रायपुर ।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा नक्सलवाद पर दिये गये बयान की कांग्रेस ने चुनावी जुमला बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा नक्सलवाद खात्मे को लेकर अमित शाह के द्वारा दिया गया बयान हास्यपद है। जनता ने मोदी सरकार को 10 साल का समय दिया था। मोदी सरकार आतंक को समाप्त करने में लेकिन असफल रही। भाजपा सरकार की विदाई सुनिश्चित हो गई है उनकी उल्टी गिनती चल रही है। अमित शाह अब तनाव न पाले नक्सलवाद खत्म करने कांग्रेस की सरकार काम करेगी। केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है और आतंक को खत्म करने की रणनीति पर काम होगा देश आतंक से मुक्त होगा। राज्य में कांग्रेस की सरकार ने नक्सलवाद पर काबू किया केन्द्र में कांग्रेस की सरकार खत्म करेगी। शाह को पता है अब मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलेगा तो नक्सलवाद के नाम पर वोट मांग रहे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अमित शाह पहले तय कर ले कि उन्हें बोलना क्या है। इसी प्रदेश में आज के एक वर्ष पहले भूपेश सरकार के समय अमित शाह जब छत्तीसगढ़ आये थे उन्होंने कहा था राज्य से नक्सलवाद 80 प्रतिशत कम हो गया है। अमित शाह की उपस्थिति में सीआरपीएफ के डीजी ने कहा था छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पैकअप की ओर है। आम चुनावी सभा में अमित शाह राजनैतिक लाभ के लिये झूठे आरोप लगा रहे कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के समय नक्सलवाद बढ़ा है। अमित शाह झूठ बोलकर केन्द्रीय गृहमंत्री पद की गरिमा को गिरा रहे है। अमित शाह कहते है नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में तीन साल में खत्म होगा। जब विधानसभा चुनाव चल रहा था तब कहा था राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही नक्सलवाद चुटकियों में खत्म हो जायेगा। अब लोकसभा चुनाव में फिर वोट लेने के लिये तीन साल की बात कर रहे है। भाजपा बेशर्मी पूर्वक नक्सली घटनाओं पर राजनीति कर रही है। जबकि नक्सलवाद की पोषक भाजपा ही है। भाजपा के 15 साल के शासनकाल में नक्सलवाद 3 ब्लाकों से निकलकर 14 जिलों तक पहुंचा था।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अमित शाह के अनुसार छत्तीसगढ़ और देश मे नक्सल समस्या के समाधान के लिए भाजपा की सरकार होना अनिवार्य शर्त है तो छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक भाजपा की सरकार थी। 2014 से 2018 तक केंद्र और राज्य दोनों ही जगह भाजपा की ही सरकार थी। क्यों नक्सलवाद को अमित शाह ने चुटकियों में खत्म नहीं किया। इन वर्षों में हुई हजारों हत्यायो की जिम्मेदारी अमित शाह लेंगे उनके पास उपाय था और उपयोग क्यों नहीं किया। छत्तीसगढ़ में तो भाजपा के 15 साल के सरकार में नक्सलवाद 3 ब्लाकों से निकल कर 14 जिलों तक पहुच गया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नक्सली घटनाओं और नक्सल के विस्तार में 80 फीसदी तक कमी आई थी। यह कमी कांग्रेस की सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नक्सल समस्या के समाधान की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण आई थी। भूपेश सरकार ने विश्वास विकास और सुरक्षा के अपने मूल मंत्र से नक्सल क्षेत्र के निवासियों का विश्वास जीत कर वहाँ विकास कार्य पहुँच मार्ग विकसित किया उनमें सुरक्षा का भाव और सरकार के प्रति भरोसा पैदा किया था जिसके कारण आज प्रदेश में नक्सलवाद बैकफुट पर था जो डबल इंजन की सरकार में बढ़ गया।