अहमदाबाद,04 अक्टूबर 2022 /
दरअसल, सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि मुख्यमंत्री पद के लिए कौन सा चेहरा पसंद है? इसको लेकर लोगों ने बेहद चौका देने वाले जवाब दिए। सी वोटर्स के सर्वे के मुताबिक सर्वे में 33 फीसदी लोगों का मानना है गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा। इसके साथ ही प्रदेश में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। इससे पहले के विधानसभा चुनाव में सिर्फ दो पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही लड़ाई रही है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री ने गुजरात विधानसभा चुनाव और दिलचस्प कर दिया है। हाल ही में दिल्ली सीएम केजरीवाल ने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम ऐलान किया है। इसी बीच सी वोटर्स के ओपिनियन पोल सामने आए हैं। दरअसल, सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि मुख्यमंत्री पद के लिए कौन सा चेहरा पसंद है? इसको लेकर लोगों ने बेहद चौका देने वाले जवाब दिए। सी वोटर्स के सर्वे के मुताबिक सर्वे में 33 फीसदी लोगों का मानना है कि सीएम भूपेंद्र पटेल ही उनकी पहली पसंद हैं। जबकि 20 फीसदी लोगों ने आप के सीएम पद के उम्मीदवार इसुदान गढवी को पहली पसंद बताया। इसके आलवा 8 फीसदी लोगों ने विजय रुपाणी का नाम लिया तो 7 फीसदी लोगों ने अर्जुन मोढ़वाडिया को पहली पसंद बताया। इनके बाद नितिन पटेल, शक्ति सिंह गोहिल, जगदीश ठाकोर लोगों की पहली पसंद के रूप में सामने आए।
भाजपा की नजर लगातार सातवीं जीत हासिल करने पर
बीजेपी अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करेगी और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अलावा आक्रामक तरीके से मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मुकाबला करेगी। भाजपा ने 1995 से लेकर लगातार छह बार चुनावी जीत दर्ज की है।
इसुदान गढ़वी CM पद के लिए AAP की पसंद
आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को पूर्व टीवी प्रस्तोता और पत्रकार इसुदान गढ़वी को गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। यह घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की। उन्होंने कहा कि 40 वर्षीय गढ़वी को पार्टी द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत वोट मिले हैं। गढ़वी के सामने पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख गोपाल इटालिया थे, जिन्होंने पाटीदार समुदाय के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गढ़वी द्वारका जिले के पिपलिया गांव के एक किसान परिवार से आते हैं और अन्य पिछड़ी जातियों से ताल्लुक रखते हैं, जो राज्य की आबादी का 48 प्रतिशत हिस्सा हैं।