Tag: विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 10वीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस में हुए शामिल

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 10वीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस में हुए शामिल

    नई दिल्ली।

     छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज नई दिल्ली में आयोजित 10वीं सीपीए इंडिया रीजन कांफ्रेंस (दसवें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र की बैठक) में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, उन्होंने “सतत् और समावेशी विकास में विधायिका की भूमिका” पर अपने विचार साझा किए और विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार से विधायिका एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश और राज्यों के विकास को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने इस बैठक में छत्तीसगढ़ विधानसभा के महत्वपूर्ण निर्णयों का भी उल्लेख किया।

    डॉ. रमन सिंह ने बैठक के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “राष्ट्रमंडल संसदीय संघ जैसे मंच न केवल विभिन्न राज्यों के बीच ज्ञान और अनुभवों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि सतत् विकास और समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विधायिकाओं के बीच समन्वय बना रहे।”

    इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं और उनके द्वारा राज्य के समग्र विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की।

    बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी से मुलाकात की और छत्तीसगढ़ के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सार्थक संवाद किया।

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे शुभारंभ, दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंता

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे शुभारंभ, दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटेंगे देश भर के कृषि अभियंता

    रायपुर।

    इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में ‘‘सतत विकास के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हेतु कृषि अभियंताओं का योगदान’’ विषय पर 29 से 30 अगस्त 2024 को कृषि अभियंताओं का 36 वां राष्ट्रीय सम्मेलन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सह संगोष्ठी का शुभारंभ 29 अगस्त को सुबह 10ः45 बजे नवीन सभागृह (कृषक सभागार) में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ शासन में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम करेंगे।

    कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, केन्द्रीय भू-जल बोर्ड, भारत सरकार के अध्यक्ष डॉ. सुनील के. अम्बस्ट तथा इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के उपाध्यक्ष डॉ. नूतन के. दास उपस्थित रहेंगे।

    इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) छत्तीसगढ़ स्टेट सेन्टर, रायपुर तथा स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कृषि अभियांत्रिकी संकाय और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

    इस राष्ट्रीय सम्मेलन सह-संगोष्ठी में वर्तमान समय में कृषि के विकास हेतु बहु प्रासंगिक विषयों जैसे- इंजीनियरिंग इनपुट का संरक्षण और प्रबंधन, फार्म मशीनरी, कृषि प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, मिट्टी, जल संरक्षण और प्रबंधन’’ आदि पर विस्तृत चर्चा होगी एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें मुख्यतः कृषि में जुताई-बुआई से लेकर कटाई-मिझाई एवं प्रसंस्करण की क्रियाओं का मशीनीकरण, ड्रोन का उपयोग, रिमोट सेंसिंग एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग, कृषि बागवानी में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स एवं आई.ओ.टी. का प्रयोग आदि विषयों पर सार्थक संवाद, प्रदर्शन, प्रस्तुतिकरण एवं विचारों का आदान-प्रदान होगा। जलवायु परिवर्तन एवं कृषि कार्यों के समय पर संपादन में कृषि श्रमिकों की घटती उपलब्धता के परिपेक्ष्य में कृषि अभियंताओं के बढ़ते महत्व एवं कस्टम हायरिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की असीम संभावनाओं पर प्रकाश डाला जाएगा। इस कार्यक्रम में अभियंता, उद्यमी, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शोधकर्ता, प्रगतिशील कृषक एवं देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्वत्तजन शामिल होंगे तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए यथोचित रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

    कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं स्वामी विवेकानंद कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में आई.आई.टी. खड़गपुर के पूर्व प्राध्यापक एवं सी.एस.वी.टी.यू., भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ. बी.सी. मल, परभणी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. इंद्रमणी, मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सिंह, वैशाली बिहार के कुलपति डॉ. गौड, सचिव और महानिदेशक, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), कोलकाता डॉ. सयाली, सहायक महानिदेशक डॉ. ए.के. सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, भारत सरकार, नई दिल्ली डॉ. रमना राव, निदेशक एन.आई.टी., रायपुर, डॉ. मेहता निदेशक, केन्द्रीय कृषि इंजीनियरिंग संस्थान, भोपाल, सहित देश भर के विख्यात विषय विशेषज्ञ शामिल होंगे।

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के प्रयास से राजनांदगांव को मिला क्रेडा का जोनल कार्यालय,आदेश जारी

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह के प्रयास से राजनांदगांव को मिला क्रेडा का जोनल कार्यालय,आदेश जारी

    रायपुर।

    विधानसभा चुनाव 2023 में राजनांदगांव जिले से दुर्ग शिफ्ट हुए शासकीय कार्यालयों का मुद्दा चर्चा का विषय रहा था, पिछली सरकार ने जब राजनांदगांव से पाठ्य पुस्तक निगम, पीएमजीएसवाई समेत प्रमुख शासकीय कार्यालयों को राजनांदगांव से स्थानांतरित कर दुर्ग भेजा था तब राजनांदगांव की जनता में इसको लेकर बहुत आक्रोश था और राजनांदगांव में भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी डॉ रमन सिंह ने इस विषय पर क्षेत्रवासियों को यह विश्वास दिलाया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद राजनांदगाँव के साथ न्याय होगा। आज प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के 8 महीनों के भीतर ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राजनांदगांव में क्रेड़ा के जोनल कार्यालय को स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही राजनांदगाँव से दुर्ग शिफ्ट हुए कार्यालयों को भी वापस लाने की तैयारी है।

    विधानसभा अध्यक्ष और राजनांदगांव विधायक डॉ रमन सिंह के प्रयास से अब जिले को मिल रहा है क्रेड़ा का जोनल कार्यालय

    राजनांदगांव से विधायक और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने क्षेत्रवासियों से किये वादे को निभाते हुए क्रेडा कार्यालय की राजनांदगांव में स्थापना के लिए निरंतर प्रयास किये। जिसके परिणाम स्वरूप राजनांदगांव में क्रेडा के जोनल कार्यालय को स्वीकृति मिल चुकी है, इस जोनल कार्यालय के अंतर्गत राजनांदगांव, खैरागढ़, छुईखदान, गंडई, बालोद, मोहला-मानपुर और अंबागढ़ चौकी के जिला कार्यालय शामिल होंगे।

    इस विषय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय जी, पूर्व महापौर मधुसूदन यादव, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश पटेल, खूबचंद पारख, नीलू शर्मा, सचिन बघेल, कोमल राजपूत समेत सभी कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों ने माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी और राजनांदगांव विधायक व विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को धन्यवाद देते हुए उनका आभार प्रकट किया है।

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल

    रायपुर।

    छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया। डॉ सिंह ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर पंप का वितरण किया।

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं। जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी।

    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था। तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं।

    डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है।भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है। एक ओर जहाँ अन्न के आभाव में बहुत सारे देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहे हैं तब दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान यह दिखाता है कि जैविक तनाव कृषि के लिए कितनी बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए इस संस्थान द्वारा रणनीति बनाकर और तकनीकी रूप से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है। प्रदेश के 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है। उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की सराहना की।

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से केन्द्र सरकार प्रतिवर्ष किसानों को 6000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले ’पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17वीं किश्त जारी कर, किसानों के बैंक खातों में 20,000 करोड़ रुपए अंतरित की। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पीकेवीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी ढेरों योजनाओं के माध्यम से पीएम मोदी ने देश के अन्नदाताओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं।

    छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमने देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर तथा ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा। धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बनाया।

    प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया। 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी। इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।

    पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खाता में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस की राशि अंतरित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी पूरा किया है।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है। इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों को कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष तथा आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है।

    छत्तीसगढ़ के किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है। किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है। उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो। उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं।

    किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रीत्व काल में हुआ था। यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि परिणाम है। उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की।

    कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डॉ. पी.के. घोष, डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल, राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के फसलों पर जीवों के प्रभाव करने की दिशा में काम को लेकर की सराहना

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह लाभार्थी किसान सम्मेलन में हुए शामिल, राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के फसलों पर जीवों के प्रभाव करने की दिशा में काम को लेकर की सराहना

    रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज राजधानी रायपुर के समीप ग्राम बरौंडा में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित लाभार्थी किसान सम्मेलन के इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह सहित अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत प्रबंधन संस्थान परिसर में रूद्राक्ष का पौधा रोपण किया. डॉ सिंग ने इस दौरान प्रतीक स्वरूप पांच किसानों को कृषि यंत्र पावर रिपर, तेलघानी यंत्र, स्पेयर आदि का किया वितरण किया.

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लाभार्थी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान साथी जैविक तनाव या बायोटिक स्ट्रेस जैसी गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए रणनीति बनाकर आधुनिक तकनीक के माध्यम से बेहतर कार्य कर रहे हैं. जैविक तनाव से तात्पर्य पौधे पर जीवित जीवों के हानिकारक प्रभाव से है, जिसमें कीड़े, कवक, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य रोगजनक शामिल है. उन्होंने कहा कि कृषि में जैविक तनावों पर बुनियादी, रणनीतिक और अनुकूल अनुसंधान के माध्यम से छत्तीसगढ़ की भूमि से अधिक से अधिक अन्न उपार्जित कर प्रदेश में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित कर पायें इस उद्देश्य से 7 अक्टूबर, 2012 को इस संस्थान की यहां आधारशिला रखी गई थी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने इस संस्थान को 28 सितंबर 2021 को राष्ट्र को समर्पित किया था. तब से लेकर अब तक इस संस्थान ने कई अनुसंधान किये, कृषि जगत में निरंतर छत्तीसगढ़ के किसानों की बेहतर फसल के लिए काम किये और ढेरों उपलब्धियां अर्जित की हैं. डॉ. सिंह ने बताया कि देश में जैविक स्ट्रेस से सालाना लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपये की कृषि उपज का नुकसान होता है.

    भारत में जैविक स्ट्रैस के कारण सभी वस्तुओं में 30-35 प्रतिशत नुकसान होता है, वैश्विक स्तर पर, कीटों के कारण फसल उत्पादन का 10 से 28 प्रतिशत तक नुकसान होता है. एक ओर जहाँ अन्न के आभाव में बहुत सारे गरीब देश भुखमरी की स्थिति से गुजर रहे हैं तब दूसरी तरफ इतनी बड़ी संख्या में फसलों का नुकसान यह दिखाता है कि जैविक तनाव कृषि के लिए कितनी बड़ी समस्या है. इस समस्या की समाधान के लिए इस संस्थान द्वारा रणनीति और तकनीकी रूप से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं.

    उन्होंने कहा कि इस संस्थान द्वारा अनुसूचित जाति उप-योजना के अंतर्गत कुल 3966 कृषक परिवारों और जनजातीय उप-योजना के तहत कुल 3324 कृषक परिवारों को शामिल किया गया है और 13 जिलों जशपुर, रायगढ़, कांकेर, राजनांदगांव, बस्तर, महासमुंद, गरियाबंद, कोरबा, सरगुजा, धमतरी, बलौदाबाजार- भाटापारा, दुर्ग और रायपुर अंतर्गत कुल 333 गांवों को परियोजनाओं का लाभ दिया गया है. यह संस्थान का उल्लेखनीय कार्य है. उन्होंने संस्थान द्वारा किसानों को समर्थन प्रदान करने के साथ ही अनुसंधान और युवाओं को कृषि के प्रति सजग बनाने की दिशा में किये जा रहे कार्यों की मैं सराहना की.

    प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से मोदी की सरकार प्रतिवर्ष किसानों को 6000 रूपये का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है, तीसरी बार शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले ’पीएम किसान सम्मान निधि’ की 17 वीं किस्त जारी कर, किसानों के बैंक खातों में 20,000 करोड़ रूपये पहुंचाए हैं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना, पीके वीवाई (परंपरागत कृषि विकास योजना), किसान क्रेडिट कार्ड जैसी ढेरों योजनाओं के माध्यम से मोदी देश के अन्नदाताओं के हाथ मजबूत कर रहे हैं.

    छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक की हमारी सरकार में हमनें देश में पहली बार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाकर कीर्तिमान स्थापित किया, छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल धान को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था को कंप्यूटर और ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा. धान खरीदी की पारदर्शी व्यवस्था के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से संपूर्ण मॉनिटरिंग करने वाला देश का पहला राज्य बनाया. जब प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार है तब उन्होंने 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से, 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया. और 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि दी आपको जानकार खुशी होगी कि इस साल खरीफ सीजन में 145 लाख मी. टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है.

    पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस अंतरित कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को भी पूरा किया है.

    कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि राजधानी रायपुर के समीप स्थित राष्ट्रीय स्तर का यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान देश और प्रदेश के किसानों के हित में रणनीति बनाकर जैविक तनाव को कम करने की दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है. इसके लिए संस्थान बधाई के पात्र है. संस्थान द्वारा किसानों की समृद्धि और उत्पादन में वृद्धि के लिए जैविक कारणों को ढूंढ कर उनका समाधान निकाला जा रहा है. इसके साथ ही देश और प्रदेश के विद्यार्थियों कृषि मैनेजमेंट की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर देश को उन्नति के राह पर ले जा रहे हैं यह प्रशंसनीय है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष और आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह को प्रदेश में कृषि संस्थान सहित आईआईएम, आईआईटी स्थापित करने का श्रेय देते हुए कहा कि यह उनके कुशल नेतृत्व और दूरदृष्टि कोण सोच का परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ में भी उच्च स्तरीय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित है.

    मंत्री नेताम ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल के भाव से 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी कर रही है. इससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हुए है. किसान खेती-किसानी की ओर अग्रसर हुए है. उन्होंने कहा कि किसानों को सिर्फ धान की खेती नहीं करनी चाहिए, जिसे अन्य फसल प्रभावित हो. उन्हें अन्य पारंपरिक खेती-किसानी की ओर आगे बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि उद्यानिकी के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य किए जा रहे हैं.

    किसान लाभार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का संस्थान छत्तीसगढ़ में होना गौरव की बात है और यह खुशी की बात है कि इस संस्थान की स्थापना कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री  काल में हुआ था. यह संस्थान छत्तीसगढ़वासियों के हित में उनके दूरदृष्टि सोच का परिणाम है. इस संस्था द्वारा संतुलन के साथ परिणाममूलक कार्य किया जा रहा है. यह सराहनीय है. उन्होंने किसानों को इस संस्थान से जुड़कर समृद्ध किसान बनने की अपील की.

    कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉ. पी.के. घोष ने स्वागत भाषण दिया और डॉ. संजय शर्मा ने मंच संचालन किया. कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में किसान और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

     

     

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

    रायपुर, 05 फरवरी 2024 /विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय,नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा सहित समिति के सदस्य उपस्थित हैं l

  • विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

    विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई

    रायपुर, 20 दिसंबर 2023 /विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष श्री चरणदास महंत, उपमुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव और श्री विजय शर्मा सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे