रायगढ़ ।
लोकसभा चुनाव को लेकर जब से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है तब से लगतार प्रतिदिन प्रत्याशियों को लेकर नए-नए विरोध का सामना करना पड़ रहा है सबसे पहले तो कांग्रेस के दिगज नेता एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रत्याशी लोकसभा राजनंदगांव, देवेंद्र यादव प्रत्याशी लोकसभा बिलासपुर और शिव लहरिया लोकसभा प्रत्याशी जांजगीर के खिलाफ बाहरी होने का स्थानीय कांग्रेसियों के द्वारा विरोध का सामना करना पड़ रहा है हालांकि कहने के लिए यह कहा जा रहा हैं कि सब ठीक है लेकिन हकीकत में जमीनी कुछ भी ठीक नहीं है।
रायगढ़ में भी लोकसभा प्रत्याशी को बदलने की मांग :
ऐसा ही कुछ मिला जुला वाक्य. रायगढ़ लोकसभा में देखने को मिला जहां कांग्रेसी नेता एवं आदिवासी समाज से जुड़े लोग प्रत्याशी डॉक्टर मेनका सिंह के ऊपर आदिवासी नहीं होने का बड़ा आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैस को पत्र लिखा गया है जो की सोशलमिडिया वायरल हो रहा है जिसमें प्रत्याशी बदलने की मांग की है! मेनका सिंह को जब से प्रत्याशी बनाया गया है तब से लगातार कार्यकर्ताओं में मायूसी देखने को मिल रही थी।
क्या लिखा गया है पत्र में :
लोकसभा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट है जहां से कांग्रेस पार्टी ने डॉक्टर मेनका देवी मिश्रा पति परिवेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है जो की आदिवासी समाज के लिए बहुत अपमानजनक है क्योंकि इस क्षेत्र में विशुद्ध आदिवासी वर्ग के कहीं दावेदारों ने अपना आवेदन प्रस्तुत कर चुनाव लड़ने के लिए टिकट का मांग किया था लेकिन सभी को नजर अंदाज कर एक गैर आदिवासी समाज में शादी किए हुए महिला को प्रत्याशी बनाकर आदिवासी समाज के संवैधानिक अधिकार का हनन किया है जिसका आदिवासी समाज और विरोध करता है सभी दावेदार एवं आदिवासी समाज की मांग है कि किसी आदिवासी को टिकट देकर रायगढ़ की घोषित फर्जी आदिवासी प्रत्याशी को बदल जाए अन्यथा हम सभी आदिवासी समाज घोर विरोध करेंगे। सर्व आदिवासी समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए रायगढ़ लोकसभा प्रत्याशी को तत्काल बादल कर अन्य दावेदारों का चयन करेंगे। पत्र में जो प्राप्त हुआ उसमे सुरेंद्र सिदार, श्रवण सिदार भुवनेश्वर सिदार नाम है वे लोग प्रदेश स्तर पर सर्व आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं।