नई दिल्ली।
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने भारत को लेकर अपना रोडमैप तैयार कर लिया है. ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने कहा है कि वह आने वाले 4 साल में भारत में विभिन्न सेक्टर में लगभग 20 अरब डॉलर का निवेश करेंगे।साथ ही उन्होंने स्टील बिजनेस को बेचने के संकेत भी दिए. उन्होंने कंपनी के भारी-भरकम कर्जे को भी चिंता का विषय मानने से इंकार कर दिया।
कई बिजनेस पर है वेदांता ग्रुप की नजर
अनिल अग्रवाल ने बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वेदांता ग्रुप भारत में निवेश को लेकर उत्साहित हैं. हम कई सेक्टर में निवेश करने की योजना बना चुके हैं. हमारा 4 साल का इनवेस्टमेंट प्लान तैयार है. फिलहाल हमारी नजर टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्लास बिजनेस पर है. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन और लैपटॉप बनाने में सेमीकंडक्टर्स और ग्लास की सख्त जरूरत पड़ती है. वेदांता ग्रुप इन दोनों ही बिजनेस में पहले से ही मौजूद है. सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए उनके पास गुजरात में जमीन है. फिलहाल इसके लिए सही पार्टनर की तलाश की जा रही है।
सही कीमत नहीं मिली तो चलाते रहेंगे स्टील बिजनेस
स्टील बिजनेस को लेकर स्पष्टीकरण देते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि वेदांता ग्रुप इसे जारी रखने के लिए पूरी तरह समर्पित है. इसे मार्च में बिक जाना चाहिए था. मगर, सही कीमत न मिलने के चलते फैसला नहीं हो सका. हालांकि, अगर हमें स्टील बिजनेस की सही कीमत मिले तो हम उसे बेचने को भी तैयार हैं. सही कीमत न मिलने पर हम यह बिजनेस चलाते रहेंगे. स्टील बिजनेस फायदे में है. साथ ही हमारे पास इसे चलाने के लिए भरोसेमंद टीम भी है।
वेदांता ग्रुप ने कभी नहीं किया लोन डिफॉल्ट
कंपनी के कर्ज के बारे में वेदांता ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि अभी हमारे ऊपर लगभग 12 अरब डॉलर का कर्ज है. हालांकि, इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है. वेदांता ग्रुप ने आज तक कभी डिफॉल्ट नहीं किया है. हर बिजनेस को खड़ा करने के लिए कर्ज की जरूरत पड़ती है।