₹3.1 करोड़ के चेक बाउंस मामले में कोर्ट ने आरोपी को किया तलब जानिए क्या है पूरा मामला

0

छत्तीसगढ़
रायपुर/ 28 नवम्बर 2023/  3.10 करोड़ रुपये के चेक बाउंस मामले में ipc की धारा ४२० के अन्तर्गत अभियोजित आरोपी आसिफ़ मेमन को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत ने अदालत में पेश होने के लिए उदघोषणा जारी की है। सीजेएम ने तहसीलदार को अभियुक्तों के स्वामित्व वाली संपत्तियों और अदालत परिसर सहित विभिन्न स्थानों पर नोटिस चिपकाने का निर्देश दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियुक्त दिए गए समय के भीतर अनुपालन करें।

रायपुर की सिविल लाइन पुलिस ने 29 अगस्त 2023 को सीजेएम कोर्ट में आरोपी आसिफ़ मेमन के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत आरोप पत्र पेश किया और स्थायी गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया। आरोपी मोहम्मद आसिफ मेमन ने एक महिला से जमीन खरीदी लेकिन उसके द्वारा महिला को जारी किए गए सभी चेक बाउंस हो गए, जिससे उसे पुलिस में मामला दर्ज कराना पड़ा।

29 अगस्त को आरोपी के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट प्राप्त करने के बावजूद, पुलिस उसे गिरफ्तार करने में विफल रही है। मामले की हालिया सुनवाई के दौरान जिला अभियोजन अधिकारी हिना यास्मीन खान ने अदालत को सूचित किया कि पुलिस की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि आरोपी की अचल संपत्ति है तब ज़िला अभियोजन अधिकारी हिना यास्मीन खान ने अदालत से इस मामले में सीआरपीसी की धारा 82 लागू करने का आग्रह किया. उनके द्वारा केटीएमएस अब्दुल गदर बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एआईआर 1977 और राम किशोर सेन (याचिकाकर्ता) 19 बीएलआर एपीपी 14, 19 डब्ल्यूआर 12 के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने इस संबंध में तर्क किया .।जिस पर सुनवाई करते हुए सीजेएम दिग्विजय सिंह ने अभियोजन का आवेदन स्वीकार किया एवम् शहर के विभिन्न स्थानों और न्यायालय परिसरों में अभियुक्त की संपत्ति पर नोटिस चिपकाने का निर्देश दिया। सीजेएम ने तहसीलदार को इस कार्य को पूरा कराने का निर्देश दिया. अब अभियुक्त के पास विकल्प हैं -या तो जमानत आवेदन के साथ या उसके बिना अदालत में उपस्थित होवें। जिला अभियोजन अधिकारी ख़ान ने कहा, अगर वह बिना जमानत स्वीकृति न्यायलय में पेश होता है, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि आरोपी निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर अदालत के सामने पेश होने में विफल रहता है, तो अदालत सीआरपीसी की धारा 83 के तहत आरोपी की संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही शुरू कर सकती है।


हिना यास्मीन खान, जिला अभियोजन अधिकारी, रायपुर

यदि अदालत के पास यह विश्वास करने का कारण है कि आरोपी गिरफ्तारी से बच रहा है, तो अदालत एक उद्घोषणा जारी कर सकती है, जिसमें आरोपी को तीस दिनों के भीतर एक विशिष्ट स्थान और समय में उपस्थित होने की अनिवार्यता होगी। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति निर्दिष्ट समय के भीतर उपस्थित होने में विफल रहता है, तब सीआरपीसी की धारा 83 के तहत उनकी संपत्ति कुर्क किए जाने आदेशित किया जाएगा .


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *