बीजिंग, 0७ फरवरी । हिंद महासागर और मालदीव में अपने अनुसंधान पोतों के बढ़ते दौरों का बचाव करते हुए चीन ने मंगलवार को कहा कि इनका मकसद शांतिपूर्ण है और महासागर के बारे में मानवता की वैज्ञानिक समझ में योगदान देना है। मालदीव ने 23 जनवरी को चीन के जियांग यांग हांग-03 पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति प्रदान की थी। यह पोत अनुसंधान एवं सर्वेक्षण करने वाले उपकरणों से लैस है। मालदीव का कहना था कि उसके जलक्षेत्र में मौजूदगी के दौरान यह पोत कोई अनुसंधान नहीं करेगा। चीन के पोत को माले बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति मालदीव के हाल में निर्वाचित चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने प्रदान की है। भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान का कहना है कि वह चीनी पोत के मूवमेंट पर करीब से नजर रख रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस संबंध में मंगलवार को कहा कि उनके देश के पोत की गतिविधियां यूएन कंवेंशन ऑन द ला ऑफ द सी (यूएनसीएलओएस) के अनुसार हैं। जहाजों के मूवमेंट पर नजर रखने वाली एक निजी वेबसाइट मेरीन ट्रैफिक के मुताबिक, चीन का आठ वर्ष पुराना यह पोत आठ जनवरी को माले बंदरगाह पर लंगर डाल सकता है।