ग्रीष्म ऋतु में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के संबंध में समय रहते सभी प्रबंधन किए जाएँ – संभागीय आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े


ग्वालियर।

ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में नागरिकों को शुद्ध एवं निर्धारित मात्रा में पेयजल की आपूर्ति हो, यह सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर अपने स्तर से प्रत्येक सप्ताह पेयजल आपूर्ति की समीक्षा भी करें। ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत जो परियोजनायें पूर्ण हो गई हैं, उनके माध्यम से भी नागरिकों को पानी मिलना शुरू हो, यह भी सुरक्षित किया जाए। संभागीय आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने शुक्रवार को ग्वालियर संभाग में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए हैं।

          संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान, नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह, सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आर एल एस मौर्य सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा बैठक के दौरान ग्वालियर संभाग के अन्य जिलों के कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, नगरीय निकाय के अधिकारी और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी भी गूगल मीट के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

          संभागीय आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने ग्रामीण क्षेत्र की समीक्षा के दौरान कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित नल-जल योजनायें एवं हैंडपम्प चालू हालत में रहें, इसके लिये निरंतर मॉनीटरिंग की जाए। जिन नल-जल योजनाओं और हैंडपम्पों में सुधार की आवश्यकता है उनके सुधार का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जाए। संभाग के सभी जिलों में जल जीवन मिशन के तहत जिन ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो गया है उनको हैंडओवर करने तथा योजना के माध्यम से ग्रामीणों को पानी की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जहाँ पर भी आवश्यक हो वहाँ पर नए ट्यूबवेल खनन एवं हैंडपम्प खनन की कार्रवाई भी जिला स्तर से सुनिश्चित की जाए।

          संभागीय आयुक्त डॉ. खाड़े ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि जिला स्तर पर पेयजल वितरण के लिये तैयार की गई कार्ययोजना की समीक्षा और उसके क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें। सीईओ जिला पंचायत भी प्रत्येक जनपद स्तर पर जाकर पेयजल आपूर्ति की समीक्षा कर व्यवस्थाओं को और बेहतर करने की दिशा में कार्य करें। इसके साथ ही जिन गाँवों में पेयजल की स्थिति ठीक नहीं है वहाँ पर निजी बोर अधिग्रहण की कार्रवाई भी समय रहते कर ली जाए। इन गाँवों में परिवहन की आवश्यकता होगी तो उसे भी चिन्हित कर समय रहते कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के विभागीय अमले को निरंतर क्षेत्र में भ्रमण कर संसाधनों के संधारण का कार्य करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूम एवं सीएम हैल्पलाइन के माध्यम से पेयजल वितरण के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण भी समय पर हो। इसके साथ ही शिकायतों के निराकरण की समीक्षा भी जिला स्तर पर प्रति सप्ताह की जाए।

          संभागीय आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने बैठक में यह भी निर्देश दिए हैं कि पेयजल वितरण के लिये पानी की शुद्धता की जाँच भी सभी जिलों में समय-समय पर कराई जाए ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। विद्युत आपूर्ति के कारण बंद नलजल परियोजनायें शीघ्र प्रारंभ हों, इसके लिये विद्युत विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जाए।

          कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान ने बैठक में बताया कि जिला स्तर पर पेयजल आपूर्ति की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिये सभी तैयारियाँ कर ली गई हैं।

          नगर निगम आयुक्त श्री हर्ष सिंह ने बताया कि ग्वालियर शहर में एक दिन छोड़कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इसके साथ ही अवर्षा की स्थिति में जल संसाधन विभाग के माध्यम से ककैटो बांध से पहसारी एंव पहसारी बांध से तिघरा जलाशय तक फीडिंग कैनाल के माध्यम से पेयजल लाने हेतु 18 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रस्ताव तैयार कर तकनीकी स्वीकृति सहित प्रशासनिक स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। शहरी क्षेत्र स्तर पर कंट्रोल रूम एवं सीएम हैल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण भी सुनिश्चित किया जा रहा है।

          समीक्षा बैठक के दौरान दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले के कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत अपने-अपने जिले में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल आपूर्ति के संबंध में किए गए प्रबंधनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।


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