बस्तर कांकेर 06 नवंबर 2022\ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक-80 भानुप्रतापपुर के लिए उप निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिला उत्तर बस्तर कांकेर में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा ने आज पत्रकार वार्ता लेकर भानुप्रतापपुर विधानसभा उप निर्वाचन की जानकारी देते हुए बताया कि निर्वाचन के लिए अधिसूचना का प्रकाशन 10 नवम्बर गुरुवार को किया जायेगा तथा नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवम्बर गुरुवार निर्धारित की गई है। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 18 नवम्बर शुक्रवार को की जायेगी तथा नाम वापसी की अंतिम तिथि 21 नवम्बर सोमवार तक निर्धारित किया गया है। मतदान 05 दिसम्बर सोमवार को संपन्न कराया जायेगा तथा मतगणना 08 दिसम्बर गुरुवार को की जायेगी।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-80, भानुप्रतापपुर (अजजा) में 256 मतदान केंद्र हैं, जिनमे से 17 शहरी क्षेत्र में एवं 239 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। कुल 243 पोलिंग स्टेशन लोकेशन हैं, जिनमे से 15 शहरी क्षेत्र में एवं 228 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश अनुसार मतदान केंद्र में अधिकतम मतदाताओं की संख्या को 1500 तक रखा गया है। विधानसभा क्षेत्र में नक्सल दृष्टिकोण से 10 अतिसंवेदनशील, 47 संवेदनशील, 24 राजनैतिक संवेदनशील तथा 175 सामान्य मतदान केंद्र हैं।
उन्होंने कहा कि विधानसभा उप निर्वाचन की संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने संबंधी समस्त उपाय किए जायेंगे। कोरोना संबंधित, संदिग्ध (प्रमाणित) मतदाता, दिव्यांग मतदाता एवं 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता को डाक मतपत्र से मतदान करने की सुविधा प्रदान की गई है। मतदाताओं की पहचान मुख्यतः मतदाता फोटो परिचय पत्र एवं आयोग द्वारा मान्य किए गए अन्य 12 दस्तावेजों के माध्यम से ही किया जा सकेगा।
निर्वाचक नांमावली 01 जनवरी 2022 को अर्हता तिथि मानते हुए तैयार एवं 05 जनवरी 2022 को अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में दर्ज मतदाता और सतत अद्यतीकरण के दौरान जुड़े मतदाता इस निर्वाचन में मतदान कर सकेंगे। निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन के बाद वर्तमान में सतत अद्यतीकरण की प्रक्रिया जारी है। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-80, भानुप्रतापपुर (अजजा) हेतु उप निर्वाचन के लिए तैयार की जाने वाली निर्वाचक नामावली में नाम दर्ज करने की कार्यवाही निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के स्तर पर नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि तक की जाएगी, परंतु इसके लिए आवेदक को नामांकन हेतु निर्धारित अंतिम तिथि के 10 दिन पूर्व आवेदन करना होगा.
भानुप्रतापपुर निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान स्थिति में निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1,95,678 है जिनमें से 95,186 पुरुष मतदाता, 1,00,491 महिला मतदाता तथा 01 तृतीय लिंग मतदाता है। विधानसभा निर्वाचन-2018 के दौरान कुल मतदाताओं की संख्या 1,90,164 थी। इस प्रकार मतदाताओं की संख्या में 5,514 की वृद्धि हुई है। चिन्हांकित दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 855 है। कुल मतदाताओं में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 3490 है, जिनमें 1840 पुरूष, 1650 महिलाएं है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 1,875 है, जिनमें 640 पुरूष एवं 1235 महिलाएं हैं। सेवा मतदाताओं की संख्या 548 है, जिनमें 529 पुरुष तथा 19 महिला मतदाता है। सभी सेवा मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से डाक मतपत्र जारी किए जाएंगे। विधानसभा निर्वाचन 2018 में इस विधानसभा क्षेत्र में 77.25 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि विधानसभा निर्वाचन 2013 में इस विधानसभा क्षेत्र में 79.26 प्रतिशत मतदान हुआ था। लोकसभा निर्वाचन 2019 में इस विधानसभा क्षेत्र में 71.09 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन के लिए रिटर्निंग ऑफिसर एवं सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति की जा चुकी है एवं प्रशिक्षण प्रक्रियाधीन है। निर्वाचन हेतु पर्याप्त सुरक्षा बल की व्यवस्था की जा रही है। अभ्यर्थियों को ऑनलाईन नाम निर्देशन पत्र एवं शपथ पत्र भरकर उसका प्रिंट आउट निकाल कर हस्ताक्षर, शपथपत्र को नोटरीकरण (दवजंतप्रंजपवद) पश्चात हार्ड कॉपी रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है। चूंकि यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है अतः इस निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के लिए जमा की जाने वाली जमानत राशि रुपये 5,000 (पांच हजार) होगी। नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करते समय अभ्यर्थी के साथ केवल चार व्यक्ति रिटर्निंग ऑफिसर के कक्ष में प्रवेश कर सकते हैं। नामनिर्देशन हेतु प्रयोग किए जाने वाले वाहनों की अधिकतम संख्या 03 होगी।
उन्होंने कहा कि डोर टू डोर प्रचार, रोड शो एवं रैली के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या 40 होगी, जबकि गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के लिए यह संख्या 20 होगी। राजनीतिक दलों को स्टार प्रचारकों की सूची निर्वाचन की अधिसूचना प्रकाशन के सात दिवस के भीतर देनी होगी। रात्रि 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक रैली और जनसंपर्क पर प्रतिबंध होगा। सभी तरह की सभाएं जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा पूर्व से चिन्हांकित स्थान पर ही किया जा सकेगा एवं सभाओं में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को मतदान हेतु जागरूक करने के लिए स्वीप अभियान के माध्यम से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया से भी मतदाताओं को जागरूक करने में आवश्यक सहयोग की अपेक्षा उनके द्वारा की गई।
आदर्श आचार संहिता
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-80 भानुप्रतापपुर (अजजा) विधानसभा के लिए उप निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिला उत्तर बस्तर कांकेर में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी संपत्ति पर सभी राजनैतिक विज्ञापन की वाल राइटिंग, पोस्टर्स, पेपर्स या किसी अन्य रूप में विरूपण, कट आउट, होर्डिंग्स, बैनर, फ्लैग आदि निर्वाचन की घोषणा से 24 घंटे के भीतर हटा दिये जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति तथा सार्वजनिक स्थानों में सभी राजनैतिक विज्ञापन या किसी अन्य रूप में विरूपण कट आउट, होर्डिंग, बैनर, फ्लैग इत्यादि निर्वचनों की घोषणा से 48 घंटों के भीतर हटा दिये जाएंगे। निजी संपत्ति पर प्रदर्शित सभी अप्राधिकृत राजनैतिक विज्ञापन तथा स्थानीय विधि एवं न्यायालय के निर्देशों, यदि कोई हो, के अधीन, सभी विज्ञापन आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा से 72 घंटे के भीतर हटा दिए जाएंगे। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिला अंतर्गत कल्याणकारी घोषणा, कार्यों पर प्रतिबंध के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश लागू होंगे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 28-क के अधीन निर्वाचनों के संचालन के लिए नियोजित समस्त अधिकारी कर्मचारी परिणाम घोषित होने तक निर्वाचन आयोग में प्रतिनियुक्ति पर समझे जाएंगे और उस समय तक निर्वाचन आयोग के नियंत्रण, अधीक्षण और अनुशासन के अधीन रहेंगे। इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर उसे गंभीरता से लिया जाएगा। निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात शासन के सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों से आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध उनके द्वारा किया गया है।
निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि निर्वाचन हेतु अभ्यर्थी को एक पृथक बैंक अकाउंट नामांकन दाखिल करने के कम से कम एक दिन पूर्व खोलना होगा एवं नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को इस पृथक बैंक अकाउंट का उल्लेख करना होगा। नामनिर्देशन की तारीख से लेकर परिणाम की घोषणा तक दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हुए समस्त व्यय उक्त बैंकिंग अकाउंट से स्वयं या उसके निर्वाचन एजेंट द्वारा किया जाएगा। निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थी द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन व्यय की सीमा 40 लाख रुपये होगी। नामांकन पत्र दाखिल करते समय अभ्यर्थी को अपने समस्त चल अचल संपत्ति के बारे में शपथ पत्र में जानकारी देनी होगी। अभ्यार्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह प्रचार अवधि के दौरान कम से कम तीन बार निजी रूप से या अपने निर्वाचन एजेंट के माध्यम से या अपने द्वारा विधिवत रूप से प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा व्यय प्रेक्षक, निरीक्षण के लिए पदाभिहित अधिकारी के सम्मुख रजिस्टर पेश करेंगे। परिणाम घोषणा के 30 दिवस के भीतर अभ्यर्थी को अपने लेखे का विवरण जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित समय में व्यय लेखा जमा नहीं करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 10 क के तहत अभ्यर्थी को 3 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है। यदि अभ्यर्थी का कोई अपराधिक पूर्ववृत्त है तो, अभ्यर्थी को निर्धारित प्ररूप में नाम वापसी के पश्चात मतदान दिवस के दो दिन पूर्व तक तीन बार समाचार पत्र एवं टेलीविजन में अपने अपराधिक मामले के विषय में प्रकाशन, प्रसारण करना होगा। यदि अभ्यर्थी किसी पंजीकृत राजनीतिक दल द्वारा खड़ा किया गया है, तो उसे अपने आपराधिक पूर्ववृत्त की सूचना अपने दल को भी देनी होगी और ऐसे राजनीतिक दल को अभ्यर्थी के आपराधिक पूर्ववृत्त का प्रकाशन और प्रसारण एक स्थानीय समाचार पत्र एवं एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में प्रकाशन एवं टेलीविजन पर प्रसारण करना अपेक्षित है, साथ ही ऐसे आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थी की समस्त जानकारी अपने वेबसाइट तथा सोशल मीडिया यथा फेसबुक, ट्विटर आदि पर भी प्रकाशित करनी होगी। उन्हें यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक चरित्र वाले अभ्यर्थी के स्थान पर आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थी के चयन का कारण क्या है। नाम वापसी के अंतिम दिन से चौथे दिन में पहला प्रकाशन, नाम वापसी के अंतिम दिन के 5 से 8 दिन में दूसरा प्रकाशन एवं नाम वापसी के अंतिम दिन के 9वें दिन से प्रचार प्रसार के अंतिम दिन तक तीसरा प्रकाशन करवाना होगा। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन न करना माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आएगा।
मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति
राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति राजनैतिक विज्ञापनों का प्रमाणन करेगी। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सभी माध्यम जैसे टीवी चैनल, केबल टीवी चैनल, रेडियो (निजी एफएम रेडियो सहित), ई-समाचार पत्र, बल्क, एस.एम.एस., वॉइस मैसेज, सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम, सोशल मीडिया, वेब पेज पर राजनीतिक विज्ञापन प्रसारण से पूर्व उपरोक्त कमेटी से क्रमशः राजनीतिक दल एवं अभ्यर्थी अनुमति लेंगे। मीडिया मॉनिटरिंग सेल द्वारा भ्रामक समाचार, फेक न्यूज़ की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। पेड न्यूज़ के इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया में प्रसारण पर भी एमसीएमसी कमेटी द्वारा कार्रवाई की जाएगी। निर्वाचन संबंधी किसी विज्ञापन, पोस्टर, पर्चे या किसी अन्य अभिलेख पर उसके प्रकाशक एवं प्रिंटर का नाम, पता एवं मुद्रित संख्या छपा होना आवश्यक है।