रायपुर।
देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एवं सिटीजन कंज्यूमर एंड सिविक एक्शन ग्रुप (सीएजी) चेन्नई, के संयुक्त तत्वावधान में विद्युत बचत व अक्षय ऊर्जा कार्यशाला हुआ। उपरोक्त कार्यशाला के कार्यक्रम संयोजक मोहन वर्ल्यानी थे।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि हमे खाली कमरे में लाईट, पंखा एवं एसी चालू नहीं रखना चाहिए जिससे कि अनावश्यक विद्युत की खपत होती है। विद्युत उपकरण हमेशा फाईव स्टार रेटिंग वाला ही उपयोग में लेना चाहिए। हमे छोटी छोटी बातों पर अगर ध्यान देंगे तो बहुत ज्यादा से ज्यादा विद्युत बचत कर पाएंगे जो हमारे लिए ही लाभकरी सिद्ध होगा। हमे अपने जानकारी को मजबूत करना चाहिए। और इस तरह के आयोजन लगातार होने चाहिए। जिससे कि हमारे व्यापारी बन्धुओं को इसका अवश्यक लाभ प्राप्त होगा। कैट सभी व्यापारियां बन्धुओं से अपील करती है। कि अक्षय ऊर्जा का प्रयोग अपने दुकानों एवं घरो में कर अधिक बिजली बिल से राहत पा सकते है।
संजीव जैन जी, पूर्व सलाहकार, क्रेडा ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन तथा वर्ष 2030 तक भारत की अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता 500 गीगा वाट तक विस्तारित करने का लक्ष्य रखा है। जिसे प्राप्त करने तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं, जैसे- राष्ट्रीय बायोगैस और खाद्य प्रबंधन कार्यक्रम, सूर्यमित्र कार्यक्रम, सौर ऋण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री -कुसुम योजना, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, सौर पार्क योजना, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसयू) योजना, हाइड्रोजन मिशन, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन तथा बजट 2022-23 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऊर्जा दक्षता, विद्युत गतिशीलता, भवन निर्माण दक्षता, ग्रिड से जुड़े ऊर्जा भंडारण और हरित बॉण्ड के लिये कई घोषणाएँ कीं जो नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन देने में अहम भूमिका निभाएंगी। ऐसे में अक्षय ऊर्जा में आत्मनिर्भरता भारत की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भी अहम है। आज आवश्यकता है कि भारत दूसरे देशों के लिये अक्षय ऊर्जा उपकरणों की आपूर्ति का एक स्रोत बने।
संजय शर्मा जी, संस्थापक, अनमोल फाउंडेशन ने बताया कि ’नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल होती है ’नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा असीमित होती है। इसलिये इसे ऊर्जा का स्थायी स्रोत भी माना जाता है, ’नवीकरणीय ऊर्जा रोज़गार सृजन में भी सहायक है। अक्षय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देकर मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। ’अक्षय ऊर्जा स्रोत ही भविष्य के ऊर्जा संसाधन हैं जो किसी भी राष्ट्र के धारणीय विकास को सुनिश्चित करेंगे। ऐसे में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियाँ निरंतर बढ़ती जा रही हैं। मनिकन्दन जी, रिसर्चर, सीएजी ने बताया कि हरित हाइड्रोजन यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पवन, सौर और जलविद्युत जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके जल के विद्युत-अपघटन (इलेक्ट्रोलिसिस) के माध्यम से उत्पादित किया जाता है। इस दिशा में ऊर्जा की अपार संभावनाओं को देखते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2021 में भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया गया। इसका उद्देश्य भारत को एक ’हरित हाइड्रोजन हब’ बनाना है जो वर्ष 2030 तक 5 मिलियन टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन और संबंधित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के विकास के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा।
उपरोक्त कार्यशाला में कैट युवा टीम एवं व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- .अमर पारवानी , जितेन्द्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, सुरिन्द्रर सिंह, अजय अग्रवाल, मोहन वर्ल्यानी, विजय गोयल, जयराम कुकरेजा, अवनीत सिंह विजय पटेल, राकेश ओचवानी, जय नानवानी, महेश जेठानी, नरेश पाटनी, नागेन्द्र तिवारी, महेन्द्र बागरोडिया, राजेन्द्र बागडी, गिरीश पटेल, लोकेश साहू, विक्रात राठौर, रतनदीप सिंह, मनीष सोनी, बी.एस. परिहार, पिंकी अग्रवाल, रमेशचन्द्र जैन, प्रशांत बंदेल प्रकाश खास्तीकार, निखिल कुमार, गोविन्द चिमनानी एवं हिमांशु वर्मा सहित अन्य व्यापारीगण आदि।