रायपुर ।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू की गई गोधन न्याय योजना का नाम बदलकर गौ अभ्यारण किया जा रहा है। भाजपा सरकार के पास गौ सेवा के लिये कोई प्लानिंग नहीं है। कांग्रेस सरकार में 10 हजार से अधिक गौठान बने थे 3 लाख एकड़ सरकारी जमीन संरक्षित हुयी थी। गोठान में परंपरागत व्यवसाय को शुरू किया गया। तेल परोई, लौहार, बढ़ई को काम मिलता था। पशुधन के लिये चारा पानी, दवाई की व्यवस्था होती थी। महिला स्वसहायता समूह दो किलों में गोबर 4 रू में गौ मूत्र खरीदी करते थे। गौठान से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद बनाये जाते थे, जो पांच माह से बंद है, अब नाम बदलकर उस योजना को फिर शुरू किया जा रहा है।
सरकार द्वारा गायों के संरक्षण के लिये बनाये जाने वाले गौ अभ्यारण पर सवाल खड़ा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि गायों और गोवंश संरक्षण की बेहतरीन योजना गौठान, गोधन न्याय योजना को बंद कर दिया। अब राज्य सरकार को गायों का संरक्षण और गोधन संरक्षण की याद आ रही है। गौठान ऐसी योजना थी जहां ग्रामवासियों को जोड़कर गोवंश का संरक्षण किया जाता था। इस योजना में गोवंश के साथ महिला समूहों के भी आर्थिक उन्नति का मार्ग खुला था। गोधन न्याय योजना में हर आदमी का फायदा था, पशुपालक चरवाहे गोबर बेचकर मुनाफा कमा रहे थे साथ ही गायों का संरक्षण होता था और गायों को दाना, पानी मिलता था। सरकार बदलने पर राजनैतिक विद्वेष के कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस योजना को बंद किया। अब गौवंश अभ्यारण योजना चालू करने जा रहे है कितना भी अभ्यारण बना ले आखिर में गौठान में आना ही पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इससे पहले भाजपा ने गौशालओं बनाकर भाजपा के नेताओं को करोड़ो का अनुदान दिया था। तब गौशालाओं में गाये मरा करती थी। बड़े-बड़े भाजपा नेताओं की गौशालाओं में गाय के हडडी, चमड़े का व्यापार किया जाता था। गायों के सरंक्षण के लिये सबसे अच्छी योजना गौठान है इसे फिर से पुनः जीवित किया जाये और गोधन न्याय योजना चालू किया जाये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री बताये पूरे प्रदेश में कितने गोवंश अभ्यारण बनाये जायेंगे? गायों के संरक्षण के लिये गौठानों से बढ़कर कोई योजना नही है। गोवंश जंगल में रहने वाले प्राणी नही है हर गांव में सैकड़ों की संख्या में पालतू पशु है उन सबके लिये कितने अभ्यारण बनायेंगे? गौवंश की सही देखभाल गांव के स्तर पर गोठानों मेें ही हो सकती है अंततः सरकार को उसी योजना को आगे बढ़ाना होगा।