बिलासपुर ,28 नवम्बर 2022 /
आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक, सदस्य शशिकांता राठौर और अर्चना उपाध्याय ने सोमवार को सिंचाई विभाग के सभागार प्रार्थना भवन में महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर सुनवाई की। इस दौरान 30 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 11 का निराकरण किया गया।
एक महत्वपूर्ण प्रकरण में आयोग ने झीरम घाटी में बलिदानी की मां को पेंशन राशि दिलाने और परिवार के बीच सामंजस्य बना प्रकरण में स्थायी समाधान करने का निर्णय लिया। इसके लिए प्रकरण के संक्षिप्त तथ्यों का उल्लेख करते हुए आर्डरशीट की प्रमाणित प्रति के साथ मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, गृहमंत्री मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र भेजने का निर्णय लिया गया। इस प्रकरण में बताया गया कि आवेदिका के पति और अनावेदक के पुत्र झीरम घाटी में बलिदान हुए थे। उस समय उनकी पदस्थापना जगदलपुर में नंदकुमार पटेल के फालोगार्ड के रूप में थी। वे अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। उनका विवाह अनावेदिका से वर्ष 2011 में हुआ था। वे 2008 से शासकीय सेवा में कार्यरत थे। उनकी मां का नाम नामिनी के रूप में दर्ज कराया गया था। पत्नी का नाम शासकीय अभिलेख में दर्ज नहीं था। सामाजिक, पारिवारिक और विभागीय सदस्यों की समझाइश पर अनावेदक ने अनुकंपा नियुक्ति के अनावेदिका का नाम अभिलेख में दर्ज कराया। जिसके आधार पर अनावेदिका की अनुकंपा नियुक्ति सहायक सब इंस्पेक्टर के रूप में आइजी आफिस में हुई। मृत्यु के पश्चात 38 लाख स्र्पये एकमुश्त और 20 हजार पेंशन मिलने लगी। आवेदिका का कथन है कि उन्होंने अनावेदक माता-पिता को 12 लाख स्र्पये दिए थे। आवेदिका ने वर्ष 2019 में ही अपने विभाग में लिपिक के रूप में पदस्थ व्यक्ति से पुनर्विवाह कर लिया। आवेदिका ने यह भी बताया कि अनावेदक उसकी अनुकंपा नियुक्ति समाप्त करने और पेंशन पाने के लिए अलग-अलग शिकायत कर रहे हैं।