नई दिल्ली, 05 जनवरी 2022\ क्रिकेट के खेल में अकसर अंपायर किसी डिसीजन पर मुश्किल में फंसने के बाद उसे टीवी अंपायर के पास भेजते हैं, ताकि वह कैमरों की मदद से सही निर्णय कर सकें. लेकिन इससे पहले उन्हें उस क्षण का सॉफ्ट सिग्नल भी देना होता है यानी की उनकी राय क्या है. क्योंकि जब किसी डिसीजन पर टीवी कैमरा भी उसे नहीं पकड़ पाते तो फिर मैदानी अंपायर के निर्णय के साथ खेल आगे बढ़ता है. लेकिन क्रिकेटर इसके पक्ष में नहीं हैं. उनका मानना है कि जब आपने किसी डिसीजन को तीसरे अंपायर के पास भेजा है तो फिर उसी का निर्णय मान्य होना चाहिए क्योंकि वह तकनीक की मदद से सही और सटीक निर्णय दे सकते हैं. खिलाड़ियों का मानना है कि जब किसी मामले में कैमरे भी किसी बारीकी को नहीं पकड़ पा रहे हैं, तो भी तीसरा अंपायर सही निर्णय देने के बहुत करीब होता है तो ऐसे में मैदानी अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल का रोल नहीं होना चाहिए. हाल ही में यह विवाद तब सामने आया, जब बुधवार को ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीमें सिडनी में तीसरे टेस्ट में भिड़ रही थीं. खेल के पहले दिन 70 रन पर खेल रहे मार्नस लाबुशेन का मार्को जेनसेन की गेंद पर एक कैच स्लिप की ओर गया. यहां फील्डर ने इस कैच को लपकने का दावा किया. मैदानी अंपायरों को भी इस संदेह था कि शायद गेंद स्लिप फील्डर के हाथ में समाने से पहले जमीन को छू चुकी है. इसलिए उन्होंने इसे तीसरे अंपायर के पास भेज दिया. अंपायर ने इसे कई बार कैमरे पर रिप्ले में देखा. हालांकि उनके पास कोई पुख्ता सबूत तो नहीं था कि गेंद कैच होने से पहले मैदान को छू रही है. लेकिन फिर भी उनकी फीलिंग यही थी कि यह कैच क्लीन नहीं है और उन्होंने मैदानी अंपायर का निर्णय बदल दिया. अब इस पर बहस शुरू हो गई कि जब ऐसे मामले में नियम सॉफ्ट सिग्नल को मानने का है तो फिर अंपायर कैसे निर्णय बदल दिया. इस पर इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान और हरभजन सिंह ने अपनी राय दी है. https://twitter.com/harbhajan_singh/status/1610609439219875840?s=20&t=VV0XGbHF_FIE0FAemfU37A बेन स्टोक्स ने ट्वीट कर लिखा, ‘आईसीसी को सॉफ्ट सिग्नल का नियम हटा देना चाहिए और तीसरे अंपायर को ही तय करने देना चाहिए. जब उसके पास सारी टेक्नॉलजी है और कोई निर्णय तीसरे अंपायर के पास भेजा जा रहा है तो फिर उसी को तय करने देना चाहिए. सारे विवाद सॉफ्ट सिग्नल देने पर ही होते हैं.’ इसके साथ ही उन्होंने लिखा, ‘आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि डिसीजन पर कोई टिप्पणी नहीं दे रहा हूं.’ इसके अलावा हरभजन सिंह ने भी लिखा, ‘सॉफ्ट सिग्नल समय की बर्बादी है. जब आप किसी डिसीजन को थर्ड अंपायर के पास भेज रहे हैं तो फिर सॉफ्ट सिग्नल का क्या मायने है. तीसरे अंपायर को ही निर्णय देने दीजिए.