सतना,22 फरवरी , 2024/
सतना 22 फरवरी 2024/प्रदेश शासन की नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि सतना जिले में बीज विकास निगम को आवंटित रेवरा फॉर्म की सकल 197 हेक्टेयर भूमि का सीमांकन कराकर सुरक्षित करें और बीज उत्पादन, फसलोत्पादन में वृद्धि कर आवंटित भूमि का सदुपयोग करायें। उन्होंने रेवरा फॉर्म की 40 एकड़ की नगर निगम के कचरा प्लांट को आवंटित भूमि के अनुपयोगी होने पर वहां सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की संभावनायें तलाशने के निर्देश दिये। राज्यमंत्री ने बुधवार को सर्किट हाउस में रेवरा फॉर्म की विकास योजना और रैगांव विधानसभा क्षेत्र में विद्युत, नल जल योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, कमिश्नर नगर निगम अभिषेक गहलोत, अधीक्षण यंत्री विद्युत जीडी त्रिपाठी, उप संचालक कृषि मनोज कश्यप, परियोजना संचालक आत्मा राजेश त्रिपाठी, बीज निगम के जिला प्रबंधक रामस्वरूप जाटव, कार्यपालन यंत्री शरद सिंह, एसडीओ पीएचएई, खनि अधिकारी हरेंद्र प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार सोहावल सौरभ द्विवेदी, कार्यपालन यंत्री अरुण तिवारी भी उपस्थित रहे। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने बीज विकास निगम के अधिकारियों को रेवरा फॉर्म में उनके विभाग को आवंटित 197 हेक्टेयर भूमि का सीमांकन कराकर प्रक्षेत्र को लाभकारी और उपयोगी बनाने की कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यहां संचालित नर्सरी को और अधिक उपयोगी कैसे बना सकते हैं तथा रेवरा फॉर्म में उत्पादन बढ़ाकर लाभकारी स्वरूप में लाने कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां के वैज्ञानिकों से भी सलाह लेवें। राज्यमंत्री ने रेवरा फॉर्म को उपयोगी बनाये रखने और बीज उत्पादन बढ़ाने के संबंध में कोई प्रयास नहीं किये जाने पर जिला प्रबंधक बीज विकास निगम रामस्वरूप जाटव के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की। राज्यमंत्री ने रेवरा फॉर्म में बीज विकास निगम द्वारा विगत 5 वर्षों में की गई गतिविधियों, खरीफ और रबी सीजन में उत्पादन तथा आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। सहायक संचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह ने बताया कि रेवरा फॉर्म की नर्सरी लगभग 50 एकड़ क्षेत्र में संचालित है और नर्सरी का उत्पादन फायदे में चल रहा है। जिला प्रबंधक बीज विकास निगम ने बताया कि रेवरा फॉर्म में उन्हें आवंटित भूमि में 173 हेक्टेयर में फसल ले रहे हैं। गत रबी सीजन में 500 कि्ंवटल के लगभग उत्पादन मिला है। राज्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आवंटित 173 हेक्टेयर अर्थात 432 एकड़ भूमि का सीमांकन कराकर फसल उत्पादन बढ़ाने के प्रयास करें। कार्यपालन यंत्री अरुण तिवारी ने बताया कि रेवरा फॉर्म में 40 एकड़ भूमि नगर निगम के कचरा प्लांट को आवंटित की गई थी। जिसमें कचरे का निष्पादन मशीनों द्वारा किया जा रहा था। वर्तमान में वर्ष 2018 से यह कचरा प्लांट और मशीनरी रेमकी कंपनी को हैंडओवर कर दी गई। राज्यमंत्री के निर्देशानुसार रेमकी कंपनी को कचरा प्लांट की मशीनरी और अनुप्रयोग नहीं करने संबंधी नोटिस दी गई है। जिसका जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने नगर निगम के अधिकारियों को उन्हें आवंटित 40 एकड़ की अनुपयोगी भूमि पर सोलर एनर्जी प्लांट लगाने की संभावनायें तलाशकर प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिये। नगर निगम द्वारा उन्हें रेवरा फॉर्म में आवंटित भूमि का सीमांकन करा लिया गया है। राज्यमंत्री ने अन्य विभागों को भी उन्हें आवंटित भूमि का सीमांकन कराकर उपयोगी बनाने के निर्देश दिये।
नगर निगम, विद्युत, जल योजना की समीक्षा की
राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने नगर निगम, विद्युत कंपनी और नल-जल योजना, जल जीवन मिशन के अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। अधीक्षण यंत्री विद्युत जीडी त्रिपाठी ने बताया कि आरआरआरडीएस योजना के तहत जिले में 370 करोड रुपये के कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें 23 करोड़ के 9 विद्युत सब-स्टेशन और 270 करोड़ के 238 फीडर सेपरेशन कार्य शामिल हैं। जिले में ट्रांसफार्मर की उपलब्धता में कोई समस्या नहीं है। राज्यमंत्री ने कहा कि विभाग के नवनिर्मित विद्युत सब- स्टेशनों का लोकार्पण करायें और ट्रिपल आरडीएस के कराये जा रहे कार्यों की सूची उपलब्ध करायें। राज्यमंत्री ने कहा कि शिवराजपुर के रिक्त बड़े शासकीय भू-खंड और दुर्गापुर के पास रिक्त बड़े भू-खंड पर सोलर एनर्जी प्लांट की संभावनायें तलाश कर प्लान बनायें। नगर निगम के कार्यों की समीक्षा के दौरान राज्यमंत्री बागरी ने सीवर लाइन की प्रगति, वैध- अवैध कॉलोनियां एवं स्मार्ट सिटी के प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित कार्यों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा में कार्यपालन मंत्री पीएचई शरद सिंह ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र में कुल 104 नल जल योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। सोहावल, बाबूपुर और सोहौला की नल जल योजना सुचारु रूप से संचालित कर दी गई है। सभी घरों में नल कनेक्शन से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।