उत्तरप्रदेश
कानपुर/ 17 दिसंबर 2023/ हमारे समाज में कितने विकृत मानसिकता वाले व्यक्ति भी रहते हैं जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है । सही मायने में इन्हें इंसान के रूप में नर पिशाच कहें तो गलत नहीं होगा । आज हम आपको उत्तरप्रदेश के कानुपर देहात में घटी ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहें जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। मामला था मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर कलेजा खा जाने का।तीन साल पुराने इस मामले में शनिवार को कोर्ट ने घटना को अंजाम देने वाले सभी चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा तीन पर 25-25 हजार व महिला अभियुक्त पर 20 हजार रुपए अर्थदंड का जुर्माना लगाया है। यह भी बताया गया कि जुर्माना न चुकाने पर छह-छह माह की अतिरिक्त कारावास होगी।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला कानपुर देहात के घाटमपुर थाने की भदरस गांव की है। गांव की रहने वाली एक 7 साल की मासूम बच्ची को 14 नवंर 2020 को अगवा कर लिया गया था। उसी दिन दिवाली थी, ऐसे में दिवाली मनाने के साथ ही परिवार वाले बेटी की खोजबीन करते रहे लेकिन देर रात तक बेटी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।अगले दिन सुबह में फिर परिवार के लोग बेटी को खोजने निकले। बाद में गांव में ही स्थित काली मंदिर के समीप क्षत विक्षत हाल में मासूम की लाश मिली। बच्ची की लाश पर कपड़े नहीं थे और किसी धारदार हथियार से काटकर उसका कलेजा बाहर निकाल लिया गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और डॉग स्क्वायड के साथ ही फॉरेसिक टीम को भी बुलाया गया।वारदात स्थल से डॉग को जब छोड़ा गया तो वह वहां से होते हुए सीधे पड़ोस के रहने वाले परशुराम के घर पहुंची। परशुराम के घर का दरवाजा बंद था और पति पत्नी फरार थे। उसके बाद पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर परशुराम के भतीजे अंकुल और उसके दोस्त वीरेन को गिरफ्तार किया।
शराब पीने के बाद दिए थे घटना को अंजाम
पुलिस की पूछताछ में पहले तो दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे लेकिन सख्ती बरतने के बाद दोनों टूट गए। उसके बाद दोनों ने वारदात के संबंध में जो खुलासा किया उसे सुनकर पुलिस के भी होश उड़ गए। अंकुल ने बताया कि उसके चाचा को बेटा नहीं था। वह बेटा चाहते थे। उसने कहा कि उसके चाचा ने उसे बताया कि एक किताब में उन्होंने पढ़ा था कि दिवाली की रात में यदि पति पत्नी किसी लड़की का कलेजा खाएंगे तो उन्हें बेटा पैदा होगा।इसके लिए परशुराम ने किसी लड़की का कलेजा लाने के लिए अंकुल से कहा और उसे कुछ पैसे भी दिए। चाचा की बात मानकर अंकुल अपने दोस्त वीरेन के साथ पहले शराब पी उसके के बाद गांव की ही रहने वाली सात साल की मासूम बच्ची को अगवा कर लिया। उसके बाद जंगल में ले जाकर दोनों ने उसके साथ बारी-बारी से रेप किया फिर गला दबाकर हत्या कर दी।हत्या करने के बाद उसका कलेजा निकालकर दोनों परशुराम के पास लेकर पहुंचे। परशुराम और उसकी पत्नी ने बेटे की चाहत में मासूम बच्ची का कलेजा रोटी में लपेटकर खाया उसके बाद जो हिस्सा बच गया उसे कुत्तों को खिला दिए और फरार हो गए। घटना के बाद सीएम योगी ने भी इसपर कड़ा रूख अपनाते हुए दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा जमीन भी दी गई थी।
फांसी होती तो ‘कलेजा’ ठंडा हो जाता साहब..
बिटिया से हैवानियत के तीन साल बीतने के बाद पहली बार माता-पिता की आंखों में संतोष के भाव दिखाई दिए। उधर अदालत ने फैसला सुनाया, इधर दंपति की आंखें छलक पड़ीं। तीन साल पहले बेटी संग दरिंदगी की घटना के दर्द पर मानों अदालत ने मरहम लगा दिया। हालांकि रुंधे गले से पिता ही बोले जा रहे थे कि हमें सजा से संतोष तो है, लेकिन दोषियों को फांसी होती तो कलेजे को और ठंडक मिल जाती।शनिवार को फैसला आते ही गांवभर में तीन साल पुरानी घटना को लेकर चर्चा होती रही। किसी ने ऊपर वाले का शुक्र अदा किया तो कोई बिटिया को याद कर रो पड़ा। अदालत का फैसला सुनने पहुंचे मासूम के माता-पिता बोले- इन लोगों ने मेरी नन्ही बेटी को बहुत बेरहमी से मारा था, अब हम घर में घी के दीये जलाएंगे।