भोपाल।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु या गंभीर चोटों के मामले में मतदान/सुरक्षा कर्मियों के परिजन को अनुग्रह राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें चुनाव संबंधी सभी प्रकार की ड्यूटी में तैनात सभी कार्मिक, सीएपीएफ, एसएपीएस, राज्य पुलिस, होम गार्ड के सभी सुरक्षाकर्मी, कोई भी निजी व्यक्ति जैसे ड्राइवर, क्लीनर आदि जिसे चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त किया गया हो और बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियर भी शामिल हैं, जो प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी), ईवीएम कमीशनिंग, मतदान दिवस और मतगणना दिवस ड्यूटी में लगे हुए हैं।
आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि किसी व्यक्ति को प्रशिक्षण सहित किसी भी चुनाव संबंधी कार्य के लिए रिपोर्ट करने के लिए निवास/कार्यालय छोड़ते ही चुनाव ड्यूटी पर होना माना जायेगा, जब तक वह अपने कार्य प्रदर्शन के बाद अपने निवास/कार्यालय वापस नहीं पहुंच जाता। यदि इस अवधि के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो इसे चुनाव ड्यूटी पर हुई घटना के रूप में माना जायेगा।
बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियरों के लिए, प्रथम स्तरीय जांच (एफएलसी) ड्यूटी की अवधि और वह अवधि जिसके लिए अधिकारी को कमीशनिंग, मतदान/मतगणना व्यवस्था के लिए प्रतिनियुक्त किया जाता है, को चुनाव ड्यूटी अवधि में माना जाएगा।
अनुग्रह राशि
निर्वाचन ड्यूटी के दौरान अगर मौत उग्रवाद या असामाजिक तत्वों के किसी हिंसक कृत्य जैसे सड़क पर खदान, बम विस्फोट, सशस्त्र हमले और कोविड-19 के कारण मौत होती है, तो 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि कर्मचारी के परिजन को मिलेगी। इसके अलावा किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। चरमपंथी या असामाजिक तत्वों की संलिप्तता के कारण स्थायी विकलांगता होती है तो 15 लाख रुपये और गंभीर चोट के परिणामस्वरूप स्थायी विकलांगता, जैसे अंग की हानि, आंख की दृष्टि, आदि के मामले में 7.5 लाख रुपये दिये जायेंगे। अनुग्रह राशि का भुगतान गृह मंत्रालय द्वारा उसके मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत पहले से ही भुगतान किए जा रहे मुआवजे और राज्य सरकार या किसी नियोक्ता द्वारा भुगतान किए गए किसी भी अन्य मुआवजे के अतिरिक्त होगा। अनुग्रह राशि का भुगतान बिना किसी अनावश्यक देरी के शीघ्र किया जाएगा।
कैशलेस इलाज
आयोग ने चुनाव में शामिल ऐसे सभी कर्मियों के लिए अत्याधुनिक अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है, जो ड्यूटी के दौरान घायल हो जाते हैं या बीमार पड़ जाते हैं। उपचार में तेजी लाने और देरी से बचने के लिए, चुनाव की घोषणा तक अस्पतालों के साथ अग्रिम रूप से व्यवस्था/टाई-अप कर पीड़ितों को कैशलेस सुविधाएं दी जा सकती हैं।