रायपुर, 04 अक्टूबर 2023 /सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के संबंधित राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’ का विमोचन आज राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा योजना भवन, नवा रायपुर में किया गया। रिपोर्ट अनुसार एसडीजी के विभिन्न लक्ष्यों में राज्य द्वारा उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है।कार्यक्रम में ’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट-2022 छत्तीसगढ़’ पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। जानकारी दी गई कि स्टेट इंडिकेटर फ्रेमवर्क में शामिल 40 इंडिकेटर्स अंतर्गत 2030 का लक्ष्य 2022 में ही हासिल कर लिया गया है। 84 इंडिकेटर्स का 2030 तक का लक्ष्य भी आगामी 2-3 वर्षो में हासिल किया जाना संभावित है। ’’एसडीजी गोल 1 (नो पॉवर्टी)’’ से संबंधित इंडिकेटर के उपलब्ध हुये डाटा के आधार पर यह स्पष्ट हुआ कि इस गोल को आंकलित करने वाले संकेतक ’मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी स्कोर’ (एमपीआई स्कोर) अनुसार राज्य में 40 लाख लोगो को गरीबी रेखा से ऊपर हुए है। जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं-राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी, मुख्यमंत्री हाट बाजार, शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, पढ़ई तुहर द्वार इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। एमपीआई स्कोर मूलतः 12 संकेतको का इंडेक्स है, जो कि पोषण, स्वास्थ्य, जीवन स्तर, शिक्षा एवं वित्तीय समावेशन से संबंधित होते है। संकेतक-’स्वास्थ्य योजना एवं बीमा कवरेज’ में भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है। इसमें राज्य की प्रमुख योजना जैसे-खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना, मुख्यमंत्री दवापेटी योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण एवं हृदय योजना, दाई-दीदी एवं महतारी जतन योजना का महत्वपूर्ण योगदान है। ’एसडीजी गोल 2 (जीरो हंगर)’ – के अंतर्गत उल्लेखनीय प्रगति करने वाले संकेतक ’खाद्य सुरक्षा अधिनियम में शामिल लाभार्थी’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – अंत्योदय योजना अंतर्गत 1 रूपए में अनाज वितरण, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, आयोडाईज्ड अमृत नमक, चना एवं शक्कर प्रदाय योजना इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। संकेतक – ’कृषि में सकल मूल्यवर्धन’ में भी छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन बहुत ही अच्छा रहा है। इसमें राज्य की प्रमुख योजना जैसे – राजीव गांधी किसान न्याय योजना, कृषि बजट में उत्तरोत्तर वृद्धि, अधिकतम फसलो को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाना का मुख्य योगदान है। ’एसडीजी गोल 4 (क्वालिटी एजुकेशन)’ के अंतर्गत उल्लेखनीय प्रगति करने वाले संकेतक ’माध्यमिक शिक्षा में ड्रापऑट दर एवं लैंगिक समानता सूचकांक’ ’प्रारंभिक शिक्षा सकल नामांकन’ ’प्रशिक्षित शिक्षको का अनुपात’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – पढई तुहर द्वार, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल, गणवेश प्रदाय योजना, मध्यान्ह भोजन प्रदाय योजना का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ’एसडीजी गोल 5 (लैंगिक समानता)’ के अंतर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रदर्शन कर पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रगति करने वाले प्रमुख संकेतक ’स्थानीय स्व-शासन में महिलाओ का प्रतिनिधित्व’, ’महिलाओ के विरूद्ध अपराध’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – सबला योजना, पौनी पसारी योजना, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सखी वन स्टाफ योजना, महिला कोष योजना इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ’एसडीजी गोल 6 (क्लीन वाटर एण्ड सेनिटेशन)’ के अंतर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है। प्रगति करने वाले प्रमुख संकेतक ’’ओडीएफ लक्ष्य प्राप्ति’’ ’’सीवेज उपचार’’ ’पाईप लाईन जलप्रदाय’, ’उन्नत पेयजल स्त्रोत उपयोगकर्ता’, ’शहरी एवं ग्रामीण आबादी को शौचालय सुविधा’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – ग्रामीण जल प्रदाय योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
’’एसडीजी गोल 8 (डिसेन्ट वर्क एण्ड इकोनॉमी ग्रोथ)’’ के अंतर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है। प्रगति करने वाले प्रमुख संकेतक ’’ईज ऑफ डुइंग बिजनेस स्कोर’’ ’’बैंक खाता धारक परिवार’’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – रीपा योजना, मुख्यमंत्री शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। ’’एसडीजी गोल 11 (सस्टेनेबल सिटीज एण्ड कम्यूनिटी)’’के अंतर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है। प्रगति करने वाले प्रमुख संकेतक ’’अपशिष्ट संग्रहण, संधारण एवं उपचारण’’ ’’आवास योजना अंतर्गत पूर्ण किये गये मकान’’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – मिशन क्लीन सिटी योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा ’एसडीजी गोल 12 (रिस्पोन्सबल, कन्जम्शन एण्ड प्रोड्क्शन)’ के अंतर्गत राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त की है। प्रगति करने वाले प्रमुख संकेतक ’’कृषि क्षेत्र में रसायनिक खाद्य के उपयोग में कमी’, ’अपशिष्ट संयंत्रो की स्थापना’, ’फसल भण्डार एवं वितरण हानि में कमी’, ’प्रति व्यक्ति भोजन उपलब्धता’ में राज्य का प्रदर्शन उल्लेखनीय है, जिसमें राज्य की प्रमुख योजनाएं – यूनिवर्सल पीडीएस योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, विभिन्न सिंचाई योजना, सोलर पम्प वितरण योजना एवं कृषि उपकरण वितरण योजना इत्यादि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम ने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश सतत विकास लक्ष्य (एस.डी.जी.) लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध है। ’’जनघोषणा पत्र’’ के उद्देश्यों में भी एस.डी.जी. लक्ष्य के अनुरूप ’अंत्योदय’ का संकल्प सम्मिलित है। एस.डी.जी. के सिद्धांत के अनुरूप ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार अपनी योजनाओं को इस प्रकार क्रियान्वित कर रही है, जिससे विकास के लाभ अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंच सके। एस.डी.जी. के क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार के विभागों द्वारा अनवरत प्रयास अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार की गई ’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’ निर्धारित लक्ष्य की प्राप्त करने की दिशा में पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा। यह रिपोर्ट संबंधित विभागों को अपनी स्थानीय क्रियान्वयन प्रतिबद्धता की पहचान कर अपने हितधारकों के बहुमुखी विकास सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी। डॉ. टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप 2030 तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ति हेतु हर संभव प्रयास सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने राज्य योजना आयोग के अधिकारियों एवं एसडीजी टीम को छत्तीसगढ़ के लिए ’स्टेट इंडिकेटर बेसलाइन एवं प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022’ तैयार करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएॅ दी।राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत् विकास को सुनिश्चित करने 17(SDG)लक्ष्य निर्धारित किये गये है। इन सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के उद्देश्यों की पूर्ति वर्ष 2030 तक करने के लिए देश तथा राज्य प्रतिबद्ध है। उन्होंने बतलाया कि संबंधित विभागो को एसडीजी प्रगति की मॉनिटरिंग में सहायता हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा ’’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’’ तैयार की गई है। रिपोर्ट में शामिल कई इंडिकेटर्स में राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, जो कि शासन की महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजनाओं का परिणाम है। इस रिपोर्ट के आधार पर विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों संबंधित योजनाओं के प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन प्रभावी रूप से कर सकेंगे।मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा द्वारा बतलाया गया कि ’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’ आधारित यह रिपोर्ट एसडीजी लक्ष्यों का स्थानीयकरण कर अपने लक्ष्य प्राप्ति में मदद करेगा। यह एसडीजी की योजना बनाने से लेकर निगरानी और कार्यान्वयन तक जिला प्रशासन एवं समस्त विभागों को फ्रेमवर्क भी प्रदान करता है। राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गये ’’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’’ बहुत उपयोगी टूल है, जो कि राज्य में सतत् विकास लक्ष्यों के अनुश्रवण एवं कोर्स करेक्शन, साक्ष्य आधारित नीति निर्धारण में सहायक होगा।राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमणियम द्वारा एसडीजी पृष्ठभूमि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । उन्होंने बतलाया गया कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार की गई ’एसडीजी बेसलाईन एण्ड प्रोग्रेस रिपोर्ट, 2022 छत्तीसगढ़’ 2030 तक निर्धारित लक्ष्य की प्राप्त करने की दिशा में पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा। यह रिपोर्ट विभागों की बहुमुखी विकास सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेगी तथा संबंधित विभाग 2030 तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ति हेतु हर संभव प्रयास सुनिश्चित करेंगे।छत्तीसगढ़ यूनिसेफ प्रमुख श्री जॉब जकारिया द्वारा बतलाया गया कि काफी कम राज्यों द्वारा एसडीजी संबंधित फ्रेमवर्क और उन पर आधारित रिपोर्ट जारी की गई है। जिनमें से छत्तीसगढ़ की उपलब्धि विशेष है। राज्य द्वारा मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। डिस्ट्रिक्ट स्तर के एसडीजी संबंधित ऑकड़े उपलब्ध कराने वाले राज्य अल्पतम है। राज्य योजना आयोग के सदस्य सचिव श्री अनूप कुमार श्रीवास्तव द्वारा बतलाया गया कि इस रिपोर्ट में प्रत्येक सतत् विकास लक्ष्य हेतु निर्धारित विजन एवं उसके अंतर्गत की गई अपेक्षाओ का उल्लेख विशेष प्रकार से प्रदर्शित किया गया है, जिससे विभागो को अपने लक्ष्य संबंधी योजनाओं को अपेक्षित दिशा देने में व्यवहारिक सहायता मिल सकेगी, समावेश किया गया है। जिसको संज्ञान में लेकर संबंधित विभाग प्रभावी रणनीति का निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। रिपोर्ट को संबंधित विभागो के अधिकारियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स से सतत् विमर्श किया गया है। राज्य योजना आयोग द्वारा अल्प समय में एवं सीमित संसाधन के साथ तत्परता से एसडीजी के मॉनिटरिंग में सहायता हेतु फ्रेमवर्क निर्धारण का कार्य किया गया है। इस फ्रेमवर्क पर आधारित रिपोर्टस को भी नियमित रूप से जारी किया जा रहा है।बैठक में संयुक्त संचालक राज्य योजना आयोग डॉ. नीतू गौरडिया, सोशल पॉलिसी एक्सपर्ट यूनिसेफ श्री बाल परितोष दास एवं राज्य योजना आयोग के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
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’’मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी स्कोर’’ अनुसार राज्य में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए