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  • दिल्ली-यूपी में बारिश से हाहाकर, राजस्थान के 50 गांवों पर आया संकट; IMD ने जारी किया अलर्ट

    दिल्ली-यूपी में बारिश से हाहाकर, राजस्थान के 50 गांवों पर आया संकट; IMD ने जारी किया अलर्ट

    नई दिल्ली। 

    उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पिछले 24 से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण यूपी सरकार ने स्कूलों को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं दिल्ली में भी लगातार बारिश से कई इलाकों में जलभराव हो गया है। आईएमडी ने दिल्ली में आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तराखंड में 13 सितंबर को भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।

    इन राज्यों में ऑरेंज अलर्ट
    नतीजतन, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल उड़ीसा, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा आज ऑरेंज अलर्ट पर हैं। बांग्लादेश के ऊपर ‘कम दबाव’ क्षेत्र के कारण उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने मानसून के बारे में एक तात्कालिक चेतावनी जारी की और कहा कि मौजूदा मौसम प्रणाली अगले नौ घंटों तक उत्तर भारत के क्षेत्र को प्रभावित करेगी।

    राजस्थान में बारिश के चलते पार्वती बांध के दस गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा

    धौलपुर व आसपास के इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते पार्वती बांध के दस गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। पार्वती बांध के गेट खुलने से 50 गांवों में संकट आ खड़ा हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार मध्य प्रदेश पर बना ‘दबाव’ आज दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहुंच गया है। केंद्र ने बताया कि अगले 24 घंटे में इसके उत्तर की ओर बढ़ने और कमजोर होकर ‘वेल मार्क लो प्रेशर’ बनने की संभावना है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को भी दिन भर बादल छाए रहेंगे। वहीं, कई इलाकों में बारिश होती रहेगी। हल्की से मध्यम स्तर की वर्षा होने और 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है। अधिकतम तापमान 31 जबकि न्यूनतम 21 डिग्री रह सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक वीकेंड से बारिश का दौर खत्म हो सकता है।

    अगले सप्ताह से लौटना शुरू हो सकता है दक्षिण-पश्चिम मानसून

    दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले सप्ताह से देश से लौटना शुरू होने की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 से 25 सितंबर के बीच देश से लौटना शुरू हो सकता है। यह आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है।