका के निवास स्थान जाकर बालिका के अंकसूची की जांच की गयी। जहां बालिका की उम्र 16 वर्ष 02 माह 05 दिन होना पाया गया। बालिका के नाबालिक होने की स्थिति में परिवार के समझाइस के पश्चात् बालिका की माता -पिता परिवार की सहमती से स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति में बालिका का बाल विवाह रोका गया। उक्त टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई से आउटरिच वर्कर अमित भोई, चाइल्ड लाईन से टीम मेम्बर जोहित कश्यप, सरला वर्मा,  सुषमा तिवारी आगनबाड़ी कार्यकर्ता कोनारगढ़ एवं थाना पामगढ़ से के0के0 साहू सहायक उप निरीक्षक, आरक्षक यशवंत कुमार कश्यप महिला आरक्षक   करूणा साहू उपस्थित रहें।

ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष तथा लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, टेंट प्रभारी डीजे साउड/धुमाल प्रभारी, भोजन बनाने वाले रसोइया हलवाई, केटरिन प्रभारी, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अधिनियम के तहत 02 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 01 लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।


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