कोरबा।
पावर प्लांट से राखड़ परिवहन में पर्यावरण नियमों की अनदेखी करने के मामले में तीन औद्योगिक संस्थानों पर पर्यावरण विभाग ने 25 लाख का जुर्माना लगाया है।अभी भी बिना तिरपाल ढके हाइवा में राखड़ का परिवहन किया जा रहा है। यही नहीं, सडक़ किनारे कहीं भी फेंक रहे हैं। इसकी वजह से हवा चलने पर राखड़ उडऩे लगता है। पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी परमेंद्र पांडेय ने प्रदूषण फैलाने पर एनटीपीसी, सीएसईबी और बालको पर 25 लाख का जुर्माना लगाया है।
पावर प्लांटों में रोज डेढ़ लाख टन से अधिक की कोयला खपत होती है। इससे निकलने वाला राखड़ का शत-प्रतिशत उपयोग करना है। साथ ही राखड़ बांध में सुरक्षित रूप से रखना है, लेकिन प्लांट प्रबंधन इसकी अनदेखी कर रहे हैं। इस मामले में जिला प्रशासन भी समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है। सीएसईबी प्रबंधन की मनमानी सबसे अधिक हो रही है। ढ़ेगुरनाला के किनारे राखड़ डैम से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। राखड़ की खपत बढ़ाने लो लाइन एरिया में भी भरा जा रहा है। इस कार्य में भी नियम का खुलकर उल्लंघन हो रहा है।बिना अनुमति के ही कहीं भी राखड़ को डंप कर रहे हैं। राखड़ परिवहन करने वाले वाहन सडक़ को ही पार्किंग बना लेते हैं। इससे भी लोगों को परेशानी होती है। इस संबंध में पहले पर्यावरण विभाग ने औद्योगिक संस्थानों को नोटिस भी जारी किया था, लेकिन सुधार नहीं होने के कारण ही जुर्माना लगाने की कार्रवाई की है।