Tag: राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की तैयारियां पूरी

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन अरण्य कांड की भावपूर्ण प्रस्तुति से दर्शक हुए भावविभोर

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन अरण्य कांड की भावपूर्ण प्रस्तुति से दर्शक हुए भावविभोर

    रायपुर, 05 जून 2023/राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों के दल ने रामायण के विविध प्रसंगों की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को भक्तिभाव से विभोर कर दिया। कार्यक्रम का आगाज झारखंड से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर मनमोहक प्रस्तुति दी। सीता हरण और राम द्वारा शबरी के झूठे बेर खाने के प्रसंग की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत एवं स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर लोक गायक दिलीप षडंगी ने अपनी टीम के साथ हनुमान चालीसा की प्रस्तुति दी। महोत्सव में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की थाप के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस अवसर पर मंत्री श्री अमरजीत भगत ने महोत्सव में उपस्थित दर्शकों को सम्बोधित किया और उपस्थित लोगों के स्वागत के लिए लोकगीत गाया।

    महाराष्ट्र के वर्धा से आए कलाकार दल ने श्रीराम के वनवास कथा से जुड़े प्रसंग की शानदार मंचन किया। मध्य प्रदेश से आए कलाकार दल ने अरण्यकांड पर जीवंत प्रस्तुति दी। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने उस दृश्य को दर्शकों के समक्ष जीवंत कर दिया जब दंडकारण्य में राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे। श्रीराम के वनवास कथा से जुड़े प्रसंग की जीवंत प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मध्यप्रदेश की रामायण मंडली अरण्य कांड से जुड़े सीताहरण प्रसंग में जटायु-रावण का युद्ध और घायल जटायु से राम के संवाद, शबरी प्रसंग को प्रस्तुत किया। असम के परफोर्मिंग आर्ट्स कॉलेज डिब्रूगढ़ और झारखण्ड के कलाकारों ने भी सीताहरण प्रसंग, जटायु प्रसंग और राम के वन-वन भटकने के प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।

     

     

    असम से आए कलाकारों की टीम में कुल 21 कलाकार है, जिसमें 16 महिला कलाकार शामिल है। असम के कलाकारों की अरण्यकांड पर शानदार प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा और तालियां बाजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की। उड़ीसा के कलाकारों द्वारा मारीच प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति को भी दर्शकों ने खूब सराहा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के कलाकारों की अरण्य कांड की प्रस्तुति के दौरान माता सीता के प्रति भगवान श्रीराम का प्रेम, समर्पण और करुणा की भावाभिव्यक्ति ने दर्शकों को भावविभोर किया। स्वर्ण मृग बने हिरण की कथा रामायण के सबसे प्रेरक प्रसंगों में एक है। जब ऐसी घटना हो, जो अप्रत्याशित लगती हो तो इस पर आगे बढ़ने से पहले कई बार विचार करना चाहिये। लक्ष्मण रेखा का सिद्धांत भी गूढ़ अर्थ रखता है। जीवन में सेवा कार्य जरूरी है पर संशय भाव भी होना जरूरी है। सीता जी का अपहरण रावण कर लेता है। वह साधु बनकर आता है। कलाकरों की यह प्रस्तुति बेहद प्रशंसनीय रही। इस प्रस्तुति में शबरी का धैर्य भी दिखा। शबरी ने बरसों इंतज़ार किया और जितनी बड़ी उनकी तपस्या रही, उनका पुण्य उतना ही जागृत हुआ। भगवान उनकी कुटिया में आये। सबके हिस्से में शुभ हो, मीठा हो। सर्वे भवन्तु सुखिनः के वैदिक विचार से शबरी ने मीठे बेर खिलाये। प्रस्तुति के दौरान एक गहन आध्यात्मिक चर्चा हुई। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मंच का यह दृश्य देखकर ऐसा लग रहा था कि रामलीला मैदान में हजारों की संख्या में रामकथा सुन रहे लोगों के मन में यह सुंदर विचार उतर रहा है।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक आंदोलन है

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक आंदोलन है

    रायपुर/05 जून 2023। एक जून से तीन जून तक कलाधानी रायगढ़ में आयोजित रामायण महोत्सव कोई धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक आयोजन है। एक विज्ञप्ति में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि रामायण महोत्सव समाज को संदेश देने के लिए है राज्य को उस दिशा में ले जाने का प्रयास है जो अयोध्या के राजा राम के समय था राम राज्य आज तक के सर्वश्रेष्ठ राज्य प्रणाली मानी गई है जहां सभी के साथ न्याय होता था, न्याय क्या है न्याय यह है कि सभी को सामान अवसर मिले, स्वतंत्रता मिले, कोई किसी के जीवन में बाधा न बने अवरोध न बने। अगर आप राम के चरित्र को देखेंगे तो समझ आएगा की रामराज्य स्थापित करने के पूर्व उन्होंने समाज के सभी अवरोधों को हटाया।
    निषादराज को गले लगाकर उन्होंने जातिय असमानता के अवरोध को समाप्त किया, अहिल्या का उद्धार कर उन्होंने स्त्रियों को मिल रहे अनुचित दंड को निरस्त कर दिया, शबरी के जूठे बेर खा कर प्रेम की सर्वोच्चता को मान्यता दी, बाली का वध कर पीड़ित के साथ खड़े होने की प्रेरणा दी। हनुमान और अंगद को भेजकर रावण को हर संभव समझाने का प्रयास किया ताकि अनावश्यक हिंसा से बचा जा सके, अपने उत्कृष्ट नेतृत्व से वानरों द्वारा न सिर्फ़ दैत्यों का संहार किया बल्कि उन्हीं के द्वारा समुद्र में सेतु बंधन कर उनकी सृजन शिलता को उभारा, विभीषण से संधि कर लंका वासियों को संदेश दिया कि राम आक्रांता नहीं है लंका विभीषण के अधीन रहेगा और वे सुरक्षित रहेंगे।
    प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि रामायण हर आदमी का मार्ग दर्शन करता है चाहे वह किसी जाति का हो, किसी धर्म का हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रामायण महोत्सव का आयोजन कर देश को यही संदेश देना चाहते है सबके लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहते है। यह आयोजन सिर्फ़ सांस्कृतिक आयोजन न होकर बहुत बड़ा संदेश है। आइये हम सब रामराज्य की दिशा में बढ़ें ।
  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के तीसरे दिन आज केरल से आए कलाकार दल ने पारंपरिक लोक वेशभूषा में प्रस्तुति दी

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के तीसरे दिन आज केरल से आए कलाकार दल ने पारंपरिक लोक वेशभूषा में प्रस्तुति दी

    रायपुर, 03 जून 2023। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के तीसरे दिन आज केरल से आए कलाकार दल ने पारंपरिक लोक वेशभूषा में प्रस्तुति दी।

    इस अवसर पर उन्होंने रामकथा से जुड़े प्रसंगों की मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

    केरल की रामायण मंडली ने संगीतमय प्रस्तुति देते हुए सूर्पणखा प्रसंग से लेकर रावण वध तक के प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।

    पारंपरिक वेशभूषा के साथ इस प्रस्तुति में केरल में भगवान राम की महिमा की सुंदर अभिव्यक्ति दी गई, कलाकारों ने भक्ति और भाव के मिश्रण का जीवंत प्रदर्शन किया।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन पर दुल्हन की तरह सजा शहर

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन पर दुल्हन की तरह सजा शहर

    रायपुर, 03 जून 2023/ भगवान राम के वनवास से लौटने पर अयोध्या नगरी को जिस तरह दीपों, तोरण और फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया था, उसी तरह राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन पर छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति की नगरी रायगढ़ के चौक-चौराहों और घरों के द्वार दीपों और रंग-बिरंगी रौशनी से सजाए गए हैं।

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के दौरान रायगढ़ शहर राम भक्ति के रस में सराबोर नजर आ रहा है। लोगों में इस तीन दिवसीय महोत्सव के आयोजन को लेकर अद्भुत उमंग और उल्लास है। शहर के नागरिकों ने भगवान राम से जुड़े इस आयोजन पर स्व-स्फूर्त रूप से श्रद्धा और भक्ति के भाव के साथ अपने घरों के प्रवेश द्वारों को दीपों और रंग-बिरंगी रौशनी से सजाया है। चौक-चौराहों पर भी आकर्षक रौशनी की गई है। देश-विदेश के रामायण दलों की उपस्थिति ने इस महोत्सव के आयोजन में चार चांद लगा दिए हैं। रामकथा के अलग-अलग राज्यों और देशों में कहने के अंदाज और उनकी नाट्य प्रस्तुति को देखने का आकर्षण लोगों को बरबस ही रामलीला मैदान की ओर खींच रहा है। देश और विदेश के कलाकारों द्वारा राम कथा के अरण्यकाण्ड पर दी जा रही प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का दूसरा दिन

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का दूसरा दिन

    रायपुर, 03 जून 2023/ राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन आज प्रसिद्ध भजन गायक श्री लखबीर सिंह लख्खा और बाबा हंसराज रघुवंशी के गीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया। दोनों कलाकारों ने भजन के माध्यम से श्रीराम के कहानी की सुमधुर प्रस्तुति दी। इस दौरान पूरा रामलीला मैदान भगवान श्रीराम के जय घोष से गुंजायमान हो उठा।

    भजन गायक श्री लखबीर सिंह लख्खा ने श्रोताओं से कहा कि प्रभु श्रीराम सबको साथ लेकर चले, आप मेरा साथ दें और राम का नाम लें। उनके अपील पर दर्शकों ने श्रीराम का जय घोष किया। श्री लख्खा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह भव्य आयोजन कर संस्कृति को जोड़ने का काम किया है। छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। महोत्सव के आयोजन से पूरा रायगढ़ शहर राममय हो गया है।

    बाबा हंसराज रघुवंशी ने दी भक्तिमय प्रस्तुति – रामायण महोत्सव के दूसरे दिन बाबा हंसराज रघुवंशी की भजनों ने दर्शकों को मन मोह लिया। मेरा भोला है भण्डारी जैसे प्रसिद्ध भजनों के गायक बाबा रघुवंशी को दर्शकों ने उत्सुकता के साथ सुना और श्रोता उनकी गीतों पर आनंदित होकर झूमने लगे। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने श्री लखबीर लख्खा और बाबा रघुवंशी को रामचरित मानस ग्रंथ की प्रति और राजकीय गमछा भेंटकर सम्मानित किया।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में भजन गायक श्री दिलीप षडंगी द्वारा हनुमान चालीसा की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में भजन गायक श्री दिलीप षडंगी द्वारा हनुमान चालीसा की मनमोहक प्रस्तुति दी गई।

    रायपुर 02 जून 2023/

    इस अवसर पर हनुमान जी मंच से आशीर्वाद देते रहे और भक्तगण सामूहिक गान करते रहे।

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ मंत्रीगण एवं विशिष्ट अतिथियों एवं उपस्थित लोगों द्वारा सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया।

    भक्तिभाव से सराबोर हुई रायगढ़ की भूमि।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव: सोशल मीडिया में नंबर 01 पर किया ट्रेंड

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव: सोशल मीडिया में नंबर 01 पर किया ट्रेंड

     

    रायपुर, 01 जून 2023/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायगढ़ जिले के रामलीला मैदान में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का शुभारंभ किया। प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लोग जुड़ रहें है और आज दिनभर सोशल मीडिया में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव छाया रहा। विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों में राष्ट्रीय रामायण महोत्सव नंबर 01 पर ट्रेंड करता रहा और लोगों ने राज्य सरकार के राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन की पहल की खूब सराहना की।

    गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ 01 से 03 जून तक रायगढ़ के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय महोत्सव में देश के 12 राज्यों सहित कंबोडिया और इंडोनेशिया के रामायण दलों द्वारा रामकथा पर भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी जाएगी। इन रामायण दलों की प्रस्तुति में सर्वव्यापी भगवान श्रीराम की रामकथा के विविधतापूर्ण राष्ट्रीय-वैश्विक स्वरूपों की झलक देखने को मिल रही है।

    रामायण के अरण्य काण्ड पर रामायण दलों की प्रतियोगिता भी शुरू हो चुकी है। साथ ही महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार भजन संध्या में अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे। रामलीला मैदान में तीन दिनों तक रामकथा की अविरल भावधारा बहेगी। इस राष्ट्रीय महोत्सव में केरल, कर्नाटक, ओड़िसा, असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के रामायण दल शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के अंतिम दिन हिन्दी के प्रख्यात कवि कुमार विश्वास अपनी विशेष प्रस्तुति ‘अपने-अपने राम म्युजिक नाईट’ से भगवान श्रीराम की महिमा का बखान करेंगे।

  • हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश: बघेल

    हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश: बघेल

    रायगढ़ 1 जून 2023।

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल संबोधित कर रहे हैं।

    छत्तीसगढ़ के पूर्वी प्रवेश द्वार रायगढ़ में आयोजित इस महोत्सव में शामिल होने वाले प्रतिभागी और श्रोता तथा मेहमानों, आयोजन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों का स्वागत है।
    सब्बो झन ला राम राम अउ जय सियाराम

     

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने महोत्सव का नाम भले ही राष्ट्रीय रामायण महोत्सव दिया है लेकिन यहां विदेशों के दल भी हैं।

    रायगढ़ संस्कारधानी है। यहां शैलचित्र भी मिले हैं। यह मानव संस्कृति के इतिहास को अपने भीतर बसाए हुए है।

    हमारा छत्तीसगढ़ माता कौशल्या और शबरी माता का प्रदेश है। यहां सदियों से निवास कर रहे आदिवासियों, वनवासियों का प्रदेश है।

    यह कौशल्या माता का प्रदेश है। कहाँ भगवान राम का राजतिलक होना था लेकिन वे वनवास गए।
    निषादराज से मिले, शबरी से मिले। ऋषि मुनियों से मिले।

    कितनी कठिनाई झेली पर अपनी मर्यादा नहीं खोई। उन्होंने वनवास का 10 साल यहां गुजारा।

    छत्तीसगढ़ में उन्होंने इतने बरस गुजारे, फिर भी हमारा रिश्ता वनवासी राम के साथ ही कौशल्या के राम से भी है इसलिए वे हमारे भांजे है इसलिए हम भांजों का पैर छूते हैं।

    छत्तीसगढ़ का कुछ न कुछ अंश भगवान राम के चरित्र में देखने को मिलता है।

    हमारा रिश्ता राम से केवल वनवासी राम का नहीं है। बल्कि हमारा रिश्ता शबरी के राम, कौशल्या के राम के रूप में भी है।

    उन्होंने कहा कि तीन साल से हम लोग राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं।

    उनकी संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। उनके घोटुल, देवगुड़ी को संरक्षित कर रहे हैं।

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन पहली बार शासकीय रूप से किया जा रहा है। जैसा कि राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव किया गया है।

    भगवान राम साकार भी है और निराकार भी। राम को मानने वाले उन्हें दोनों स्वरूप में मानने वाले हैं।

    हमारा प्रयास हमारी संस्कृति, हमारे खानपान, हमारे तीज-त्यौहारों को आगे बढ़ाने का है।

    मैंने देखा कि रामनामी सम्प्रदाय के भाईयों ने मार्चपास्ट किया।
    जो कबीर का रास्ता है। रामनामी का रास्ता है। वो निराकार का रास्ता है। सबके अपने-अपने राम हैं।

    अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का काम हम लोग कर रहे हैं।

    हमारे गांव-गांव में भी रामकथा के दल बने हैं।

    राम सबके हैं। निषादराज के हैं शबरी के हैं। सब उनमें आत्मीयता महसूस करते हैं।

    दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर हमने तीर्थ स्थलों के लिए 2 एकड़ जमीन मांगी है, ताकि हमारे भक्त वहां जाएं तो उन्हें सुविधा मिले।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मुख्य मंच पर प्रस्तुतियां दे रहे कलाकार

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मुख्य मंच पर प्रस्तुतियां दे रहे कलाकार

    रायपुर, 01 जून 2023। राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के मुख्य मंच पर प्रस्तुतियां दे रहे कलाकार।

    दर्शक दीर्घा में बड़ी संख्या में उपस्थित हैं लोग।

    कर रहे हैं भगवान श्रीराम के सुंदर भजनों का श्रवण।

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव, रायगढ़

    रामायण ऐसा महाकाव्य है जिसने सांस्कृतिक रूप से गहरा प्रभाव दक्षिण पूर्वी एशियाई द्वीपों में छोड़ा है।

    भारत का गहरा संबंध इन द्वीपों से रहा है और यह संबंध सांस्कृतिक, व्यापारिक रहा।

    सैकड़ों बरसों बाद भी आज भी यह सांस्कृतिक संबंध कायम हैं, खूबसूरत बात यह है कि इसकी प्रस्तुति इन देशों की अपनी है।

  • राष्ट्रीय रामायण महोत्सव मार्च पास्ट शुरू

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव मार्च पास्ट शुरू

    रायगढ़, 1 जून 2023/

    राष्ट्रीय रामायण महोत्सव

    मार्च पास्ट शुरू

     

    केरल से कलाकारों का 12 सदस्यीय दल आया है।

    पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश का दल भी मार्च पास्ट में शामिल हुआ। इस दल में 25 सदस्य हैं।

    कर्नाटक से आए दल एवं महाराष्ट्र से आए 18 सदस्यीय कलाकार दल ने मार्च पास्ट में अद्भुत प्रस्तुति दी है। इनके आगे आगे बजरंगबली चल रहे हैं।

    उत्तराखंड के दल की अगुवाई रावण करते दिख रहे हैं। यह अद्भुत परंपरा जहां राम भी लक्ष्मण जी को अंतिम समय में रावण से ज्ञान प्राप्त करने भेजते हैं ताकि रावण मृत्यु के वक़्त अपना ज्ञान लक्ष्मण को दे सके।

    छत्तीसगढ़ के दलों की भी सुंदर प्रस्तुति हुई।

    इस अवसर पर 12 राज्यों के 270 प्रतिभागी ले रहे हिस्सा। प्रदेश के 70 कलाकार और
    विदेशों से आए 27 कलाकार शामिल।