Tag: Women

  • केन्द्रीय बजट पूरी तरह युवाओं, महिलाओं, गरीब और किसानों को समर्पित – मनसुख मांडविया

    केन्द्रीय बजट पूरी तरह युवाओं, महिलाओं, गरीब और किसानों को समर्पित – मनसुख मांडविया

    रायपुर।

     केंद्रीय श्रम व रोजगार तथा युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के संसद में प्रस्तुत पहले पूर्ण बजट की चर्चा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट विकसित भारत की  मोदी की सोच को प्रतिबिम्बित करता है। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कभी टोकन में नहीं, अपितु टोटल में सोचते हैं। केंद्र सरकार के संसद में प्रस्तुत बजट पर राजधानी के बुद्धिजीवियों से संवाद करने पहुँचे डॉ. मांडविया शनिवार को राजधानी में कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

    आम आदमी के जीवन में बदलाव लाने के प्रावधान बजट में

    केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि आम आदमी के जीवन में बदलाव लाकर कैसे विकसित भारत का लक्ष्य अर्जित किया जा सकता है, यह बजट इस संकल्प का प्रतिबिम्ब है। डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प व्यक्त किया है कि जब देश अपनी स्वतंत्रता का शताब्दी मना रहा हो तब देश को पूर्ण विकसित बनाना है। पूर्ण विकसित भारत के अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम और योजना पर काम करना प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। देश में चार वर्गों पर काम करके ही हम विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं और केंद्र सरकार के पिछले अंतरिम बजट में 4 मुख्य समूहों ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। डॉ मांडविया ने कहा कि अब केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस पहले पूर्ण बजट में एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम-से-कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वादा पूरा किया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।

    शिक्षा, रोजगार,कौशल प्रशिक्षण से भारत बनेगा विकसित

    डॉ. मांडविया ने कहा कि इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है : कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएँ, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान व विकास, और, अगली पीढ़ी के सुधार।

    बजट में उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर

    केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने केंद्र सरकार के संसद में प्रस्तुत बजट की प्राथमिकताओं पर विस्तार से प्रकाश ड़ाला और बताया कि हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। खेती में सुविधा हो और समय के साथ खेती में तकनीकी सुधार आवश्यक होता है। जब भी कोई पैसा किसानी के काम में लगता है वह जब किसान के पास आता है तो देश की इकॉनॉमी पर उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी ताकि रासायनिक खाद के दुष्प्रभाव से बचा जा सकेगा। इसके लिए प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। 10 हजार आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है। प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। डॉ. मांडविया  ने कहा कि 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।

    केवल रोजगार के लिए ही चलेंगी 3 योजनाएं

    केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में ‘रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन’ के लिए 3 योजनाओं को लागू करेगी। ये ईपीएफओ (EPFO) में नामांकन तथा पहली बार रोजगार पाने वालों को अभिचिह्नित करने तथा कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सहायता प्रदान करने पर आधारित होंगे। इस पैकेज की पहली योजना के तहत सभी औपचारिक क्षेत्रों में कामगारों के रूप में शामिल होने वाले सभी नवनियुक्त व्यक्तियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तीन किस्तों में किया जाएगा, जो अधिकतम 15 हजार होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्रता सीमा 1 लाख का मासिक वेतन होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है। दूसरी योजना में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन किया जाएगा। इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा जो पहली बार रोजगार पाने वालों के रोजगार से जुड़ा है। सीधे कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना से पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है। डॉ. मांडविया ने कहा कि नियोक्ताओं पर केंद्रित इस पैकेज की तीसरी योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। अगले 5 वर्षों में 4 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा और युवा अपना भविष्य सँवारेंगे। डॉ. मांडविया ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिणामोन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा। उद्योग की कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और फ्रेमवर्क तैयार की जाएगी और नई उभरती जरूरतों के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। डॉ. मांडविया ने कहा कि सरकार संवर्धित निधि की गारंटी के साथ 7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इस उपाय से प्रतिवर्ष 25 हजार छात्रों को सहायता मिलने की आशा है। घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख तक के ऋण हेतु एक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस उद्देश्य के लिए प्रति वर्ष 1 लाख विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष रूप से ऋण राशि के 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज छूट के लिए ई-वाउचर दिए जाएंगे।

    बजट में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की भावना

    केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा कि समावेशी विकास और सामाजिक न्याय आज की आवश्यकता है। इसके लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान पर काम किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, हम जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सभी जनजातीय परिवारों का पूर्ण कवरेज करते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत करेंगे। इसमें 63 हजार गाँव शामिल होंगे जिससे 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभ मिलेगा। महिला सशक्तिकरण व महिलाओं के सर्वतोमुखी विकास पर बल देते हुए हमारी सरकार उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला हॉस्टलों और शिशु गृहों की स्थापना करके कामगारों में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाएंगे। इसके अतिरिक्त, इस साझेदारी में महिला विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने और महिला स्व-सहायता समूह उद्यमियों के लिए बाजार तक पहुँच को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। महिला-संचालित विकास को बढ़ावा देने के लिए, इस बजट में महिलाओं और बालिकाओं को लाभ देने वाली योजनाओं हेतु 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आबंटन की व्यवस्था की गई है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में अब तक हुए कामों की चर्चा करते हे डॉ. मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में अवसंरचना निवेश के तहत इस वर्ष, पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। यह हमारी जीडीपी का 3.4 प्रतिशत होगा। डॉ. मांडविया ने कहा कि जिस भी देश में आधारभूत संरचना को मजबूत करने का काम होता है, वही देश विकसित होता है। इससे निवेश बढ़ता है, इससे परिवहन की लागत कम होती है, नौकरियों में वृद्धि होती है और देश के नागरिकों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं में वृद्धि होती है। इससे विकसित देश की कल्पना साकार होगी। इसी तरह इस वर्ष ग्रामीण अवसंरचना  सहित  ग्रामीण  विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। केंद्र सरकार बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए देश के पूर्वी क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए पूर्वोदय नामक योजना तैयार करेगी। इस योजना में मानव संसाधन विकास, अवसंरचना और आर्थिक अवसरों का सृजन शामिल किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के संबंध में, गया में औद्योगिक केंद्र के विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इस मॉडल से हमारी विकास यात्रा में “विकास भी विरासत भी” प्रतिबिम्बित होगा। इसी प्रकार 26 हजार करोड़ रुपये की लागत से पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं के विकास और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन वाला एक अतिरिक्त पुल बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। डॉ. मांडविया ने बताया कि 21,400 करोड़ रु. की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट के एक नए विद्युत संयंत्र की स्थापना करना भी शामिल है।

    केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने पीएम आवास योजना की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आबंटन किए जा रहे हैं। 10 करोड़ रुपए के निवेश से शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ आवास बनाए जाएंगे। इससे गरीबों-मजदूरों को स्लम क्षेत्रों में रहने की विवशता से मुक्ति मिलेगी। केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने बज़ट की प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए पत्रकारों को बताया कि इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण, विशेषकर श्रम-प्रधान विनिर्माण की ओर विशेष ध्यान दिया गया है। एक पैकेज बनाया गया है जिसमें एमएसएमई के लिए वित्तपोषण, विनियामक परिवर्तनों और प्रौद्योगिकी सहायता को शामिल किया गया है। विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना के तहत सम्पार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ की जाएगी। यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा। इसी प्रकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई के आकलन हेतु बाहरी आकलन के भरोसे रहने के बजाय अपनी इन-हाउस क्षमता का निर्माण बढ़ाई जाएगी। वे एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंटों के अंकों के आधार पर एक नया ऋण आकलन मॉडल विकसित करने अथवा विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगे। इसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे। डॉ. मांडविया ने कहा कि एमएसएमई को उनके संकट की अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था लाई जाएगी। सरकार संवर्धित निधि से गारंटी द्वारा ऋण उपलब्धता में सहायता की जाएगी। इसी प्रकार मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया जाएगा जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री रामविचार नेताम, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा, बजट कार्यों के समन्वयक प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा,  भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी उपस्थित थे।

  • बजट से गरीब, महिला, युवा, किसान, मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा वर्ग सभी छले गए- कांग्रेस

    बजट से गरीब, महिला, युवा, किसान, मध्यमवर्गीय और नौकरीपेशा वर्ग सभी छले गए- कांग्रेस

    रायपुर ।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार के बजट से गरीब, युवा किसान, मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, महिला सभी छले गये है, इस बजट में रोजगार के लिये, कृषि के लिये, लघु उद्योगों के लिये कुछ भी नही है। बजट में सुदृढ़ भारत का रोड मैप कहीं भी नहीं दिख रहा है बजट में महंगाई कम करने के बारे में वित्तमंत्री ने कोई प्रावधान नही किया है। गरीब, मध्यम वर्ग को महंगाई से राहत नही मिला है उल्टे इस बजट में निम्न मध्यम वर्ग को भी आयकर के दायरे में ला दिया गया है। बजट देने के लिये जनता से वसूलने के लिये बनाया गया है।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस सरकार में रोजगार है नहीं और ईपीएफओ के प्रोत्साहन का झांसा दिया जा रहा है, वित्तीय घाटा लगातार बढ़ रहा है 14 लाख करोड़ का नया कर्ज देश को गर्त में डूबने वाला है महंगाई में राहत नहीं, गैस सब्सिडी, डीजल में 10 गुना बढ़ाए गए सेंट्रल एक्साइज में रियायत का कोई जिक्र नहीं छत्तीसगढ़ की उपेक्षा एक बार फिर से जाहिर हो गया है, रायपुर से राजनांदगांव होकर हैदराबाद एक्सप्रेस वे, जो 2022 में घोषित किया गया था उसे निरस्त कर दिया गया है इस बजट में कोई नया राजमार्ग छत्तीसगढ़ के लिए नहीं है।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रायपुर से बलौदा बाजार होकर रायगढ़ जाने वाली रेल लाइन की घोषणा लगभग 8 साल पहले हुई थी एक नया पैसा इस मद में केंद्र की मोदी सरकार ने नहीं दिया है नया रायपुर में एम्स की घोषणा 4 साल पहले की गई थी राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण करके केंद्र को सौंप दिया है लेकिन उसे मत में भी एक नया पैसा केंद्र की मोदी सरकार ने स्वीकृत नहीं किया है। कृषि उत्पादन, हथकरघा और कपड़ा के एक्सपोर्ट के लिए कोई कार्ययोजना नहीं है।लगभग सभी कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार नई पेंशन के फर्जी फायदे गिनने में मस्त है, इस बजट से कर्माचारी संघ और उनके परिजनों को भी घोर निराशा हाथ लगी।

  • कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला, युवा, किसान, मजदूर सभी का भला होगा

    कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला, युवा, किसान, मजदूर सभी का भला होगा

    रायपुर।

     कांग्रेस की सरकार बनने पर महिला, युवा, किसान, मजदूर सभी का भला होगा। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस की न्याय गारंटी में देश के सभी वर्गों पर केंद्रित है। कांग्रेस हर महिला को 8333 रू. महिना देगी। कांग्रेस ने महिलाओं के लिये महालक्ष्मी योजना लागू करने का वायदा किया है। जिससे हर महिला को 1 लाख रू. हर साल देने की गारंटी है। कांग्रेस का मानना है कि देश की उन्नति तभी संभव है जब आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाया जाये। इसलिये कांग्रेस ने मातृशक्ति को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के यूपीए सरकार ने रोजगार को कानूनी अधिकार देने के लिये मनरेगा कानून बनाया था, तथा हर मजदूर को न्यूनतम 150 दिवस कार्य मजदूरी मिलने का कानूनी अधिकार दिया है। अबकी बार कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस  पार्टी मनरेगा की न्यूनतम मजदूरी 200 से बढ़ाकर 400 रू. करने की गारंटी देती है। इससे देश के मजदूरों की आर्थिक बदहाली दूर होगी तथा उनके जीवन स्तर में परिवर्तन आयेगा।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज देश का किसान अपने फसल की कीमत के लिये संघर्ष कर रहा। उसे अपने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिये आंदोलन करना पड़ रहा। मोदी सरकार ने किसानों का दमन किया। कांग्रेस की सरकार बनने पर कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने संसद में कानून बनाएगी तथा स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू करेगी।
    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आज देश की बेरोजगारी दर सर्वोच्च स्तर पर है। कांग्रेस युवाओं को रोजगार देने के लिये युवाओं को 5 गारंटी देती है। कांग्रेस 30 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देगी। साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने हर जिले 5000 करोड़ का स्टार्टअप को बनायेगी। कांग्रेस का शुरू से मानना है कि देश का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब हर वर्ग के नागरिकों की आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले जाये। इसीलिये कांग्रेस ने किसान न्याय गारंटी, युवा न्याय गारंटी, नारी न्याय गारंटी, श्रमिक न्याय गारंटी तथा हिस्सेदारी न्याय की गारंटी देने का निर्णय लिया है।