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  • कुछ लोगो के पार्टी छोड़ने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता – कांग्रेस

    कुछ लोगो के पार्टी छोड़ने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता – कांग्रेस

    रायपुर ।

    कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओ के भाजपा प्रवेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि किसी के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस के प्रदेश में निष्ठावान 19 लाख से अधिक कार्यकर्ता है। 24000 बूथों पर पार्टी की बूथ कमेटिया तैनात है। कुछ अवसरवादी लोगो के पार्टी छोड़ने से पार्टी की मजबूती एवं पार्टी के चुनाव अभियान में कोई कमी नहीं आनी वाली। हर चुनाव में कुछ वैचारिक रूप से कमजोर तथा सत्ता लोलुप लोग दल बदल करते है। यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन पार्टी के पास निष्ठावान कर्मठ ईमानदार कार्यकर्ताओं की फौज है जो देश की आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक पार्टी के साथ दृढ़ता से खड़ी है।


    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि दल बदल करवाने की भाजपा की आतुरता बता रही है कि उसे लोकसभा चुनाव में हार की पूरी संभावना दिख रही। उसे लगता है कि वह अपने पुराने नेताओं कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव नहीं जीत पायेगी। इसीलिये वह दल बदल करवा कर चुनाव मैदान में अपने आपको दिखाने की नौटंकी में लगी है। इस दल बदल से भाजपा के मूल और पुराने कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ और अहित महसूस कर रहे है। इसका दुष्परिणाम भी भाजपा को भुगतना पड़ेगा।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा भ्रम फैलने और अपने पक्ष का झूठा माहौल दिखाने के लिये कुछ कार्यकर्ताओ को प्रलोभन देकर दल बदल करवा रही है, लेकिन उसके इस झूठ के गुब्बारे की हवा मतदान के बाद निकल जायेगी। जनता मोदी से उनके 10 सालों के कामों का हिसाब मांग रही, लोग महंगाई, बेरोजगारी, किसानो की आय पेट्रोल-डीजल के दाम राशन सामाग्री के बढ़ते दामों के मुद्दो पर मतदान करेगी। 10 सालों तक मोदी जी ने केवल जुमलेबाजी की सरकार चलाया है। अब भाजपा झूठ के सहारे चुनाव लड़ना चाह रही। उसके पास 10 सालों के मोदी सरकार की उपलब्धि के नाम पर कुछ भी नहीं है।

    प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के मूल कार्यकर्ता भी मोदी के दस साल की विफलता से परेशान है। उनमें लोकसभा चुनाव में जनता का सामना करने का साहस नहीं बचा है। इसीलिये वह दल बदल करवा कर कार्यकर्ता खोज रही है।