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    मकान की आस होगी पूरी, आस के अंतर्गत 4588 आवेदन लिये गये,

    दुर्ग 25जनवरी 2023

     

    शहरी इलाकों में मकान का सपना सपना ही रह जाता है। अच्छे लोकेशन में जमीन की कीमत ही इतनी अधिक होती है कि आम आदमी के लिए वन बीएचके फ्लैट भी खरीद पाना मुश्किल होता है। सरकार की योजना आस से किरायेदारों का खुद का मकान का सपना पूरा हो रहा है। अफोर्डेबल हाउसिंग पार्टनरशिप योजना आस में लगभग 4 हजार मकान भिलाई निगम में तैयार हो रहे हैं। पहले चरण में जब इन मकानों के लिए आवेदन मंगवाए गए तो 4588 आवेदन लोगों ने क्रय किये हैं जिसमें अब तक 1250 आवेदन रिसीव हुए हैं जिनमें स्क्रूटिनी के बाद 1200 आवेदन वैध पाये गये हैं। इनके लिए शहर की सबसे अच्छी लोकैलिटी में मकान तैयार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर मकानों का निर्माण तेजी से गुणवत्तायुक्त कराया जा रहा है। लगभग चार सौ मकानों का काम पूरा हो चुका है। कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में आयुक्त श्री रोहित व्यास योजना के क्रियान्वयन की लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं।

    प्राइम लोकेशन, इंटीरियर भी बढ़िया- एफोर्डेबल हाउसिंग प्लान के अंतर्गत जो मकान बनाये जा रहे हैं उनकी लोकेशन तो अच्छी है ही, वन बीएचके में दी जाने वाली सुविधा के हिसाब से भी मकान काफी अच्छे हैं। मकान के सामने गैलरी बनी हुई है। किचन एवं अन्य कमरों में वेंटीलेशन बढ़िया है। मकान हवादार हैं। पानी का इंतजाम सभी मकानों में है और इसके लिए टंकियां तैयार कर दी गई हैं। ड्रेनेज की अच्छी व्यवस्था है।

    आस में सरकार का अंशदान डेढ़ लाख रुपए, चिन्हारी में चार लाख रुपए- सरकार द्वारा जो मकान बनवाये जा रहे हैं उनका एलाटमेंट मोर मकान मोर आस और मोर मकान मोर चिन्हारी दोनों ही योजनाओं के लिए किया जा रहा है। आस के अंतर्गत केंद्र सरकार का अंशदान डेढ़ लाख रुपए होता है और हितग्राही का अंशदान दो लाख 98 हजार रुपए से 3 लाख 61 हजार रुपए तक होता है। चिन्हारी में केंद्र का अंशदान डेढ़ लाख रुपए, राज्य का अंशदान ढाई लाख रुपए और हितग्राही का अंशदान 75 हजार रुपए होता है।

    विस्थापित नागरिकों को मिला आवास- कैनाल रोड से विस्थापित श्रीमती कमलादेवी शर्मा को आम्रपाली वनांचल सिटी में आवास मिला है। उन्होंने कहा कि हमने अपना अंशदान दिया है और सरकार ने भी अपना अंशदान दिया है जिससे हमें यहां घर मिल गया है। चिन्हारी की योजना अच्छी योजना है जिससे विस्थापित लोगों की समस्या दूर होती है।