रायपुर ।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने देश में मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बदतर अर्थव्यवस्था, नोटबंदी , जी एस टी के जरिए दवाई तक की बढ़ती कीमतों, करोना में हुई मौतों और दलित आदिवासी की दयनीय हालत के जिम्मेदार भाजपा की मोदी सरकार को पराजित कर देश , सविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए भाजपा को पराजित कर प्रदेश में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर एक इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्ष, अमनपसंद और जनपक्षियीय नीतियों के वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए मार्ग प्रशस्त करने की अपील की ।
माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य धर्मराज महापात्र एवं जिला सचिव प्रदीप गभने ने कहा कि दस साल के भाजपा राज के बाद देश आज एक ऐसे संकट के मुहाने पर पहुंच गया है, जहां गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई तो चरम पर है ही ; देश में लोकतंत्र, भाईचारा, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के बुनियादी मूल्य जिस संविधान से निकले हैं, उसे बचाने का सवाल भी सबसे ऊपर आ गया है। भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह फिर से सत्ता में इसलिए आना चाहती है कि बहुमत के बल पर संविधान को बदल दे, ताकि एक धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक गणराज्य को वह बदल सके, जहां देश के अल्पसंख्यक समुदायों सहित आदिवासी, दलितों और आर्थिक रूप से पिछड़ी बहुमत जनता को दोयम स्थिति में धकेल दिया जाएगा। इसलिए लोकसभा के ये चुनाव देश की जनता की रोजी-रोटी को बचाने और उसके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ संविधान को बचाने के लिए भी होने वाला चुनाव है। इस चुनाव में आम जनता सांप्रदायिक और कॉर्पोरेटपरस्त भाजपा को निर्णायक रूप से हराएं और कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताएं ताकि ‘इंडिया’ समूह के नेतृत्व में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन हो सके ।
नेताओं ने कहा कि दस सालों का भाजपा राज का रिकॉर्ड बताता है कि उसने आम जनता के साथ केवल धोखा और विश्वासघात किया है। बेरोजगारी, महंगाई दूर करने और मजदूर-किसानों के जीवन को खुशहाल करने के जिन वादों पर भरोसा करके उसने भाजपा को सत्ता सौंपी थी, वही वादे चुनाव के बाद जुमले बन गए । इलेक्ट्रल बांड के जरिए उसने देश में सबसे बडा भ्रष्टाचार किया
हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार की जगह आज आजादी के बाद की सबसे भयंकर बेरोजगारी से देश गुजर रहा है। देश में आज केंद्र सरकार में और सार्वजनिक उपक्रमों में लाखों पद खाली हैं, जिन्हें भरा नहीं गया है। करोड़ों बेरोजगारों से भर्ती परीक्षा के नाम पर अरबों रुपयों की राशि वसूल करके इन परीक्षाओं को निरस्त कर दिया गया। सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करके देश की संपत्ति को कॉर्पोरेटों के हवाले किया जा रहा है और रोजगार के अवसर खत्म किए जा रहे हैं। मनरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी तक से वंचित रखा जाता है और उन्हें 40-45 दिन का रोजगार ही दिया जाता है।
महंगाई पर लगाम लगाने का दम भरने वाली भाजपा के राज में पिछले दस सालों की तुलना में आज किसी भी चीज की कीमत दुगुनी है। अमीरों और कॉरपोरेटों पर टैक्स लगाने की जगह आम जनता पर जीएसटी और करों का भारी बोझ डालकर रसोई गैस की कीमत तिगुनी और पेट्रोल-डीजल की कीमत दुगुनी की गई है, ताकि सरकारी खजाने को भरा जा सके। इससे आम जनता के जीवन स्तर में ऐसी गिरावट आई है कि दुनिया में आज भारत भुखमरों और कुपोषितों का सिरमौर है। मोदी सरकार के दावे के अनुसार ही, आज देश की 81 करोड़ जनता मुफ्त के राशन पर ही जिंदा है।
किसानों को राहत पहुंचाने के बजाए उनकी जमीन छीनने और खेती-किसानी का कारपोरेटीकरण करने के लिए तीन किसान विरोधी कानून लाए गए। किसानों के देशव्यापी संघर्ष के बाद मोदी सरकार इन्हें वापस लेने के लिए मजबूर तो हुई, लेकिन लिखित समझौते को लागू करने से फिर मुकर गई। मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों का नतीजा है कि उनके राज में डेढ़ लाख किसानों और खेत मजदूरों ने आत्महत्या की है। करोड़ों किसानों को कर्जमुक्त करने के बजाए इस सरकार ने अपने चंद कॉर्पोरेट मित्रों का 15 लाख करोड़ रुपयों से अधिक का बैंक ऋण माफ किया है। यह कॉरपोरेट टैक्स में भारी कटौती के अतिरिक्त है।
मजदूरों के लिए बनाए गए सभी श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह चार श्रम संहिताएं थोप दी गई है। ये संहितायें मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी/
वेतन तक से वंचित करती है । जकड़ गए हैं। सरकारी कर्मचारियों के
विपक्षी सरकारों और पार्टियों को तोड़ने के लिए उसने सीबीआई, ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया है। भाजपा आज भ्रष्टाचारियों को पनाह देने वाली सबसे बड़ी शरणस्थली बन गई है और विपक्ष के जो नेता भ्रष्ट है, भाजपा की वाशिंग मशीन में धुलकर स्वच्छ और बेदाग घोषित हो रहे हैं। दरअसल मोदी और भाजपा का लक्ष्य संपूर्ण विपक्ष को दबाकर एकदलीय तानाशाही स्थापित करना है। यह तिकड़मबाजी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट को सुनिश्चित करने के लिए आदिवासियों और दलितों के संवैधानिक और नागरिक अधिकारों पर सुनियोजित तरीके से हमले किए जा रहे हैं। इसी तरह, अडानी को कोयला खदानें देने के लिए हसदेव के जंगलों और वहां रहने वाले आदिवासियों को उजाड़ने की कोशिश जारी है।
आम जनता की बुनियादी समस्याओं को हल करने में नाकाम मोदी सरकार सत्ता में बने रहने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
इसलिए यह जरूरी है कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में पराजित किया जाय राज्य की सभी लोकसभा क्षेत्रों में उसकी निर्णायक हार सुनिश्चित की जाएं।
उन्होंने कहा कि माकपा प्रदेश की मेहनतकश जनता से अपील करती है कि जन विरोधी और सांप्रदायिक भाजपा को हराने और केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस पार्टी को वोट दें।