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  • केन्‍द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा उत्‍कृष्‍टता की ओर बढ़ते कदम: उपलब्धियों का जश्‍न, प्रेरणादायक उत्‍कृष्‍टता कार्यक्रम का आयोजन

    केन्‍द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा उत्‍कृष्‍टता की ओर बढ़ते कदम: उपलब्धियों का जश्‍न, प्रेरणादायक उत्‍कृष्‍टता कार्यक्रम का आयोजन

    नई दिल्‍ली

    केन्‍द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा आज, इंडिया हैबिटेट सेंटर नई दिल्ली में उत्‍कृष्‍टता की ओर बढ़ते कदम: उपलब्धियों का जश्‍न, प्रेरणादायक उत्‍कृष्‍टता शीर्षक से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में केन्‍द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री, मनोहर लाल, सचिव, अनुराग जैन, संयुक्‍त सचिव, (NULM)  राहुल कपूर, बैंकों के प्रतिनिधियों सहित राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के विभिन्‍न प्रदेशों से आये हुए अधिकारीगण व मिशन के लाभार्थी उपस्थित थे ।

    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्‍यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि इस कार्यक्रम का शीर्षक ‘’उत्‍कृष्‍टता की ओर बढ़ते कदम’’ विकास और ज़न कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का परिचायक है आप सभी के निरंतर प्रयासों से शहरी गरीबों के जीवन को बदलने में दीनदयाल अंत्‍योदय योजना – राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और पीएम स्‍वनिधि ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

    कांग्रेस के शासन काल में लिखी गई बाबा नागर्जुन की एक कविता का स्‍मरण करते हुए  साहू ने कहा कि –

    कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
    कई दिनों तक भूखी बिटिया सोई उनके पास
    कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
    कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त

    एक कविता 2014 में मोदी जी के कार्यकाल ने उस कविता को चरितार्थ किया

    दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
    धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
    चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
    कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद

      साहू ने कहा कि गरीब उद्यमशील होते हैं और उनमें गरीबी से बाहर आने की प्रबल इच्छा होती है, इसी मूल धारणा को संज्ञान में लेते हुए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रारम्भ किया । DAY-NULM ने शहरी गरीबों तक पहुंचने और उनके आजीविका संवर्धन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस मिशन ने लगभग 98 लाख शहरी गरीब महिलाओं को स्‍वयं सहायता समूह के माध्‍यम से जोड़ा, इन महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण और प्‍लेसमेंट के माध्‍यम से आजीविका के अवसर दिए गए । इस मिशन ने अवसर दिया लोगों की क्षमताओं को उजागर करने का उनके लिए सार्थक और सतत आजीविका के अवसरों को उत्‍पन्‍न करने का इस प्रक्रिया में पहला कदम शहरी गरीबों को एकत्रित करके अपने स्‍वंय के समूह बनाने के लिए प्रेरित करना था साथ ही साथ उन समूहों को पर्याप्‍त क्षमता प्रदान करने की आवश्‍यकता थी ताकि वे अपने कौशल को बढ़ा सकें और उनकी पहुंच औपचारिक वित्‍तीय संस्‍थाओं तक हो सके जिससे कि वे अपने और अपने समूह हेतु जीवीकोपार्जन कर सकें।

    केन्‍द्रीय राज्‍यमंत्री ने कहा कि इसी संदर्भ में उन्‍हें रामायण का एक संस्‍मरण याद आ रहा है जब विश्‍वामित्र जी ने राजा दशरथ से ताड़का वध के लिए भगवान राम को लेने के लिए तो राजा दशरथ ने कहा मेरी सेना ले जाओ तो उन्‍होंने कहा ‘चार चीजों में से कोई एक चीज अगर मनुष्‍य में आ जाए, तो मनुष्‍य अहंकारी हो जाता है’ पहला यौवनम्, धन, संपत्ति, प्रभुत्‍वम पर राम ये चारों हैं और फिर भी वो सहज है इसलिए इनको ले जा रहा हूँ रास्‍ते में विश्‍वामित्र जी ने भगवान राम जी से पूछा की लड़ोगे कैसे, भगवान राम ने पूछा कौन लोग हैं, विश्‍वामित्र जी कहते हैं कुछ लकड़ी का काम करते हैं, तो राम जी कहते हैं कि उनसे तीर धनुष बनावएंगे और लोहे का काम करने वालो से तलवार और भाले बनावएंगे और गड़रिए से हाथी घोड़ों को प्रशिक्षण कराएंगे तो विश्‍वामित्र जी कहते हैं वो अपना काम करेंगे आपकी सेना में क्‍यों लड़ेगें तो भगवान राम जी कहते हैं अपनी सेना नहीं बना रहा हूँ उनको आत्‍मरक्षा सिखा रहा हूँ । ऐसे ही हमारे प्रधानमंत्री जी ने शहरी गरीबों के लिए राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से उनको आत्‍मनिर्भर बनाया है। प्रधानमंत्री जी ने दीनदयाल उपाध्याय जी को सोच और उद्देश्य को पूरा करने का कार्य किया है प. दीनदयाल उपाध्याय का उद्देश्य देश व समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे क्योंकि जब तक अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का विकास नहीं होगा तब तक देश एवं समाज का विकास नहीं हो सकता ।

    उन्‍होंने कहा कि पथ विक्रेता शहरी अनौपचारिक अर्थव्‍यवस्‍था का बहुत महत्‍वपूर्ण अंग कोविड–19 महामारी का पथ विक्रेताओं की आजीविका पर सबसे बुरा प्रभाव पड़ा था लॉकडाउन के दौरान इन पथ विक्रेताओं की जमा पूंजी की आवश्‍यकता थी। माननीय प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में पथ विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी उपलब्‍ध करने हेतु एक विशेष सूक्ष्‍म ऋण सुविधा ‘’ पीएम स्‍ट्रीट वेंडर्स आत्‍मनिर्भर निधि (पीएम स्‍वनिधि)’’ का प्रारम्‍भ किया गया। पीएम स्‍वनिधि सिर्फ एक सूक्ष्‍म ऋण प्रदान करने की योजना नहीं बल्कि यह पथ विक्रेताओं को स्‍वनिधि से समृद्धि की ओर ले जाने की योजना है।साहू ने बताया कि इस योजना का मुख्‍य आकर्षण ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देना है, इससे पथ विक्रेताओं का बैंक आने जाने में लगने वाला समय बचता है और साथ ही साथ समय पर ऋण न भुगतान करने से होने वाली हानियों से भी मुक्ति मिलती है । इस योजना के अंतर्गत अभी तक 65 लाख पथ विक्रेताओं को 86 लाख ऋण के द्वारा 11,642 करोड़ रुपये की राशि का ऋण वितरित किया जा चुका है । आज के कार्यक्रम ने विभिन्‍न राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों, शहरी स्‍थानीय निकायों, ऋण देने वाली संस्‍थाओं, संगठनों और भागीदारों के हितधारकों को एक साथ लाया है ।

    केन्‍द्रीय राज्‍यमंत्री ने कहा कि आप सभी लोग दीनदयाल अंत्‍योदय योजना –राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और पीएम स्‍वनिधि योजना की सफलता में सहायक रहे हैं । हम आपको पुरस्‍कार प्रदान करते हुए गौरवान्वित हैं, यह आप सबके पुरुषार्थ का परिणाम है। उन्‍होंने सभी राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों, नगरी निकायों, सहभागी संस्‍थाओं एवं बैंक प्रतिनिधियों को अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं दी । उन्‍होंने विजेताओं से अनुरोध किया कि गरीबों को प्रोत्‍साहित करें जिससे कि हम सभी लोग सामूहिक सहयोग से शहरी क्षेत्र से गरीबी उन्‍मूलन कर सके और देश को विकसित राष्‍ट्र बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के उद्देश्‍यों में सहयोग कर सकें । केन्‍द्रीय राज्‍यमंत्री ने सभी विजेताओं को बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं दीं ।