नई दिल्ली.
आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि केजरीवाल तब तक जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे, जब तक सीबीआइ से जुड़े मामले में भी उन्हें जमानत न मिल जाए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।
याचिका में उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं, इसलिए रिहा करने के आदेश देते हैं। गिरफ्तारी को चुनौती का मामला हम बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। बड़ी बेंच चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत में बदलाव कर सकती है।पहले केजरीवाल ने गिरफ्तारी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वहां याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। जस्टिस खन्ना ने कहा कि कोर्ट निर्वाचित नेता को पद से हटने का निर्देश नहीं दे सकता, खासकर तब जब वह मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हों। केजरीवाल पर गंभीर आरोप हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि वह खुद फैसला करें।