हाईरिस्क गर्भवती को करवाया गया एनीमिया से मुक्त

उज्जैन ,
धाराबाई पति गोरधन उम्र 20 गर्भावस्था के दौरान अपनी नियमित जांच कराने हेतु उप स्वास्थ्य केन्द्र आलोटजागीर विकासखण्ड खाचरौद पहुंची जहां पर उप स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत सी.एच.ओ. (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) द्वारा धाराबाई की ए.एन.सी. जांच की एवं उसकी हिमोग्लोबिन की भी जांच की गई। जांच में धाराबाई का हिमोग्लोबिन मात्र 7.5 ग्राम पाया गया, जो गंभीर एनीमिया की श्रेणी में आता है और हाईरिस्क गर्भवती महिला की श्रेणी में आता है। यदि समय रहते हाईरिस्क एनीमिया का प्रबंधन नहीं किया गया हो, प्रसव के समय धाराबाई का सामान्य प्रसव सम्पादित करवाना संभव नहीं था।
उप स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत सी.एच.ओ. (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) द्वारा धाराबाई को हाईरिस्क चिन्हांकन करने के पश्चात धाराबाई के एनीमिया से मुक्त करने हेतु सिविल अस्पताल नागदा में भर्ती होकर आयरन सुक्रोज लगवाने हेतु चढ़वाने हेतु रैफर किया गया। सिविल अस्पताल नागदा में चिकित्सक की निगरानी मेधाराबाई को भर्ती कर उपचार प्रारंभ किया गया और एवं आयरन सुक्रोज लगाया गया एवं पूर्ण देखरेख की लगातार 5 आयरन सुक्रोज लगाये गये जिसके फलस्वरूप श्रीमती धाराबाई को सीवियर एनीमिया से मुक्त किया गया लगातार आयरन सुक्रोज लगाने सेधाराबाई का हिमोग्लोबिन सामान्य हो गया है, अब धाराबाई की लगातार निगरानी की जा रही है जिससे की उनका सफलतापूर्वक संस्थागत प्रसव कराया जा सकेगा।
मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस हेतु सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे है विभाग द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य के अन्तर्गत सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क प्रदान की जा रही है। मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं के अन्तर्गत गर्भावस्था अवधि प्रारंभ होने से प्रसूति तक महिलाओं की पूर्ण निगरानी कर सुरक्षित संस्थागत प्रसव करवाया जायेगा।