रायपुर/ भाजपा के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आरएसएस और भाजपा आरक्षण की विरोधी है.कई बार भाजपा और आरएसएस के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर आरक्षण को खत्म करने की बात कही है। 2015 में आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने आरक्षण और इसकी आवश्यकता एवं समय-सीमा की समीक्षा करने की बात कही थी। 2017 में आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरक्षण को हटा दिया जाना चाहिए। 2018 में बीजेपी सांसद सीपी ठाकुर ने दलित आरक्षण का विरोध किया था। 2021 में हिमाचल प्रदेश के पूर्व बीजेपी सीएम ने कहा था कि अब जाति आधारित आरक्षण को खत्म करने का समय आ गया है। पूर्व के रमन सरकार ने एससी वर्ग के आरक्षण में कटौती किया था। रमन सरकार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री ननकी राम कंवर की अध्यक्षता में आदिवासी आरक्षण के पक्ष में बनी कमेटी के निर्णय को रमन सरकार ने कोर्ट में नहीं रखा था. कांग्रेस की सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया उसे भी भाजपा ने साजिश रच कर राजभवन में अब तक रुकवाया हुआ है यह भाजपा के आरक्षण विरोधी नीतियों का परिणाम है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने 10 साल में आरक्षित वर्ग को नुकसान पहुंचा हैं। भाजपा की आरक्षण विरोधी नीतियों के चलते ही देश में सरकारी संस्थानों में 30 लाख पद रिक्त पड़े हुए हैं। इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया होती तो आरक्षित वर्गों को भी लाभ होता। सरकारी कंपनियों का निजीकरण भी आरक्षण को खत्म करने के लिए किया गया है। पूरे देश में आरक्षित वर्गों के खिलाफ आरएसएस बीजेपी उनके अनुषांगिक संगठनों ने एक मुहिम चलाया जिसके चलते आरक्षित वर्गों में भय का वातावरण निर्मित हुआ है। 10 सालों में आरक्षित वर्ग के बेहतरी के लिए मोदी सरकार ने कोई काम नहीं किया है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां आज भी आरक्षित वर्ग को उनके हक अधिकार से वंचित रखा गया है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी भाजपा की आरक्षण विरोधी नीतियों को आरक्षित वर्ग समझ चुका है और जिस प्रकार से सोशल मीडिया में भाजपा नेताओं के आरक्षण विरोधी बयान सामने आए हैं इससे भाजपा घबरा गई है और उन वीडियो को फेंक बताकर अपने नेताओं के करतूत पर पर्दा कर रही है. फेक वीडियो बनाना भाजपा के आईटी सेल का काम है।