रायपुर।
सीजीएसटी रायपुर द्वारा विशेष खुफिया जानकारी, डेटा विश्लेषण और व्यापक निगरानी के आधार पर फर्जी चालान बनाने और केवल इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पारित करने के उद्देश्य से बनाए गए 13 फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का हाल ही में भंडाफोड़ किया गया था। रैकेट के मास्टरमाइंड हेमन्त कसेरा को आज गिरफ्तार कर लिया गया।
आगे जांच करने पर यह पाया गया कि हेमंत कसेरा द्वारा संचालित फर्मों द्वारा इस तरह की फर्जी आईटीसी की बड़ी मात्रा रायपुर में स्थित मेसर्स त्रिवेणी मेटालिक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स त्रिवेणी एंटरप्राइजेज को दी गई है। तदनुसार, इन फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जांच करने पर यह पता चला कि न केवल उपर्युक्त 2 फर्में बल्कि अन्य 4 फर्में सर्वेश कुमार पाण्डेय द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित की जाती हैं। दस्तावेजों, खातों और रिटर्न की गहन जांच के बाद यह पाया गया कि पाण्डेय ने न केवल हेमंत कसेरा से बल्कि कई अन्य जाली/फर्जी फर्मों से भी फर्जी बिल खरीदे हैं। अब तक की जांच मे ₹ 71.38 करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी का पता चल चुका है, जिसका लाभ पाण्डेय ने जीएसटी से बचने के इरादे से लिया था।
तदनुसार, केंद्रीय जीएसटी की टीम द्वारा सर्वेश कुमार पाण्डेय को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के तहत दिनांक 04.05.2024 को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया और माननीय सीजेएम अदालत ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है।
सीजीएसटी रायपुर कर चोरों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई कर रहा है। इन गिरफ्तारियों के साथ, 2017 में जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है।