रायपुर, 02 फरवरी 2023/मुख्यमंत्री दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक करीब 1812 कैम्प लगाएं जा चुके हैं। दाई-दीदी क्लीनिक के माध्यम से रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की स्लम बस्तियों में रहने वाली 1 लाख 42 हजार 582 महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही दाई-दीदी क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित है। योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और महिला स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज करती है। इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 26 हजार 717 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा 1 लाख 36 हजार 95 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। पहले गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली तथा मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो समयाभाव या अन्य कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी परन्तु अब दाई-दीदी क्लीनिक से उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल रही है और वे अपना इलाज करा रही है।
Tag: मुख्यमंत्री दाई दीदी क्लीनिक : 1.27 लाख से ज्यादा महिलाओं का हुआ निःशुल्क इलाज
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मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लीनिक: 1.42 लाख से ज्यादा महिलाओं का हुआ निःशुल्क इलाज
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मुख्यमंत्री दाई दीदी क्लीनिक : 1.27 लाख से ज्यादा महिलाओं का हुआ निःशुल्क इलाज
रायपुर, 14 नवम्बर 2022\ मुख्यमंत्री दाई दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक राज्य में करीब 1709 कैम्प लगाएं जा चुके हैं। इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख 27 हजार 558 महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास ही दाई-क्लीनिक कैंप के माध्यम से इलाज किया गया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज करती है। इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 22 हजार 831 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख 22 हजार 169 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। इससे गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं करा पा रही थी, उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और चिकित्सा स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है।