मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा द्वारा अनुसूचित जनजाति के हित संबंधी सौंपा गया प्रस्ताव

0

रायपुर, 04 नवम्बर 2022/ मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य शासन के विचार हेतु एक सामाजिक प्रस्ताव सौंपा गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के हित संबंधी विभिन्न बिन्दुओं को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री  बघेल ने इनकी मांगों पर त्वरित पहल करते हुए कहा कि शासकीय विभागों में रोस्टर के पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ गठित होगा। साथ ही सहकारिता विभाग में हर समुदाय के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने भी आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव के अन्य बिन्दुओं पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए आश्वस्त किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुलाकात के लिए राज्य भर से आदिवासी समाज के प्रमुख 01 नवम्बर को राजधानी रायपुर पहुंचे थे।

इस दौरान राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोनऊराम नेताम द्वारा समाज की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव में सहकारिता विभाग में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को अधिनियम के अनुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करने और संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के तहत प्रदत्त उपबंध अनुसार विभिन्न सेवाओं, पदोन्नति, शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के अवसर उपलब्ध कराना शामिल है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में रोस्टर प्रणाली को लागू करने एक समिति गठित करने और मंत्रालय में इसके निगरानी के लिए एक प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है।

इसके अलावा प्रस्ताव भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए घातक बताते हुए इसमें छत्तीसगढ़ शासन को विचार करने और छत्तीसगढ़ में अनुच्छेद 342 में उल्लेखित अनुसूचित जनजाति समुदाय को आदिवासी, ट्रायबल, इंडिजिनियस प्यूपुल्स समुदाय के रूप में मान्यता देने हेतु पहल शामिल है। राज्य में टीएसपी के तहत आबंटित 21 हजार करोड़ के लक्ष्य को मार्च 2023 तक पूरा करने आदिम जाति विभाग से विशेष अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। खनिज उत्खनन, बांध एवं उद्योग आदि परियोजना से प्रभावित ग्रामवासियों को राहत, पुनर्वास एवं बेरोजगार युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने संबंधी बिन्दु शामिल है।

इस अवसर पर गोंड़ समाज, उरांव, भुईंया, कंवर, मुण्डा, पंडो, मंझवार, नगेसिया, नागवंशी आदि विभिन्न समाजों के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री रामसाय, भानुप्रताप सिंह मरकाम, रघुनाथ, तुलसीराम, चतुर सिंह तारम, सुश्री तारा मंडावी, महावती कोमरे, शेर सिंह आचला, बाल सिंह, निलकंठ सिंह ठाकुर, पन्नालाल धु्रव, शिवप्रसाद, कौशल ठाकुर, पुनीत राम, मनोज भगत, रविन्द्र पैकरा, शरण सिंह, सोमार साय, सीताराम, बिहारी राम पैकरा, शिवराम पण्डो, बबलू कुमार, राजेश, मलकू राम, रविशंकर तथा रामचन्द्र मुण्डा आदि शामिल थे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *