कलेक्टर डॉ भुरे ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर के रैकिंग हेतु डेल्टा अचीवमेंट स्कोर के अनुसार गणना किया जाता है। उन्होंने बताया कि ओडीएफ ग्राम घोषित किए जाने हेतु आवश्यक मापदंड में ओ डी एफ प्लस उदीयमान अंतर्गत- ग्राम के सभी परिवारों एवं संस्थानों में शौचालय, एवं गांव में ठोस अथवा तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था करना तथा ओडीएफ प्लस उज्जवल अंतर्गत- ग्राम के सभी परिवारों एवं संस्थानों में शौचालय तथा गांव में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था और ओ.डी.एफ. प्लस उत्कृष्ट अंतर्गत- ग्राम के सभी परिवार एवं संस्थानों में शौचालय, गांव में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, कम कूड़ा, कम जमा पानी, और प्लास्टिक अपशिष्ट जमा न हो एवं पांच प्रकार की आई ई सी पेंटिंग शामिल है।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा ने बताया कि ग्राम को ओ.डी.एफ. प्लस घोषित करने हेतु 478 ग्राम से 264 ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और 356 ग्रामों को तरल अपशिष्ट प्रबंधन में चिन्हित कर दिया गया है। जिसमें उदीयमान में कुल 193 गांव, उज्जवल में कुल 111 गांव एवं उत्कृष्ट में 86 गांव घोषित करते हुए कुल 390 ग्राम को ओ.डी.एफ. ग्राम घोषित किया गया है। कुल ग्राम से 81.58 प्रतिशत ग्राम को ओडीएफ प्लस ग्राम घोषित किया गया है तथा ओ.डी.एफ. प्लस फेस-2 अंतर्गत कुल 296 सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया है जिसका सामुदायिक स्तर पर उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ओडीएफ प्लस फेस-2 अंतर्गत कुल 319 ग्राम में ठोस कचरा पृथक्करण शेड के साथ वर्मी एवं नाडेप का निर्माण कर इन ग्रामों में स्वच्छता ग्राही दीदियों को संलग्न कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य पंचायत स्तर में किया जा रहा है। ओडीएफ प्लस फेस 2 अंतर्गत सभी ग्राम पंचायत एवं ग्रामों में ओडीएफ के स्थायित्व को बनाए रखने हेतु शिक्षा ग्राही द्वारा ग्राम/ ग्राम पंचायत स्तर में विभिन्न गतिविधियां जैसे- सामूहिक श्रमदान, नारा लेखन, दीवाल लेखन, रात्रि चौपाल एवं सामूहिक बैठक अन्य कार्य किया जा रहा है।