रायपुर। भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्यू की कानून व्यवस्थ ध्वस्त हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। मासूम बच्चियों के साथ घृणित दुराचार की घटनाये बढ़ गयी। रोज समाचारों में प्रदेश भर में तीन से चार मासूम अबोध बच्चियों के साथ तथा सामूहिक दुराचार की घटनाओं की खबरे सामने आ रही। तीन माह में प्रदेश में 36 से अधिक हत्याओं की घटना हो गयी है। राजधानी रायपुर में तीन गोलीकांड हो गया, लूट, चाकूबाजी, चैन स्नेचिंग तो रायपुर की पहचान बन गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा राज के तीन महिने में ही छत्तीसगढ़ अपराध गढ़ बन गया है। भाजपा राज में अपराधी बेलगाम हो गये। प्रदेश में आम आदमी का जीवन सुरक्षित नहीं है। दुर्ग में 16 वर्ष की एक मासूम बच्ची के गले में ब्लेड मार कर हत्या की कोशिश किया गया। दो महिने में राजधानी में सरेआम गोलीबारी की दो घटनायें हो गयी। राजिम में एक 10 वर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ इसी हफ्ते बालोद जिले में 2 वर्षीय बच्ची के साथ, अंबिकापुर जिले में नाबालिक बच्ची के साथ बलात्कार की घटना घटती है। गृहमंत्री के गृह क्षेत्र कवर्धा में सरेआम हत्या हो गयी। ऐसी ही घटना पर सांप्रदायिकता का जहर घोलने वाले भाजपाई इस घटना पर मौन हो गये है। राजधानी रायपुर से लेकर प्रदेश के सभी शहरो में लगातार हत्या, लूट, चाकूबाजी की घटनायें बढ़ गयी है। राजधानी में सरे आम चाकू मारकर युवक की हत्या कर दी गयी। एक दूसरी घटना में राजधानी में ही अपराधियों ने दौड़ा-दौड़ा कर युवक की हत्या कर दिया। जोरा में एक व्यक्ति को गोली मार दी गयी। कांकेर के पखांजूर में भाजपा नेता असीम राय की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। प्रदेश के हर शहर में चाकूबाजी, लूट की वारदाते आम हो गयी है। सरकार बदलते ही ऐसा लगने लगा है जैसे कानून का राज समाप्त हो गया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा सरकार की अकर्मण्यता और मति भ्रम के कारण राज्य में नक्सली घटनाओं मे बढ़ोतरी हो गयी। 5 सालों के कांग्रेस के कार्यकाल में नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत कमी आई थी, भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश में नक्सली वारदातों में बढोतरी हो गयी है। विष्णुदेव साय सरकार बनने के बाद से लगभग हर दिन नक्सली घटनाएं हो रही है। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही विगत तीन महीनो के भीतरी ही 40 से अधिक घटनाओं को नक्सलियों ने अंजाम दिया है। भाजपा सरकार की नाकामी का खामियाजा भोले भाले आदिवासी जनता भुगत रही है। जिस तरह से पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार के 2003 से 2018 के 15 वर्षों में हजारों आदिवासी, नक्सली घटनाओं में मारे गए, हजार से अधिक सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए थे और हजारों फर्जी प्रकरण बनाकर निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद किया गया था। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही अब एक बार फिर वही दौर आ गया है।