रायपुर।
देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कैट सी.जी. चैप्टर ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मो. अबु शमॉ आयुक्त सेन्ट्रल जीएसटी, एवं पुष्पेन्द्र कुमार मीणा (आईएएस) राज्य जीएसटी आयुक्त, को 54वें जीएसटी कौंसिल की मिटिंग में जीएसटी सरलीकरण एवं युक्तियुक्तकरण हेतु कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) सी.जी. चैप्टर का सुझाव दिया। जो निम्नानुसार है :-
पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध। विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए।
नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण।
इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने।
जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव।
छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्।
ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती।
माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित
E-Invoicing की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए।
ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत।
ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हेतु।
व्यवसाय को राहत देने एवं Ease of doing हेतु सुझाव।
एक व्यवसाय एक कर।
जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव।
आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए ।
IGST आउटपुट के भुगतान के लिये CGSTऔर या SGST इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिये ।