Tag: Chief Minister Bhupesh Baghel unveiled the statue of freedom fighter Thakur Pyare Lal Singh in village Semhradaihan

  • मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने ग्राम सेम्हरादैहान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्राम सेम्हरादैहान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह की प्रतिमा का किया अनावरण

    रायपुर11 अगस्त 2023

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सेम्हरादैहान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस दौरान ठाकुर प्यारे लाल सिंह उद्यान में पौधरोपण किया। उन्होंने ठाकुर प्यारे लाल सिंह के परिवारजनों से भी मुलाकात की। इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक मोहला-मानपुर श्री इन्द्रशाह मंडावी, राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं विधायक डोंगरगांव श्री दलेश्वर साहू, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं विधायक डोंगरगढ़ श्री भुनेश्वर बघेल, समाज सेवी श्री पदम कोठारी, समाज सेवी श्री रतन यादव, सरपंच श्री दिनेश सिंह ठाकुर अन्य जनप्रतिनिधि, संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी श्री राहुल भगत, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव श्री अभिषेक मीणा, जिला पंचायत सीईओ श्री अमित कुमार, एसडीएम राजनांदगांव श्री अरूण वर्मा सहित ठाकुर, प्यारे लाल सिंह के परिजन श्री नीलकांत सिंह, श्री आशीष सिंह, श्री श्रीकांत सिंह, श्री विश्वजीत सिंह, श्री सौमित्र सिंह, श्री नरेन्द्र सिंह सहित अन्य सदस्य, पंचगण, अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे। इसके अलावा ठाकुर प्यारे लाल सिंह के अन्य परिजन इंदौर, श्रीनगर, भोपाल, बीना, दुर्ग, रायपुर से भी इस अवसर पर उपस्थित हुए।
    उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह का जन्म 21 दिसम्बर 1891 को राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम सेम्हरादैहान में हुआ था। इनके पिता ठाकुर दीनदयाल सिंह एवं माता श्रीमती नर्मदा देवी सिंह थी। इन्होंने वर्ष 1914 में नांदगांव रियासत के दीवान हटाओ आंदोलन तथा वर्ष 1919, 1924 एवं 1933 में बीएनसी मिल मजदूरों की हड़ताल का नेतृत्व करते हुए मजदूरों के अधिकार के लिए संघर्ष किया। वर्ष 1920 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर उनके द्वारा चलाए जा रहे असहयोग आंदोलन के दौरान वकालत का त्याग कर दिया। वे वर्ष 1924 में राजनांदगांव नगर पालिका तथा वर्ष 1936, 1940 एवं 1944 में रायपुर नगर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वर्ष 1930 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस आंदोलन में सतत रूप से शामिल होने के कारण उन्हें वर्ष 1932 में पुन: रायपुर में गिरफ्तार कर लिया गया।
    ठाकुर प्यारे लाल सिंह वर्ष 1933 में रायपुर से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने वर्ष 1936 में रायपुर में छत्तीसगढ़ कॉलेज की स्थापना के लिए छत्तीसगढ़ एजुकेशन सोसायटी का गठन किया। जिसमें इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके अतिरिक्त उन्होंने छत्तीसगढ़ में अनेक सहकारी संघों की स्थापना के लिए विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने वर्ष 1946 में छत्तीसगढ़ के देशी रियासतों के भारत संघ में विलय के लिए चलाये गये अभियान का नेतृत्व किया। वर्ष 1952 में पुन: रायपुर से विधायक निर्वाचित होकर नागपुर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। ठाकुर प्यारे लाल सिंह का 20 अक्टूबर 1954 को देहावसान हो गया और भू-दान आंदोलन के प्रथम शहीद घोषित किए गए।