Tag: Fourth edition of Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana

  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त भाजपा सरकार हजम कर गयी

    राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त भाजपा सरकार हजम कर गयी

    रायपुर । 

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 5700 करोड़ रू. का बजट पास करके रखा था साय सरकार ने किसानों को भुगतान नहीं किया जिसके कारण किसानों को मिलने वाली किसान न्याय योजना की चौथी किस्त की बजट राशि 31 मार्च को लेप्स हो गयी। यह भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी सोच का नतीजा है किसानों ने अपना धान 2680 रू. में सरकार के पास बेचा था यह छत्तीसगढ़ सरकार और किसानों के बीच का अनुबंध था। सरकार चलाने वाला दल भले ही बदल गया हो किसानों से सरकार द्वारा किया गया अनुबंध (वादा) तो यथावत है। किसान न्याय योजना का पैसा किसानों का हक है उन्हें मिलना ही चाहिये। साय सरकार किसानों को उनके धान का पैसा तत्काल भुगतान करें।


    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद जनकल्याणकारी योजनायें दम तोड़ रही। किसानों को मिलने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त नहीं दिया गया। गौठानों को बंद कर दिया गया जिससे 27 लाख से अधिक बहनें जो स्व-सहायता समूह के माध्यम से गौठानों में काम करती थी बेरोजगार हो गयी। 13800 से अधिक राजीव युवा मितान क्लबों को बंद कर दिया गया जिससे युवाओं के सर्वागीण विकास के लिये मिलने वाली एक लाख रू. की सहायता बंद हो गयी। बेरोजगार युवाओं को मिलने वाली बेरोजगारी भत्ता को बंद कर दिया। ग्रामीण रोजगार योजना के लिये चलाई जाने वाली ‘‘रीपा’’ रूरल इंडस्ट्रियल पार्क को बंद कर दिया गया।

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि आदतन किसान विरोधी भाजपाई चुनाव जीतते ही वादाखिलाफी पर उतर आए हैं। डिप्टी सीएम विजय शर्मा सहित भाजपा के तमाम प्रत्याशी चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा करते दिखे लेकिन सरकार बनते हैं भाजपा नेताओं ने यू टर्न ले लिया। धान और किसान का विषय भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के लिए केवल चुनावी है, चुनाव खत्म मुद्दा खत्म। आदतन वादाखिलाफी करने वाले भाजपाई अब छत्तीसगढ़ के किसानों के प्रति अपने दायित्व से भाग रहे हैं। 100 दिन में महंगाई कम करने के वायदे, 2 करोड़ रोज़गार हर साल, 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने के वादे और सभी के बैंक खातों में 15-15 लाख़ के समान ही छत्तीसगढ़ में मोदी की गारंटी का हश्र जुमला साबित होते हुआ दिख रहा है।