रायपुर 16 मार्च 2023/
रायपुर। कांग्रेस की यूपीए सरकार ने वर्ष 2009 में गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दिलाने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया था, उसी कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में इस वर्ष प्रायवेट स्कूलों से गरीब बच्चों की 30 हजार सीटें कम कर दी। बीते वर्ष 81 हजार सीट प्रायवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए आरक्षित था। इस वर्ष उसे घटा कर 51 हजार कर दिया है।
नामी निजी स्कूल गरीब बच्चों को अपने स्कूलों में शिक्षा देना नहीं चाहते, जिसके लिए विगत 12 वर्षो से उनके द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। कभी अपने स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों की संख्या कम बताया जाता है, तो कई स्कूल अपने आप को अल्पसंख्यक बता दिया जाता है, ऐसे प्रतिवर्ष कई कारण बता कर गरीब बच्चों को अपने स्कूलों में प्रवेश देने में अनाकानी किया जाता रहा है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार गरीब बच्चों को नामी निजी स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहती है। गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया। नामी निजी स्कूलों में भी गरीब बच्चों को पढ़ाना था, लेकिन छत्तीसगढ़ में यह लागू हो नहीं पा रहा है। कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में इस वर्ष प्रायवेट स्कूलों से गरीब बच्चों की 30 हजार सीटें कम कर दी है।
श्री पॉल ने बताया कि उनके द्वारा इस मामले को लेकर राहुल गांधी और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस कानून को प्रदेश में कड़ाई से पालन कराने और ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को नामी निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने की समुचित व्यवस्था कराने का अनुरोध किया गया है।
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30 हजार गरीब बच्चों की सीटें प्रायवेट स्कूलों से घट गया