छत्तीसगढ़
सक्ती-जैजैपुर। नवीन जिला सक्ति को बने डेढ़ वर्ष बीतने को है लेकिन यहां गौण खनिज के अवैध कारोबार करने वालों के प्रति कार्यवाही के नाम पर जिला प्रशासन का कोई खास कदम देखने को नहीं मिला है। बात चाहे महानदी किनारों के जिले भर से अवैध रेत बिना परमिट के परिवहन का हो या फिर अवैध डोलोमाइट उत्खनन एवं परिवहन का मामला हो चाहें अवैध तरीके से लाल ईट का कारोबार हो इन सभी मामलों में खनिज विभाग हो या फिर राजस्व विभाग दिखावे की कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर देते हैं और वाहवाही बटोरते हैं।
ताज्जुब की बात यह है कि इन सभी अवैध काला कारोबारियों की जानकारी होने बाद भी जांच को अधर में लटका देते हैं। शायद इन अवैध कारोबारियों से मिलीभगत कर चढ़ावा रूपी प्रसाद लेकर पल्ललाझड़ दिया जाता है जिससे ज़िम्मेदार अधिकारीयों की कार्यशैलियों पर अनेकों सवालों को खड़े होते है।
आपको बता दे हसौद तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सेंद्री और बम्हनीडीह ब्लाक के बंसूला, जैजैपुर ब्लाक के चोरभठ्ठी में लाखों के तादाद में रसूखदार व्यक्तियों द्वारा खनिज नियमों को ताक पर रख कर बिना किसी अनुमति के पिछले कई वर्षों से लाल ईट का अवैध कारोबार को बड़े आसानी से अंजाम देकर प्रति वर्ष शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जाता है , जिसकी जानकारी स्थानीय जिम्मेदार अधिकारी से लेकर जिले के जिम्मेदार उच्च अधिकारी तक को बखूबी है। परन्तु प्रति वर्ष करोड़ों का चुनना लगाने वाले रसूखदार व्यक्तियों के काला बाजारियों के ऊपर नकेल कसने में नाकाम नजर आ रहे हैं या यू भी कहना लाजमी होगा कि सत्ता में बैठे नेताओं के दबाव में विभागीय अधिकारी अपने आंखों में पट्टी बांध बैठे हुए हैं।
राजनेताओं एवं ईट संचालकों के सिंडीकेट के आगे प्रशासन नतमस्तक
ईट का अवैध कारोबार करने वालों का सिंडीकेट इतना बड़ा और मजबूत है की उनका सपोर्ट और फंडिंग सीधा कुछ स्थानीय नेताओं को भी जाता होगा जिसके चलते विभागीय अधिकारियों के हाथ अभी तक अवैध लाला ईट के कारोबारियों के सिंडीकेट के किसी भी सदस्य के गिरेबान तक नहीं पहुंच सका है भले जिले में अनेकों उच्च अधिकारियों का आगमन क्यों न हुआ हो।
जिला प्रशासन की छबि धूमिल कर रहे खनिज विभाग के अधिकारी
सक्ति जिले में इन दिनों विभिन्न मामलों को लेकर खनिज विभाग की नाकामी पेपर में छाए हुए हैं।बावजूद इसके जिला प्रशासन में बैठे हुए अधिकारी इन मामलों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने में रुचि नही दिखा रहे हैं।अब देखना होगा कि आखिर कब तक जिला प्रशासन चुप्पी साधे बैठे रहते हैं।