नईदिल्ली ।
भारत मौसम विज्ञान विभाग आज लिए मौसम का पूर्वीनुमान जारी किया है। आईएमडी ने रविवार को नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के लिए भारी बारिश की संभावना जताई है। बिहार में गंगा, सोन व सहयोगी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है।मौसम विभाग ने दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत तमाम राज्यों में भी हल्की मध्यम बारिश की संभावना जताई है। केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 15 मीटर हिस्सा शुक्रवार रात जंगलचट्टी के पास भूधंसाव के चलते ध्वस्त हो गया।शनिवार को भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय व बेगूसराय में जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। इन जिलों के कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। मुंगेर-भागलपुर एनएच-80 पर एक से डेढ़ फीट पानी बह रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 24 घंटे में 15 सेमी जलस्तर बढ़ा है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना व वैशाली जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविर में जाकर बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की। अधिकारियों को बाढ़ पीडि़तों के लिए सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बाढ़ में डूबने से अलग-अलग इलाकों में कुल पांच लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने 25 सितंबर तक जिले के 151 विद्यालयों को बंद कर दिया है। मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 57 सेमी ऊपर बह रही है। शहर के आधा दर्जन से अधिक इलाके में गंगा का पानी फैल गया है।लखीसराय जिले की 17 पंचायतें बाढ़ से ग्रस्त है। बेगूसराय में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। कटिहार में गंगा, कोसी, कारी कोसी, बरंडी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। समस्तीपुर जिले में 19 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं।मौसम विभाग के अनुसार, रविवार सहित तीन दिन आकाश में आंशिक बादल छाए रहेंगे। इस दौरान वर्षा होने की खास संभावना नहीं है। रविवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। अगले सप्ताह बुधवार से शुक्रवार के बीच बहुत हल्की वर्षा होने की संभावना है। तब तापमान दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।
केदारनाथ पैदल मार्ग का लगभग 15 मीटर हिस्सा शुक्रवार रात जंगलचट्टी के पास भूधंसाव के चलते ध्वस्त हो गया। इससे शनिवार को धाम के लिए आवाजाही पूरी तरह ठप रही। धाम से दर्शन कर लौट रहे 5,000 से अधिक तीर्थ यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित गौरीकुंड पहुंचाया गया। शुक्रवार को दर्शन के लिए गए ये तीर्थयात्री केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर ठहरे हुए थे। गौरीकुंड व सोनप्रयाग से किसी भी तीर्थयात्री को केदारनाथ नहीं जाने दिया गया। सोनप्रयाग में 3,000 से अधिक तीर्थयात्री दिनभर पैदल मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे।बंगाल के बाढग़्रस्त इलाकों में जलस्तर घटने पर भी राज्य के कई जिलों का एक बड़ा हिस्सा अभी भी पानी में डूबा हुआ है। हावड़ा, हुगली और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कई गांव अभी भी कमर अथवा घुटने तक पानी में डूबे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन बाढ़ पीडि़तों तक राहत पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल कर रहा है। बीमारों को नावों से ही अस्पताल ले जाया जा रहा है। इस वक्त करीब 500 राहत शिविरों में 10,000 से ज्यादा लोगों ने शरण ले रखी है।